कुछ ही दिनों में गर्मियों का मौसम दस्तक देने वाला है। गर्मी के मौसम में छाछ, लस्सी, कोल्ड ड्रिंक, जूस, आम पन्ना और सोडा की डिमांड काफी बढ़ जाती है। लस्सी और छाछ के मुकाबले गर्मियों के मौसम में यंगस्टर्स के बीच कोल्ड ड्रिंक और पैकेड वाले डाइट कोल्ड ड्रिंक्स यानी की सोडा की डिमांड काफी ज्यादा रहती है। कोल्ड ड्रिंक और सोडा आसानी से हर जगह पैकेज वाली बोतल में मिल जाते हैं और देखने में काफी कूल लगते हैं इसलिए यंग लोगों को पसंद भी आते हैं। वहीं खुद को हेल्दी कहने वाले कुछ लोग गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक को इग्नोर करते हैं और डाइट कोल्ड ड्रिंक्स को लेना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों का मानना होता है कि नॉर्मल कोल्ड ड्रिंक के मुकाबले सोडा सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाता है।
कुछ दिन पहले की ही बात है मेरा छोटा भाई घर में डाइट सोडा लाने की बात कर रहा था। उसने पापा से कहा गर्मी में खाना खाने के बाद एक गिलास डाइट सोडा पी लो तो गैस, कब्ज और पेट दर्द की प्रॉब्लम नहीं होती है। भाई की बात सुनने के बाद मैंने जवाब दिया कि क्या बात हुई। कोल्ड ड्रिंक हो या फिर सोडा दोनों ही सेहत को नुकसान ही पहुंचाती है। मेरी बात पर जवाब देते हुए भाई ने कहा कि नहीं बहन डाइट सोडा, कोल्ड ड्रिंक के मुकाबले बहुत कम नुकसान पहुंचाता है। मेरे भाई की तरह कई लोग ऐसा ही सोचते हैं। लेकिन क्या वाकई डाइट सोडा, नॉर्मल कोल्ड ड्रिंक से कम नुकसानदायक है? इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने अपोले अस्पताल की न्यूट्रिशनिस्ट दीपिका अग्रवाल से बात की।
क्या डाइट कोल्डड्रिंक्स (सोडा) नॉर्मल कोल्डड्रिंक्स के मुकाबले कम नुकसानदायक होती हैं?
न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि नॉर्मल कोल्ड ड्रिंक हो या फिर डाइट सोडा दोनों को ही बनाने के लिए शुगर और कैफीन का इस्तेमाल होता है। डाइट सोडा में कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए यह दोनों ही चीजें पीना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होता है। एक्सपर्ट की मानें तो गर्मी या किसी भी मौसम में महीने में 1 से 2 बार अगर नॉर्मल कोल्ड ड्रिंक और डाइट सोडा का सेवन किया जाए तो यह सेफ है, लेकिन इसका सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाए तो यह लिवर और किडनी पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
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नॉर्मल कोल्ड ड्रिंक पीने के नुकसाऩ
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि ज्यादा मात्रा में अगर कोल्ड ड्रिंक का सेवन किया जाए तो इससे टाइप-1 डायबिटीज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ सकता है। इसमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है जो डायबिटीज की वजह बन सकती है।
ज्यादा कैफीन और शुगर होने की वजह से कोल्ड ड्रिंक पानी से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर टिगर कर सकता है और हार्ट से संबंधित बीमारियों का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।
कई कोल्ड ड्रिंक में चीनी की मात्रा तो कम होती है लेकिन उसको बनाने के लिए हाई कैफीन का इस्तेमाल किया जाता है। गर्मी के मौसम में ज्यादा कैफीन लेने से डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम हो सकती है।
इसके अलावा नॉर्मल कोल्ड ड्रिंक पीने से फैटी लिवर, किडनी और लंग्स से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी रहता है।
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