
Can Diabetic Mother Breastfeed: डायबिटीज लाइफस्टाइल से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में मरीजों को खानपान और जीवनशैली का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में डायबिटीज होना बहुत गंभीर माना जाता है। गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज होने पर इससे गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा रहता है। जेनेटिक कारणों से भी डायबिटीज का खतरा रहता है। स्तनपान कराने वाली माएं अगर डायबिटीज की शिकार हैं, तो उन्हें खानपान और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। डिलीवरी के बाद 6 महीने तक स्तनपान कराना बहुत जरूरी होता है। लेकिन डायबिटीज की शिकार महिलाओं के मन सबसे बड़ा सवाल यह रहता है कि क्या डायबिटीज की समस्या में स्तनपान कराना ठीक है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि डायबिटीज से ग्रसित महिलाओं को स्तनपान कराना चाहिए या नहीं? क्या ऐसा करना शिशु के लिए सुरक्षित है और इससे जुड़ी सावधानियां।
क्या डायबिटीज में मां अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती है?- Can Diabetic Mother Breastfeed in Hindi
शिशु के जन्म के बाद 6 महीने तक ब्रेस्त्फीडिंग कराना बहुत जरूरी माना जाता है। हर शिशु के लिए मां का दूध बहुत ज्यादा जरूरी होता है। मां के दूध में मौजूद पोषण शिशु के शारीरिक विकास में बहुत मदद करते हैं। डायबिटीज की समस्या से ग्रसित महिलाओं के मन में अक्सर इस बात की कंफ्यूजन रहती है कि क्या डायबिटीज होने पर उन्हें अपने शिशु के ब्रेस्टफीड कराना चाहिए या नहीं?
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इसको लेकर स्टार मैटरनिटी हॉस्पिटल की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी कहती हैं कि डायबिटीज से ग्रसित मां अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं। चाहे आप टाइप 1, टाइप 2 या गर्भकालीन डायबिटीज से ग्रसित हैं। स्तनपान कराने से न तो आपकी सेहत को कोई नुकसान पहुंचता है और न ही आपके शिशु को इससे किसी भी तरह का खतरा रहता है। ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज में स्तनपान कराने से महिलाओं को कई फायदे भी मिलते हैं। ऐसा करने से उन्हें डायबिटीज की बीमारी से छुटकारा पाने में भी मदद मिलती है।
डायबिटीज से ग्रसित महिला को स्तनपान क्यों कराना चाहिए?
डायबिटीज की समस्या में स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इससे कई फायदे मिलते हैं। डायबिटीज की समस्या में आपके शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। अगर आप डायबिटिक हैं और ब्रेस्टफीड करा रही हैं, तो इससे आपके दूध में शुगर की मात्रा ज्यादा रहेगी। इससे आपके शिशु को भी फायदे मिलते हैं और आपके शरीर में शुगर के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा डायबिटिक महिलाओं के ब्रेस्टफीड कराने से उन्हें और शिशु को ये फायदे मिलते हैं-
- बच्चे में डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
- मां के वजन को कंट्रोल करने में फायदा मिलता है।
- शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस को ठीक करने में उपयोगी।
- स्तनपान कराने से शरीर में ऑक्सीटोसिन रिलीज होता है जिससे आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
डायबिटीज से ग्रसित ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी डाइट बहुत पौष्टिक और संतुलित हो। शरीर में पोषक तत्वों की कमी या खराब डाइट की वजह से महिलाओं को कई खतरे रहते हैं। इसकी वजह से महिला का वजन कम हो सकता हैऔर कई दूसरे नुकसान पहुंच सकते हैं।
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