किसी भी इंसान को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए शांति और तनाव न लेने की आवश्यकता होती है। लेकिन आज के समय की भागदौड़ भरी जीवनशैली में तनाव और काम के प्रेशर से बचना संभव नही है। कोरोनावायरस महामारी के समय पर हुए लॉकडाउन की वजह से लोगों को अपने घरों में रहकर ऑफिस का काम करना पड़ा था जिसकी वजह से भी मानसिक स्वास्थ्य पर असर हुआ है लेकिन जब एक बार फिर से दफ्तर और कार्यस्थल खुल रहे हैं तो एक बार फिर तमाम लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल दोबारा ऑफिस ज्वाइन करने के बाद काम करने के तौर-तरीके में बदलाव से गुजरना पड़ेगा और इस दौरान काम के प्रेशर वर्क प्लेस एंग्जायटी आदि के कारण लोगों को बर्नआउट सिंड्रोम हो सकता है। आइये विस्तार से जानते हैं इस समस्या के बारे में।
क्या है बर्नआउट सिंड्रोम? (What Is Burnout?)
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काम का प्रेशर, डेडलाइन और लगातार घंटों तक काम करने की वजह से आज के समय में लाखों लोग डिप्रेशन, तनाव जैसी मानसिक बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। एम्स के साइकियाट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ.नंद कुमार के अनुसार, 'आज के समय में पूरी दुनिया में लगभग 20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो मानसिक बीमारियों के शिकार हैं। इसकी वजह से इंसान का जीवन कई स्तर पर प्रभावित होता है।' बर्न आउट अत्यधिक और लंबे समय तक तनाव के कारण भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक थकावट होती है जो आपके कामकाज और जीवन पर बुरा असर डालता है। जब आप इस समस्या में तनाव से ग्रसित होते हैं तो आपका मन काम में नहीं लगता है और आपकी रूचि खत्म होने लगती है। बर्नआउट आपकी प्रोडक्टिविटी को कम कर देता है जिसकी वजह से आप निराश हो जाते हैं। इस समस्या से अधिक दिनों तक ग्रसित रहने की स्थिति में आपको ऐसा लगने लगता है कि आप अब और कुछ नहीं कर सकते हैं। लंबे समय तक रहने से यह समस्या आप पर इस कदर हावी हो जाती है कि आप किसी भी काम को करने में खुद को असमर्थ समझने लगते हैं।
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बर्नआउट के कारण (What Causes Burnout?)
बर्नआउट सिंड्रोम या बर्नआउट की समस्या नौकरी की वजह से ज्यादातर लोगों में होती है। जो भी व्यक्ति काम और अपनी निजी जिंदगी में बैलेंस नहीं बना पाता है उसे इस समस्या से जूझना पड़ सकता है। जब आप काम में ओवरवर्क और अंडरवैल्यूड महसूस करने लगते हैं तभी इस समस्या की शुरुआत होती है। बर्नआउट की वजह काम और तनाव आदि के अलावा आपके निजी जिंदगी की वजह से भी हो सकती है। आइये जानते हैं बर्नआउट के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में।
- अपनी पसंद के अनुसार करियर का चुनाव न करने की वजह से।
- अच्छी मेहनत और ईमानदारी से काम करने के बावजूद परिणाम न मिलने पर।
- ऑफिस का खराब माहौल।
- वर्कलोड अधिक होने की वजह से।
- निजी जिंदगी में समय न दे पाने के कारण।
- वर्क-लाइफ बैलेंस न होने की वजह से।

बर्नआउट के लक्षण (Burnout Symptoms)
बर्नआउट की समस्या में आप खुद को असहाय या कमजोर महसूस करने लगते हैं। इस समस्या से ग्रसित होने के बाद आपको बिस्तर से भी बाहर निकलने में संकल्प लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में आप अपने काम से जलने लगते हैं या नफरत करना शुरू कर सकते हैं। इस समस्या से ग्रसित होने से आपकी परफॉरमेंस भी बेकार होने लगती है। इस समस्या दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
- ज्यादातर समय थकान महसूस होना।
- बार-बार बीमार पड़ने लगना।
- लगातार सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द।
- भूख में कमी।
- नींद न आना।
- असफलता और आत्म-संदेह की भावना।
- गहरी उदासी और डिप्रेशन।
- ऑफिस पहुंचते ही तनाव बढऩा।
- असंतुष्टि की भावना।
बर्नआउट सिंड्रोम से बचाव के टिप्स (Burnout Syndrome Prevention Tips)
बर्नआउट सिंड्रोम की समस्या से बचाव के लिए आप इन बातों को अमल में ला सकते हैं।
- हमेशा सकारात्मक रहें।
- ऑफिस में लोगों से मिलजुल कर रहें।
- अपनी प्रोफेशनल स्किल बढ़ाने पर ध्यान दें।
- स्पोट्र्स और म्यूजि़कल प्रोग्राम में भी भाग लें।
- अपने चाहनेवाले लोगों से जरूर मिलें।
- समय निकालकर पसंदीदा जगह की सैर करें।

इन बातों को ध्यान में रखकर आप बर्नआउट से बच सकते हैं। अब कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन को खोल दिया गया है जिसके बाद तमाम कंपनियां दोबारा से ऑफिस में आकर काम करने का सिस्टम शुरू कर रही हैं। इतने दिनों तक घर पर रहकर काम करने के बाद अचानक ऑफिस जाकर काम करने से आपको भी बर्नआउट हो सकता है। इससे बचाव के लिए ऊपर बताई गयी बातों को ध्यान में रखें। गंभीर लक्षण दिखने पर किसी एक्सपर्ट मनोचिकित्सक की सलाह लें।
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