शिशु के लिए मां के दूध से ज्यादा हेल्दी दुनिया में कोई भी चीज नहीं है। इसलिए हमेशा कहा जाता रहा है कि शिशु को लगभग पहले 6 महीने तक मां के दूध के अलावा कुछ न दें। पर कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के कारण जिस तरीके से कुछ मामलों में मां से शिशुओं को कोरोनावायरस हुआ है, उससे नई मांओं में जन्म के बाद शिशुओं को दूध पीलाने को लेकर डर है। पर हाल ही में महिला और बाल विकास मंत्रालय (Women and Child Development Ministry) ने इसे लेकर कुछ महत्वपूर्ण गाइडलाइन्स जारी किए हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय का कहना है कि भले ही मां कोरोना पॉजिटिव ही क्यों न हो, पर उसे अपने शिशु को स्तनपान करवाना नहीं छोड़ना चाहिए।
ब्रेस्टफीडिंग को लेकर महिला और बाल विकास मंत्रालय की गाइडलान्स
ब्रेस्टफीडिंग को लेकर महिला और बाल विकास मंत्रालय की गाइडलान्स की मानें, तो सभी फील्ड पदाधिकारियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को ये निर्देश दिए गए हैं कि वे माताओं को आश्वस्त करें कि इस महामारी के दौरान उनके बच्चे के लिए स्तनपान कितना जरूरी है। अपनी गाइडलाइन्स मंत्रालय ने ये भी कहा है कि मां अगर कोरोना पॉजिटिव (Breastfeeding and COVID-19) भी हो शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए दिशानिर्देश के अनुसार इसे जारी रखें।
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Our Field functionaries/Health care providers re-assure and provide support to all mothers to initiate and continue to breastfeed their infants – even if they are suspected or confirmed to have #COVID19.#BreastfeedBestFeed #FoodandNutritionBoard pic.twitter.com/cIzmaWoKZg
भले ही मां COVID-19 पॉजिटिव हों पर स्तनपान उनके बच्चे को कोरना से बचाने में मदद कर सकता है। साथ ही डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा है कि स्तनपान को लेकर इनका भी यही दिशानिर्देश है और इनका पालन उन लोगों द्वारा किया जाना चाहिए जिनके बारे में कोरोवा संक्रमित होने का संदेह या वो कोरोना संक्रमित हैं।
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शिशु को कोरोना से बचा सकता है स्तनपान
डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का अभी तक यही मानना है कि स्तनपान बच्चे में कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ने के लिए इम्यूनिटी विकसित करने में मददगार साबित हो सकता है। उन्होंने इसके पीछे ये भी तर्क रखा है कि अभी तक ऐसे कोई भी सबूत नहीं मिले हैं, जिसमें पता चले कि कोरोनोवायरस स्तन के दूध में भी पाया गए है और इससे ये बच्चे तक पहुंच सकता है, जिसका अर्थ है कि वायरस गर्भावस्था के दौरान या स्तन के दूध के माध्यम से प्रसारित नहीं हो रहा है।मंत्रालय का कहना है कि इसलिए फील्ड पदाधिकारियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार अपने शिशुओं को आरंभ करने और स्तनपान कराने के लिए सभी माताओं को आश्वस्त करना चाहिए और उन तक ये जानकारी पहुंचानी चाहिए।
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डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने ये सभी जानकारी अपने ट्वीट में दिया है, जिसमें उन्होंने ये बताया है कि बच्चे को कोरोना काल में स्तनपान कैसे करवाएं। मंत्रालय ने अपने ट्वीट में बताया है कि अपने बच्चे के संपर्क में आने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से अच्छी तरह से धोएं। बाहरी दूध देने के मामले में या शिशु या छोटे बच्चे को बोतल आदि से दूध देने के लिए चीजों को छूने से पहले साबुन और पानी से हाथ धोएं और बच्चे को थोड़ा दूर रखें।
बता दें कि WHO ने मंगलवार को अपने एक ट्वीट में यह भी कहा था कि स्तनपान से COVID -19 संक्रमण का जोखिम है इस बात की अभी कहीं भी पुष्टी नहीं हुई है। इसलिए बच्चे के लिए जीवनदाई स्तनपान को शुरू रखें। ये उन्हें कोरोनावायरस से ही नहीं बल्कि जीवन में आने वाली कई बीमारियों से बचाए रख सकता है।
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