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न्‍यू मॉम कृतिका श्रीराम ने शेयर की ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाली समस्याएं, फिर अपनाए ये टिप्स तो मिला आराम

स्‍तनपान से जुड़ी समस्‍याओं को मां से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। कृतिका से जानेंगे उनकी जर्नी की समस्‍याएं और बताएंगे आपको आसान लैक्‍ट‍ेशन ट‍िप्‍स।    
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न्‍यू मॉम कृतिका श्रीराम ने शेयर की ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होने वाली समस्याएं, फिर अपनाए ये टिप्स तो मिला आराम


Breastfeeding Related Problems and Lactation Tips: श‍िशु को नौ महीने कोख में रखने के बाद जब उसका स्‍पर्श पहली बार होता है, तो वह पल हर मां के ल‍िए खास होता है। श‍िशु को देखकर मां प्रसव पीड़ा भी भूल जाती है। लेक‍िन मां का इंतजार यहां खत्‍म नहीं होता। श‍िशु के जन्‍म से ही मां की चुनौत‍ियां शुरू हो जाती हैं। श‍िशु की देखभाल में ही मां का सारा समय गुजरता है। इस दौरान नई मां को कई शारीर‍िक समस्‍याओं का सामना भी करना पड़ता है ज‍िसका असर नवजात श‍िशु पर भी होता है। हम बात कर रहे हैं स्‍तनपान से जुड़ी समस्‍याओं के बारे में। यह प्रक्र‍िया उतनी आसान नहीं है ज‍ितनी समझने में लगती है। स्‍तनपान के जर‍िए श‍िशु की भूख -प्‍यास दूर होती है लेक‍िन एक मां के ल‍िए यह क‍िसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ब्रेस्‍टफीड‍िंग के दौरान होने वाली समस्‍याओं पर आगे बात करेंगे और डॉक्‍टर से जानेंगे कुछ आसान लैक्‍टेशन ट‍िप्‍स, जो स्‍तनपान की प्रक्र‍िया को आसान बना सकती हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के मां-सी केयर क्‍लीन‍िक की स्‍त्री रोग व‍िशेषज्ञ व लैक्‍टेशन एक्‍सपर्ट डॉ तन‍िमा स‍िंघल से बात की। 

breastfeeding related problems

ड‍िलीवरी के बाद ब्रेस्‍टफ‍ीड‍िंग नहीं करवा पाई   

कृतिका श्रीराम कनाडा में रहती हैं और वह चेन्‍नई के एक पर‍िवार से हैं। 31 साल की कृतिका ने अपनी ब्रेस्‍टफीड‍िंग जर्नी हमारे साथ शेयर की है। इस जर्नी के जर‍िए अन्‍य मांओं को यह पता चलेगा क‍ि इस जर्नी से जुड़ी मुश्‍क‍िलों में वे अकेली नहीं हैं और अगर वे ठान लें, तो इसे आसान बनाया जा सकता है। कृतिका ने बताया क‍ि उन्‍हें अपने बेटे को जन्‍म देने के बाद यह समझने में काफी परेशानी हुई क‍ि आख‍िर ब्रेस्‍टफीड‍िंग का सही तरीका क्‍या है। कृतिका ने प्रेग्‍नेंसी के दौरान कई सेम‍िनार अटेंड क‍िए हैं ज‍िसमें ब्रेस्‍टफीड‍िंग का तरीका बताया जाता है। लेक‍िन उन्‍हें इससे भी मदद नहीं म‍िली। वह श‍िशु के जन्‍म से पहले काफी खुश और कॉन्‍फ‍िडेंट थीं लेक‍िन बच्‍चे के जन्‍म के बाद उन्‍हें उसे ठीक से पकड़ने का तरीका भी समझ नहीं आ रहा था। इससे उन्‍हें काफी न‍िराशा हुई।   

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बेटे को फॉर्मूला म‍िल्‍क देना पड़ा 

ब्रेस्‍टफीड‍िंग की जद्दोजहद के बीच कृतिका को डॉक्‍टरों ने बताया क‍ि उनके बेटे को जॉन्‍ड‍िस हुआ है और उसे पर्याप्‍त दूध नहीं म‍िल पा रहा है। हताश होकर कृतिका को बेटे को फॉर्मूला म‍िल्‍क प‍िलाना पड़ा। हालांक‍ि कृतिका इस बात से खुश नहीं थीं। उन्‍हें यह महसूस होने लगा क‍ि अब उन्‍हें सही गाइडेंस की जरूरत है। इसके बाद उन्‍होंने लैक्‍टेशन एक्‍सपर्ट डॉ तन‍िमा स‍िंघल से संपर्क क‍िया। डॉ त‍न‍िमा स‍िंघल ने वीड‍ियो कॉल पर कृतिका लैच‍िंग का सही तरीका, बच्‍चे को पकड़ने का तरीका और ब्रेस्‍टफीड‍िंग से जुड़े ट‍िप्‍स द‍िए।     

ब्रेस्‍टफीड‍िंग में लो म‍िल्‍क सप्‍लाई से हताश न हों

कृतिका ने बताया क‍ि डॉक्‍टर से सलाह लेने के बावजूद उन्‍हें शुरू में खुद पर भरोसा नहीं था। उन्‍हें यह महसूस हो रहा था क‍ि म‍िल्‍क सप्‍लाई कम है। लेक‍िन डॉक्‍टर ने उन्‍हें लैच‍िंग के दौरान वीड‍ियो शूट करने, एक्‍सट्रा म‍िल्‍क कलेक्‍ट करने और संयम बनाए रखने की सलाह दी। शुरुआती द‍िन मुश्‍क‍िलों से भरे हुए थे। लेक‍िन धीरे-धीरे वह बच्‍चे को ब्रेस्‍टफीड‍ कराने में काम‍ियाब रहीं।    

गाइडेंस लेकर कोई भी मां ब्रेस्‍टफीड‍िंग को आसान बना सकती है 

कृतिका ने अपनी ब्रेस्‍टफीड‍िंग जर्नी मं सीखा क‍ि श‍िशु की देखभाल करने के ल‍िए खुद पर और अपने शरीर पर भरोसा रखें। कुछ मांओं को लगता है क‍ि बार-बार ब्रेस्‍टफीड कराने से म‍िल्‍क सप्‍लाई कम हो जाती है, लेक‍िन ऐसा नहीं है। इसके अलावा कृतिका ने बताया क‍ि शरीर में बच्‍चे के ल‍िए पर्याप्‍त दूध बनता है इसल‍िए म‍िल्‍क सप्‍लाई को लेकर ज्‍यादा च‍िंता नहीं करना चाह‍िए। कृतिका ने बताया क‍ि उन्‍होंने ब्रेस्टम‍िल्‍क को पंप और स्‍टोर करने का तरीका भी सीखा और साथ ही बच्‍चे को क्रास क्रैडल तकनीक से स्‍तनपान कराना सीखा। कृतिका ने अंत में अपनी लैक्‍टेशन एक्‍सपर्ट डॉ तन‍िमा स‍िंघल को भी धन्‍यवाद कहा है। कृतिका ने बताया क‍ि डॉ तन‍िमा के कारण वह और उनका बेटा इस जर्नी में आरामदायक महसूस कर पाए। डॉ तन‍िमा से उनके ल‍िए ब्रेस्‍टफीड‍िंग जर्नी को आसान बना द‍िया।  

न्‍यू मॉम के ल‍िए ब्रेस्‍टफीड‍िंग ट‍िप्‍स- Lactation Tips For New Mothers

ब्रेस्टफीडिंग एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो नवजात शिशुओं के लिए जरूरी होती है। यहां डॉ तन‍िमा स‍िंघल के बताए कुछ लैक्टेशन टिप्स आपको बताने जा रहे हैं जो ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद साब‍ित हो सकती हैं- 

  • ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को पोषण से भरपूर खाना खाना चाहिए। उन्हें पर्याप्त पानी, फल, सब्जियां, और प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए।
  • सही नींद, एक्‍सरसाइज और मेड‍िटेशन करने से मह‍िलाओं के शरीर को श‍िशु के ल‍िए पर्याप्‍त म‍िल्‍क सप्‍लाई बनाने में परेशानी नहीं होती।
  • मह‍िलाओं को इस प्रक्र‍िया के दौरान ब्रेस्‍ट मसाज और सही ब्रा साइज के चयन पर गौर करना चाह‍िए। इससे आप स्‍तनपान की प्रक्र‍िया को आरामदायक बना पाएंगी। इससे ब्रेस्‍ट पेन और सूजन को कम क‍िया जा सकता है।
  • मह‍िलाओं को संतुलित डाइट लेना चाह‍िए ज‍िसमें विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व शाम‍िल होने चाह‍िए। 
  • ब्रेस्‍टफीड कराने वाली मह‍िलाओं को तनाव से बचना चाह‍िए। तनाव का सीधा असर म‍िल्‍क सप्‍लाई पर होता है इसल‍िए खुद को तनावमुक्‍त रखें और रोज डीप ब्रीद‍िंग एक्‍सरसाइज की प्रैक्‍ट‍िस करें। 

यहां दिए गए लैक्टेशन टिप्स को अपनाकर, महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग के लिए खुद को तैयार कर सकती हैं और अपने शिशु के अच्‍छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित कर सकती हैं।

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