Breastfeeding Week 2021: ब्रेस्टफीडिंग पर हावी न होने दें कोरोना का डर, दूध पिलाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

अगर किसी महिला में कोरोना जैसे लक्षण दिख रहे हैं, तो उसे अपने शिशु को दूध पिलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जानें एक्सपर्ट से
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Breastfeeding Week 2021: ब्रेस्टफीडिंग पर हावी न होने दें कोरोना का डर, दूध पिलाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान


इन दिनों कोरोनावायरस रोग के बारे में लोगों के मन में कई तरह के सवाल और चिंताएं चल रही हैं। उन्हीं में से एक है कि ऐसे समय में क्या शिशुओं को स्तनपान कराना सुरक्षित है या नहीं? इस बात में कतई दोराय नहीं कि मां का दूध बच्चों को कई बीमारियों से बचाता है। हालांकि, ऐसे बहुत कम मौके होते हैं जब शिशुओं को मां का दूध पिलाने की मनाही होती है। नई माओं के लिए यह बहुत ही कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है कि इस कोरोना काल में शिशुओं को दूध पिलाना चाहिए या नहीं! आज इस लेख में हम आपको यही बात विस्तृत रूप से बताने वाले हैं। 

हालांकि स्तनपान कराना या न कराना पूरी तरह से एक महिला का व्यक्तिगत निर्णय होता है। इस कोरोना काल में भी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और स्तनपान चिकित्सा अकादमी (एबीएम) सभी का कहना है कि यदि मां कोरोना से संक्रमित भी है तब भी वह बच्चे को दूध पिला सकती है। यानि कि शिशुओं के लिए मां का दूध पूरी तरह से सुरक्षित है।

Breastfeeding During Coronavirus

कब हो सकता है खतरा?

अब तक सामने आए मामलों से साफ जाहिर होता है कि कोरोनावायरस का खतरा सिर्फ बड़े और व्यस्कों को ही नहीं शिशुओं में भी पाया जा रहा है। उसकी वजह है बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होना। मां का दूध बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ ही उन्हें कई अन्य रोगों से भी बचाता है। हालांकि कोरोना काल में यह जरूरी है कि समय रहते साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए रुटीन में मां बच्चे को दूध पिलाए। वायरस के डर से बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराना बिल्कुल बंद ना करें। यह उनके स्वास्थ्य के लिए ही हानिकारक साबित हो सकता है।

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अगर मां कोरोना से संक्रमित है तो?

Breastfeeding Tips During Coronavirus

CDC के अनुसार, अगर COVID-19 से संक्रमित मां अस्पताल में शिशु को जन्म देती है, तो नवजात शिशु को COVID-19 के खतरे से बचाने के लिए उसे कुछ समय के लिए मां से अलग रखा जा सकता है। इस दौरान, बच्चे को मां के स्तन से निकले हुए दूध को पिलाने की सलाह दी जाती है। यदि डॉक्टर आपको भी ऐसी सलाह देते हैं तो बिना बहस के इस सलाह को स्वीकार करें। हालांकि एक बार जब मां के लक्षणों में सुधार होता है और वह घर जाने की स्थिति में आ जाती है तो मां शिशु को अपने साथ रख सकती है। हालांकि इस दौरान मां को मास्क पहनने और हाथों की सफाई रखने की विशेष आवश्यकता होती है। इस दौरान माओं को मेडिकल टीम के द्वारा संक्रमण से बचने के सर्वोत्तम तरीकों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए।

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इन 5 बातों का रखें विशेष ध्यान

1. बच्चे को गोद में लेने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह साफ करें और मास्क पहनें.

2. दूध पिलाने से पहले और बाद में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें.

3. अगर आप बच्चे को दूध पिलाने से पहले घर के भी किसी व्यक्ति के साथ बैठकर आई हैं तो पहले अपने कपड़े बदलें फिर बच्चे को गोद में लें.

4. टिशू या मास्क के इस्तेमाल के बाद उसे डिस्पोज कर दें और हाथ को दोबारा धो लें।

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