Butterfly Pose Benefits For Periods: रोज योग करने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं। ऐसे कई योगासन हैं, जिनका अभ्यास घर में आसानी से कर सकते हैं और इनका लाभ ले सकते हैं। लेकिन महिलाओं के साथ यह समस्या देखने को मिलती है कि उन्हें हर महीने 4-5 दिन पीरियड्स होते हैं। इस दौरान उन्हें एक्सरसाइज और कोई गहन गतिविधि करने से बचने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, इन दिनों महिलाओं को पेट और कमर में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, मूड स्विंग के साथ ही कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए महिलाएं इन दिनों व्यायाम करने से बचती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, पीरियड्स के दौरान अगर महिलाएं तितली आसन का अभ्यास करें, तो इससे उन्हें पीरियड्स के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है? साथ ही, शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रह सकती हैं? जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा! एएसडी योग फैमिली (ASD YOGA FAMILY) के फाउंडर योगाचार्य दीपक तंवर के अनुसार, "तितली आसन महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी होता है, यह एक ऐसा योगासन है जिसका अभ्यास महिलाएं पीरियड्स के दौरान भी कर सकती हैं। साथ ही, इसका अभ्यास करना भी बहुत सरल है। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
पीरियड्स में तितली आसन करने के फायदे- Butterfly Pose Benefits During Periods In Hindi
जब महिलाएं तितली आसन का अभ्यास करती हैं, तो यह उनके पेल्विक एरिया को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसलिए इस आसन को पेल्विक एरिया के लिए बेहतरीन व्यायाम माना जाता है। जब पीरियड्स के दौरान महिलाएं इस आसन का अभ्यास करती हैं, तो यह पेट और पीठ में दर्द, कूल्हों की जकड़न, कठोरता और दर्द से राहत दिलाता है। इसके अलावा, इसका अभ्यास करने से पीरियड ब्लड फ्लो को सामान्य करने में भी मदद मिलती है। शारीरिक थकान दूर करने, मूड में सुधार करने और पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी यह बहुत लाभकारी है। महिलाएं अगर नियमित इस आसन का अभ्यास करती हैं, तो यह प्रजनन अंगों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।
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तितली आसन का अभ्यास करने का तरीका- Steps To Do Butterfly Asana
- योग मैट बिछाएं और इस पर सुखासन मुद्रा में बैठें। इस दौरान अपने पीठ और कंधों को ढीला छोड़ दें।
- अब आपको अपने दोनों के पैरों के तलवों को चिपकाने का प्रयास करना है।
- अपनी पैरों को जितना हो सके जांघों की ओर खींचने और स्पर्श कराने की कोशिश करें।
- अब धीरे-धीरे घुटनों को ऊपर-नीचे करें और सांस लेते व छोड़ते रहें।
- घुटने ऊपर जाने पर सांस लें और नीचे लाने पर सांस छोड़ें।
- इस तरह इसे 15-20 बार दोहराएं। उसके बाद सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
- आप इस आसन को कई बार दोहरा भी सकती हैं। 10-15 मिनट अभ्यास जरूर करें।
यह भी ध्यान रखें:
अगर कोई महिला पहले से कूल्हों, घुटनों और रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीड़ित है, तो उन्हें इनका अभ्यास एक्सपर्ट के मार्गदर्शन में करना चाहिए। क्योंकि इस आसन के अभ्यास से इन अंगों पर अधिक दबाव पड़ सकता है। अगर आप अन्य किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही हैं, तो एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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