Baby care tips: नवजात शिशुओं को बीमार होने से कैसे बचाएं? कोरोना वायरस के समय में 5 जरूरी बेबी केयर टिप्स

अपने नवजात शिशुओं को वायरस और बैक्टीरिया से बचाने के लिए और कोरोना वायरस के इंफेक्शन से बचाने के लिए इन 5 बातों का जरूर ख्याल रखें।
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Baby care tips: नवजात शिशुओं को बीमार होने से कैसे बचाएं? कोरोना वायरस के समय में 5 जरूरी बेबी केयर टिप्स


कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। भारत में कोविड-19 मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि लॉकडाउन खुलने से जीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि वायरस का प्रसार भले ही रुक जाए, लेकिन खतरा अगले 1-2 सालों तक बना रहेगा, इसलिए सभी तरह की सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। बड़े और वयस्क लोग तो फिर भी मास्क पहनकर और सैनिटाइजर का प्रयोग करके अपनी सुरक्षा कर सकते हैं, लेकिन नवजात शिशु और छोटे बच्चों का ख्याल इस महामारी के समय में कैसे रखा जाए?

नवजात शिशुओं का इम्यून सिस्टम भी पूरी तरह विकसित नहीं होता है इसलिए उन्हें कोरोना वायरस और दूसरी बीमारियों से बचाना बेहद जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कि शिशुओं को बीमार होने से कैसे बचाएं।

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कमरे का तापमान सामान्य रखें

जिस कमरे में शिशु को लिटा रहे हैं, उसका तापमान सामान्य रखें। वो कमरा न बहुत अधिक गर्म होना चाहिए और न बहुत अधिक ठंडा। संभव है तो एसी के बजाय कूलर और पंखे का प्रयोग करें, ताकि ठंडी हवा सीधे शिशु के सीने में न पहुंचे। एसी की हवा शिशु को बीमार बना सकती है। अगर ऐसे समय में शिशु बीमार हुआ तो अस्पताल ले जाना भी सुरक्षित नहीं है। इसलिए उसे बीमार होने से बचाना जरूरी है। शिशु है, तो कमरे का सामान्य तापमान 22-23 डिग्री सेल्सियस तक रख सकते हैं। लेकिन ध्यान दें कि शिशु टॉवेल में अच्छी तरह लपेटा हुआ हो या फुल कपड़े पहने हो।

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बच्चे को किस न करें और न करने दें

अक्सर बच्चों को खिलाते समय लोग उन्हें मुंह पर चूमने लगते हैं। सामान्य दिनों में भी बच्चे को चूमने से कई तरह के इंफेक्शन फैल सकते हैं और इन दिनों तो कोरोना वायरस के खतरों को देखते हुए यह और भी जरूरी है कि बच्चे को आप या घर का कोई भी सदस्य किस न करे। यह भी ध्यान रखें कि आपके घर में आने वाले बाहरी व्यक्ति आपके शिशु को गोद में न उठाएं, न ही हग करें। क्योंकि बाहर से आने वाला व्यक्ति एसिमप्टोमैटिक मरीज हो सकता है, जिसमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं नजर आते मगर वो संक्रमण फैला सकते हैं।

हाथ धोकर, सैनिटाइज करके ही शिशु को गोद में उठाएं

दिनभर काम करते हुए आप सैकड़ों चीजों को छूती हैं। ऐसे में आपके हाथ में कई तरह के जर्म्स और बैक्टीरिया चिपक जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि जब आप बच्चे को उठाएं या गोद में लें, तो अपने हाथों को पहले साबुन से अच्छी तरह धो लें या फिर सैनिटाइजर से सैनिटाइज कर लें। बच्चे को दूध पिलाने से पहले, उसका चेहरा साफ करने से पहले, मुंह में उंगली डालने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह सैनिटाइज करना जरूरी है।

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बच्चे को 6 महीने की उम्र तक स्तनपान ही कराएं

बच्चे के इम्यून सिस्टम के विकास में मां के दूध की बड़ी भूमिका होती है। जन्म के समय ही मां के स्तनों से जो गाढ़ा पीला दूध निकलता है, उसे शिशु को पिलाना बहुत जरूरी है। उस दूध में ऐसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो शिशु के इम्यून सिस्टम का आधार बनते हैं। इसके अलावा भी जन्म के बाद कम से कम 6 महीने तक शिशु को स्तनपान ही कराना चाहिए। स्तनपान कराने वाली मांओं को अपना खानपान भी अच्छा रखना चाहिए, ताकि शिशु को उनके दूध के जरिए सभी जरूरी पोषक तत्व मिल सकें। अगर आप कंटेनमेंट जोन में हैं, तो शिशु को स्तनपान कराने से पहले मुंह पर मास्क जरूर लगा लें।

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साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें

शिशु के शरीर की साफ-सफाई के लिए उसे गर्मी के मौसम में सप्ताह में कम से कम 3 बार जरूर नहलाएं। इसके अलावा शिशु के बिस्तर, कपड़ों और इस्तेमाल की दूसरी चीजों को घर के सदस्यों के कपड़ों से अलग धोएं। घर के फर्श को रोजाना 1-2 बार साफ करें। शिशु के खेलने और लेटने की जगह के आसपास भी सफाई रखें। इससे जर्म्स के संपर्क में आने और बीमार होने का खतरा कम हो जाएगा।

यह भी ध्यान रखें कि ये समय शिशु को लेकर ट्रैवेल (यात्रा) करने के लिए सुरक्षित नहीं है, इसलिए शिशु को घर से बाहर लेकर न जाएं।

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