शिशु को स्तनपान कराने वाली मांएं जो अपने घर में धूम्रपान के संपर्क में आती हैं, वे धूम्रपान के संपर्क में नहीं आने वाली मांओं की तुलना में उनके स्तनपान की अवधि पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। यह बात एक शोध में सामने आई। शोध के निष्कर्ष का प्रकाशन पत्रिका 'ब्रेस्टफीडिंग मेडिसीन' में किया गया है। इसमें स्तनपान कराने वाली माताओं पर घरेलू धूम्रपानकर्ताओं के संपर्क में आने पर नकारात्मक असर पड़ने की बात सामने आई है।
कनाडा के ओकानंगन परिसर स्थिति ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मैरी तरांत ने कहा, 'हमारे शोध से पता चलता है कि धूम्रपान करने वाले परिवार में होने से बच्चे के स्तनपान अवधि के समय में कमी देखी गई। इन धूम्रपान करने वालों में पति, मां या विस्तारित परिवार का कोई सदस्य हो सकता है।'तरांत ने कहा,'वास्तव में जिस परिवार में धूम्रपान करने वालों की संख्या ज्यादा थी उनमें स्तनपान अवधि कम रही।' इस शोध के लिए शोधकर्ताओं के दल ने हांगकांग के चार बड़े अस्पतालों के 1200 महिलाओं का अध्ययन किया गया।
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ब्रेस्टफीडिंग कराने से होते हैं ये फायदे
- ब्रेस्टफीडिंग से शिशुओं में सांस संबंधी समस्या व कान के संक्रमण जैसी समस्याओं से रक्षा होती है। इसके अलावा यह बच्चों में मधुमेह एवं श्वेत रक्तता, और अन्य एलर्जी जैसे दमा और एक्जिमा के खतरे को कम करता है।
- ब्रेस्टफीडिंग समय से पहले जन्में शिशुओं की सेहत में सुधार करता है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों का वजन काफी कम होता है। ब्रेस्टफीडिंग के जरिए शिशुओं के वजन में बढोत्तरी की जा सकती है।
- ब्रेस्टफीडिंग से शिशुओं को बचपन में होने वाले मोटापे के खतरे को कम किया जा सकता है। बाहरी दूध की तुलना में मां के दूध में इन्सुलिन काफी कम होता है (इन्सुलिन वसा निर्माण को उत्प्रेरित करता है)।
- स्तनपान करने वाले शिशु अपने भोजन को नियमित रूप से लेने में, और जैसे-जैसे उनका शारीरिक विकास होता है वैसे-वैसे स्वस्थ आदतों को विकसित करने में भी अधिक कुशल होते है।

- मां के दूध में कई ऐसे तत्व होते हैं जो शिशु के दिमाग के विकास के लिए जरूरी है। शोध में भी यह बात साबित हो चुकी है कि स्तनपान करने वाले शिशु बुद्धिमान होते हैं।
- मां के दूध के फायदों के बारे में विशेषज्ञों ने पता लगाया है कि जिन शिशुओं को टीकाकरण से ठीक पहले अथवा बाद में स्तनपान कराया जाता है, उनमें तकलीफ के कम लक्षण प्रकट होते हैं।
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