
जिस तरह से पूरी दुनिया में सिजेरियन के जरिये प्रसव के मामले बढ़े हैं उसपर डब्ल्यूएचओ ने चिंता जताई है, क्योंकि इससे मां और बच्चे दोनों को नुकसान होता है।
एक बच्चा मां के लिए कितना महत्वपूर्ण हो सकता है बात किसी मां से अधिक कौन जान सकता है। 9 महीने तक बच्चे को गर्भ में पालने के बाद महिला चाहती है कि उसका बच्चा स्वस्थ और हेल्दी पैदा हो। लेकिन जिस तरह से पूरी दुनिया में सिजेयिन के जरिये प्रसव किया जा रहा है वह मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक है। दुनिया भर में ऑपरेशन के जरिए प्रसव के चलन पर चिंता जताते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सलाह दी है कि यह प्रक्रिया तभी अपनाई जाए जब मेडिकल तौर पर जरूरी हो।
डब्ल्यूएचओ ने साफ किया कि ऑपरेशन के जरिए होने वाली डिलीवरी का मां और बच्चे पर नुकसानदेह असर होता है।
डब्ल्यूएचओ में रिप्रोडक्टिव हेल्थ एंड रिसर्च की डायरेक्टर मेर्लिन टिमरमैन ने बताया, ‘कई विकासशील एवं विकसित देशों में ऑपरेशन के जरिए प्रसव की महामारी देखी जा रही है और हम देखते हैं कि ऐसे मामलों में भी तुरंत ऑपरेशन कर दिए जाते हैं जहां इसकी जरूरत भी नहीं होती। यह प्रसव का एक सुरक्षित तरीका तो है लेकिन फिर भी यह ऑपरेशन ही है जिसका नकारात्मक और नुकसानदेह असर मां और बच्चे पर हो सकता है।’
मेर्लिन ने यह भी कहा, ‘इसके नकारात्मक परिणाम भी होते हैं। ब्लीडिंग और अन्य जटिलताओं का जोखिम बहुत ज्यादा रहता है। यहां तक कि विकासशील देशों में भी यदि हम प्रसव के दौरान मां के दम तोड़ने के मामलों को देखें तो इसका एक कारण ऑपरेशन भी है।’
ब्राजील, साइप्रस और जॉर्जिया जैसे कुछ मध्यम आय वाले देशों में ऑपरेशन के जरिए होने वाले प्रसव 50 फीसदी से ज्यादा हैं।
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