महिलाओं के बीच फेफड़े के कैंसर की मृत्यु दर 2015 से 2030 के बीच 43 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। ऐसा 52 देशों के आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है। जर्नल कैंसर रिसर्च में प्रकाशित शोध के अनुसार, सबसे ज्यादा फेफड़े के कैंसर की मृत्यु दर 2030 में यूरोप और ओशनिया में होगी, जबकि 2030 में सबसे कम फेफड़ों के कैंसर की मृत्यु दर अमेरिका और एशिया में अनुमानित है।
स्पेन में इंटरनेशनल डी कैटालुन्या युनिवर्सिटी (यूआईसी बार्सिलोना) में सहायक प्रोफेसर जोस मार्टिनेज-सांचेज ने कहा, 'हमने वैश्विक स्तर पर स्तन कैंसर की मृत्यु दर को कम करने में बड़ी प्रगति की है, लेकिन महिलाओं में फेफड़े के कैंसर की मृत्यु दर दुनिया भर में बढ़ रही है।' मार्टिनेज सांचेज ने कहा, 'अगर हम जनसंख्या में धूम्रपान के व्यवहार को कम करने के उपायों का क्रियान्वयन नहीं करते हैं तो फेफड़े के कैंसर की मृत्यु दर दुनिया भर में बढ़ना जारी रहेगी।' इस शोध में शोधकर्ताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मृत्यु दर डेटाबेस से महिलाओं के स्तन और फेफड़ों के कैंसर की मृत्यु दर का विश्लेषण किया है। शोध में कहा गया है कि इसके बाद प्रत्येक देश की महिलाओं के लिए फेफड़े व स्तन कैंसर की मृत्यु दर की गणना की गई है।
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क्या हैं इसके बचाव
एस्बेस्टोस भी है जिम्मेदार
एस्बेस्टोस के संपर्क में कम रहें। एस्बेस्टोस की छोटी-सी मात्रा भी खतरनाक हो सकती है क्योंकि एस्बेस्टोस से बचने का बिल्कुल सुरक्षित तरीका कोई नहीं है। अपने घर में एस्बेस्टोस वाले हिस्सों की जांच करें, जिनमें इन्शुलेशन हो या अन्य ऐसे क्षेत्र जहां ऐस्बेस्टास की सम्भावना हो, यदि पुराना घर हो तो जरूर जांच करें।
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स्मोकिंग को कहें नो
स्मोंकिंग कैंसर के इस प्रकार के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार होता है। धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे आम कारण है। धूम्रपान न केवल सिगरेट पीने वालों, बल्कि धुएं के संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्तियों को भी प्रभावित करता है। अधिकांश लोग सोचते है कि बीड़ी पीने से फेफड़ों का कैंसर कम होता है, यह एक भ्रामक धारणा है। सर्वेक्षण दर्शाते है कि सिगरेट से ज्यादा बीड़ी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए धूम्रपान करने से बचें।
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एल्कोहल से रहें दूर
ज्यादा मात्रा में एल्कोहल का सेवन करने से भी लंग कैंसर होता है। अधिक शराब भी फेफड़े के कैंसर को निमंत्रण देता है। शराब के साथ सिगरेट पीने की आदत तो फेफड़े के कैंसर की संभावना को कई गुना बढ़ा देती है। लोग आमतौर पर इस समस्या की ओर जब तक तवज्जो देते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है और रोग पूरी तरह से फैल चुका होता है।
अन्य खतरे
श्रमिकों को लंग कैंसर होने की ज्यादा संभावना होती है। खासकर उन श्रमिकों को जो लंबे समय से किसी कारखाने में काम कर रहे हैं। जैसे- कोयला, आर्सेनिक, अखबार मुद्रण, सरसों गैस और यहां तक कि सोने की खान में काम करने वाले श्रमिकों में फेफड़े का कैंसर होने का जोखिम ज्यादा होता हैं।
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