कोविड के केस थमने का नाम नहीं ले रहे हैं इस बीच ब्रिटेन में हुए एक शोध से लोगों में वैक्सीन के प्रति विश्वास बढ़ सकता है। दरअसल शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन में एक शोध किया जिसमें ये कहा गया है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड वैक्सीन पूरी उम्र आपको कोविड संक्रमण से सुरक्षित रख सकती है और इस वैक्सीन से बनने वाली एंटी-बॉडीज कोविड से ज्यादातर वैरिएंट्स पर असरदार है। अगर आप भारत में लग रही दोनों वैक्सीन कोवाक्सीन और कोविशील्ड की तुलना करें तो कोवाक्सीन की तुलना में लोगों को कोविशील्ड ज्यादा लगाई गई है। इस लेख में हम वैक्सीन और शोध से जुड़ी जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे। इस शोध पर एक्सपर्ट की राय जानने के लिए हमने वायरोलॉजिस्ट पविथ्रा वेंकटागोपालन से बात की जो बीते 7 सालों से कोरोना वायरस पर शोध कर रही हैं।
लाइफटाइम के लिए कोविड संक्रमण से बचा सकती है कोविशील्ड?
स्टडी के मुताबिक कोविशील्ड लगवाने के बाद आपके शरीर में एंटीबॉडीज बनती है और इससे शरीर में टी-कोशिकाओं की मात्रा बढ़ती है जिससे कोविड संक्रमण को खत्म किया जा सकता है। शोध में बताया गया है कि जॉनसन या ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन, शरीर को इस तरह से प्रतिरोधक क्षमता देती है कि टी-कोशिकाओं का निर्मार्ण बॉडी में होता रहता है। शोधकर्ताओं की मानें तो वैक्सीन की टी-कोशिकाओं का निर्माण पूरी उम्र के लिए हो सकता है इसका मतलब स्टडी के मुताबिक ये मुमकिन है कि कोविशील्ड वैक्सीन पूरी जिंदगी आपको कोविड संक्रमण से बचाकर रखे।
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वैक्सीन से शरीर में बढ़ने वाली टी-कोशिकाएं संक्रमण से लड़ने के लिए क्यों जरूरी है?
शरीर में बनने वाली टी-कोशिकाओं से बनने से शरीर कोविड के खिलाफ लड़ सकता है। इन कोशिकाओं को फाइब्रोब्लास्टिक रेटिकुलर सेल कहा जाता है। अगर आपकी बॉडी में इन टी-कोशिकाओं की भरपूर मात्रा है तो ये वायरस को खत्म कर देंगी और इस तरह आप संक्रमण से बच सकेंगे। भारत में कोविशील्ड को सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित किया जाता है। कोविड 19 की रोकथाम के लिए बनी कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई थी। पहली खुराक के बाद कोविशील्ड 76 प्रतिशत प्रभावशाली मानी जाती है और कोविशील्ड की दूसरी खुराक के बाद वैक्सीन की प्रभावशीलता 81.3 दर्ज की गई है।
डेल्टा और अल्फा वैरिएंट से भी मिलेगी सुरक्षा?
शोध में कहा गया है कोविशील्ड से कोविड के डेल्टा और अल्फा वैरिएंट से शरीर को सुरक्षा मिलेगी। दुनियाभर में कोविड का डेल्टा वैरिएंटस कहर बरपा रहा है ऐसे में अगर कोविशील्ड लोगों को लाइफ लॉन्ग सुरक्षा देती है तो ये बड़ी राहत की बात होगी। शोध में बताया गया है कि कोविशील्ड की दो खुराश लेने के बाद, कोविड के डेल्टा वैरिएंट से 92 प्रतिशत सुरक्षा मिलती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस वैक्सीन की प्रभावशीलता डेल्टा और अल्फा वैरिएंट के खिलाफ 74 और 64 प्रतिशत हो सकती है।
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इस रिसर्च पर क्या है एक्सपर्ट की राय?
वायरोलॉजिस्ट पविथ्रा वेंकटागोपालन ने बताया कि कोविशील्ड वायरस के खिलाफ हमें काफी हद तक सुरक्षा प्रदान करती है लेकिन ये कहना मुश्किल है कि वैक्सीन से आपको लाइफटाइम इम्यूनिटी मिल सकती है या नहीं क्योंकि वैक्सीन का असर इम्यूनिटी के मैकेनिजम पर निर्भर करता है जो हर इंसान में अलग होती है। बैंकॉक में डॉ प्रमोद कुमार गर्ग द्वारा लीड की गई वैज्ञानिकों की टीम ने भारत की एक स्टडी को रिपोर्ट किया है जिसके मुताबिक कोविशील्ड, कोविड के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 63 प्रतिशत प्रभावशाली है। कोविशील्ड वैक्सीन की डोज लगने के बाद इम्यूनिटी बनने में 2 से 3 हफ्ते का समय लगता है, फिलहाल शोध के आधार पर डॉक्टर्स, शोधकर्ता इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि क्या वाकई वैक्सीन लगने के बाद आपको वायरस से लाइफटाइम प्रोटेक्शन मिल सकती है, क्योंकि कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें वैक्सीन लगने के बाद कोविड संक्रमण हुआ है।
इस लेख को स्टडी के आधार पर लिखा गया है, इस सूचना की पुष्टि या इससे संबंधित अन्य जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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