कोरोना के बाद अब चीन में बंदर से फैले Monkey B वायरस से हुई पहली मौत, जानें इस नए वायरस के बारे में

बंदरों से इंसानों में होने वाले वायरस को मंकी बी वायरस कहा जाता है, ये वायरस मैकाक बंदर से फैलता है
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कोरोना के बाद अब चीन में बंदर से फैले Monkey B वायरस से हुई पहली मौत, जानें इस नए वायरस के बारे में


कोव‍िड के बाद अब मंकी बी वायरस से हुई पहली मौत से लोगों के बीच च‍िंता का माहौल है। चीन की राजधानी बीज‍िंग में मंकी बी वायरस से एक शख्‍स की मौत हो गई है। चीन से आई र‍िपोर्ट्स के अनुसार मंकी बी वायरस के चलते जानवरों के एक डॉक्‍टर की मौत का पहला मामला सामने आया है। जानकारी के मुताब‍िक 53 साल के पशु च‍िकि‍त्‍सक इंस्‍टीट्यूट में नॉन-ह्यूमन प्राइमेट्स पर र‍िसर्च कर रहे थे। मार्च में उन्होंने दो मृत बंदरों पर शोध क‍िया था ज‍िसके एक महीने बाद ही उनमें उल्‍टी और मितली जैसे लक्षण नजर आने लगे। मंकी बी वायरस के बारे में व‍िस्‍तार से जानने के ल‍िए पूरा लेख पढ़ें।

monkey B virus

मंकी बी वायरस क्‍या है? (What is Monkey B Virus) 

मंकी बी वायरस एक तरह का अल्‍फा हर्पीज वायरस है। इसे बी वायरस, हर्पीज बी वायरस के नाम से भी जाना जाता है। ये वायरस मकैक बंदर के काटने या खंरोच लगने से हो सकता है। अगर आप पूछे क‍ि क्‍या मंकी बी वायरस कोव‍िड की तरह एक से दूसरे व्‍यक्‍त‍ि में ट्रांसफर हो सकता है तो अभी ये कहना मुश्‍क‍िल होगा क्‍योंक‍ि अभी केवल पहला मामला दर्ज हुआ है और उस केस में ज‍िस व्‍यक्‍त‍ि की मौत हुई है उसके करीब के लोगों में फ‍िलहाल जांच के बाद मंकी बी वायरस का कोई लक्षण नहीं म‍िला है।

बंदरों से इंसानों में ये वायरस कैसे फैलता है? 

इंसानों में मंकी बी वायरस बंदर के काटने या खरोंच लगने से पहुंचता है। इसके अलावा वायरस की चपेट में आए बंदर की लार, मल-मूल से भी मंकी बी वायरस फैल सकता है। कुछ र‍िपोर्ट्स में ऐसा कहा गया है क‍ि ये वायरस वस्‍तुओं की सतह पर कई घंटों तक जीव‍ित रह सकता है।

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मंकी बी वायरस की वैक्‍सीन अभी नहीं है 

मंकी बी वायरस इंसानों के ल‍िए जानलेवा है क्‍योंक‍ि इससे बचने के ल‍िए अब तक कोई वैक्‍सीन मौजूद नहीं है। हालांक‍ि बी वायरस के इलाज के ल‍िए एंटीवायरस दवाएं जरूर मौजूद है। जानकारी के अनुसार मंकी बी वायरस से मौत का केवल एक मामला अभी सामने आया है। इस वायरस की पहचान साल 1932 में हुई थी। मंकी बी वायरस से संक्रमित व्‍यक्‍त‍ि की मृत्‍यु दर 70 से 80 प्रत‍िशत होती है इसल‍िए फ‍िलहाल बचाव ही इसका उपाय है। जो व्‍यक्‍त‍ि इस वायरस से संक्रम‍ित हो जाता है उसके द‍िमाग और स्‍पाइनल कॉड में सूजन आ सकती है और इलाज न म‍िलने पर व्‍यक्‍त‍ि की मौत हो जाती है।

मंकी बी वायरस होने पर कैसे लक्षण नजर आते हैं? (Symptoms of Monkey B Virus) 

मंकी बी वायरस के कुछ लक्षण कोरोना वायरस जैसे हो सकते हैं और मंकी वायरस होने के लक्षण एक महीने के अंदर ही नजर आने लगते हैं।

  • आपको मंकी बी वायरस होने पर बुखार आ सकता है। 
  • सांस लेने में परेशानी हो सकती है। 
  • ठंड लगना और स‍िर में दर्द होना। 
  • मांसपेश‍ियों में दर्द, पेट में दर्द। 
  • उल्‍टी आना या ह‍िचकी आना। 
  • घाव के आसपास दर्द या खुजली।
  • घाव वाले ह‍िस्‍से में छाले पड़ना। 
  • अगर वायरस शरीर में फैल जाए तो द‍िमाग और रीढ़ की हड्डी में सूजन आ सकती है। 

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मंकी बी वायरस से बचने के ल‍िए क्‍या करें? (Tips to prevent Monkey B Virus)

handwash 

अगर आपको कोई बंदर काट लें तो आपको कुछ जरूरी कदम उठाने चाह‍िए जैसे-

  • अगर बंदर काट लें तो तुरंत उस घाव को पानी और साबुन से साफ कर लें और डॉक्‍टर के पास जाएं। 
  • ऐसी जगह जाने से बचें जहां ज्‍यादा बंदर होते हैं या उन्‍हें सीधे अपने हाथ से कुछ भी ख‍िलाने से आपको बचना चाह‍िए।
  • अगर क‍िसी पशु चिक‍ित्‍सालय या जानवर वाले क्षेत्र में काम करते हैं तो हाथों में दस्‍ताने हर समय पहनकर रखें और चेहरे का ढककर रखें।

वैसे तो मंकी बी वायरस इंसानों में पाई जाने वाली दुर्लभ बीमारी है पर लोगों में इसे लेकर डर है क्‍योंक‍ि इस समय पूरा व‍िश्‍व, वैश्‍व‍िक महामारी की चपेट में है ऐसे में एक और वायरस का आना गंभीर समस्‍या हो सकती है।

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