काम के प्रेशर में लोगों की शारीरिक गतिविधियां कम हो गई है। वहीं खानपान पर ध्यान न देना भी लोगों के लिए एक बड़ी परेशानी का कारण बनता जा रहा है। बाहर का खाना खाने की वजह से पाचन क्रिया प्रभावित होती है और धीरे-धीरे लोगों को कब्ज की समस्या शुरु हो जाती है। वैसे, तो कब्ज की समस्या के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। लेकिन, डॉक्टर का कहना है कि यदि कब्ज की समस्या का इलाज न किया जाए तो इससे व्यक्ति को कई तरह के गंभीर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। एनएमसी के पूर्व सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विनोद के मुताबिक कब्ज की समस्या लोगों में हृदय रोग की समस्या का कारण भी बन सकती है। आगे जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
कब्ज और हार्ट अटैक के बीच में संबंध - Connection Between Constipation And Heart Attack in Hindi
कब्ज तब होती है, जब व्यक्ति को मल त्याग में परेशानी आती है। इससे बाहरी आंत में अपशिष्ट जमा हो जाते हैं। कुछ लोगों में कब्ज की वजह से हार्ट अटैक की समस्या भी हो सकती है। एक स्टडी में यह संकेत देखने को मिले। इसमें जो लोग लंबे समय से कब्ज की समस्या से परेशान होते हैं उन्हें सामान्य की अपेक्षा हार्ट अटैक होने की संभावना काफी अधिक होती है।
क्या कब्ज की वजह से दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ता है? - Can Constipation Cause Heart Attack in Hindi
सूजन और जलन
पुरानी कब्ज से शरीर में सूजन हो सकती है, क्योंकि कोलन (आंत का अंतिम भाग) में मल लंबे समय तक उपस्थिति रहने के कारण बाउल मूवमेंट प्रभावित होता है। इसके साथ ही, सूजन हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकती है। इसमें धमनियों का सख्त होना, एथेरोस्केलेरोसिस हो सकता है। इस स्थिति में दिल का दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
वेगस नर्व स्टिम्यूलेशन - Vagus Nerve Stimulation
वेगस नर्व हृदय गति और पाचन सहित विभिन्न शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कब्ज वेगस नर्व को उत्तेजित कर सकता है, जिससे कुछ न्यूरोट्रांसमीटरों से सिंग्नल निकलते हैं। यह हृदय को प्रभावित कर सकते हैं। वेगस नर्व होने वाले बदलाव की वजह से हार्ट बीट अनियमित हो सकती है। कुछ मामलो में यह स्थिति हार्ट अटैक की वजह बन सकता है।
कब्ज से बचाव के उपाय - Prevention Tips For Constipation in Hindi
कब्ज से बचाव के लिए आप आगे बताए उपायों को अपना सकते हैं। इससे कब्ज की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
हाइड्रेटेड रहना
नियमित मल त्याग को बनाए रखने के लिए पर्याप्त रूप से जल पीना महत्वपूर्ण होता है। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसके लिए व्यक्ति को दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीना चाहिए।
फाइबर युक्त आहार
उच्च फाइबर वाला आहार मल को इकट्ठा कर उन्हें बाहर करने में मदद करता है। यह प्रक्रिया पाचन क्रियो को बेहतर करती है। अपने भोजन में विभिन्न प्रकार के साबुत अनाज, फल, सब्जियां और फलियां शामिल करें। फाइबर एक प्राकृतिक रेचक की तरह काम करता है, पाचन तंत्र के माध्यम से मल आसानी से बाहर हो जाता है।
नियमित व्यायाम
शारीरिक गतिविधि न केवल हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है बल्कि कब्ज को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नियमित व्यायाम आंतों में मांसपेशियों के संकुचन को बढ़ावा देकर मल त्याग को बनाएं रखने में मदद करता है। दिनों में कम से कम 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाले व्यायाम, जैसे तेज चलना आदि को अवश्य करें।
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कब्ज की समस्या से बचने के लिए आप एक्सरसाइज या योगा भी कर सकते हैं। घर का बना खाना ही खाएं। इससे कब्ज की समस्या में आराम मिलता है। साथ ही, सूजन को कम करने में मदद मिलती है।