अल्जाइमर रोग: लक्षण दिखने से 34 साल पहले ही शुरू हो जाते हैं मस्तिष्क में परिवर्तन

अल्जाइमर मस्तिष्क रोग मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। दुनियाभर में 3.5 करोड़ लोग अल्जाइमर का शिकार हैं और इसके मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मगर हाल में हुई रिसर्च बताती है कि अल्जाइमर के लक्षण दिखने से 34 साल पहले ही इस रोग की पहचान की जा सकती है।
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अल्जाइमर रोग: लक्षण दिखने से 34 साल पहले ही शुरू हो जाते हैं मस्तिष्क में परिवर्तन

अल्जाइमर मस्तिष्क से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त चली जाती है। दुनियाभर में 3.5 करोड़ से भी ज्यादा लोग अल्जाइमर का शिकार हैं। अल्जाइमर रोग तेजी से बढ़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार हर 2 साल में अल्जाइमर के मरीजों की संख्या 2 गुना तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण चिकित्सक और वैज्ञानिक चिंतित हैं।

आमतौर पर अल्जाइमर के लक्षण 50-55 साल की उम्र के बाद नजर आते हैं। मगर हाल में हुई एक रिसर्च बताती है कि रोगी में अल्जाइमर के लक्षण नजर आने से 34 साल पहले ही उसके मस्तिष्क में परिवर्तन शुरू हो जाते हैं। चिकित्सक इसे एक बड़ी रिसर्च मान रहे हैं क्योंकि अल्जाइमर का पता शुरुआत में ही चल जाए, तो इससे होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

क्या है अल्जाइमर रोग?

आपको जानकर हैरानी होगी कि मस्तिष्क में 100 बिलियन नर्व सेल्स (तंत्रिका कोशिकाएं) होती हैं। ये तंत्रिकाएं आपस में जुड़ी होती हैं और बड़ा नेटवर्क बनाती हैं। इनमें से हर नर्व सेल या इसके समूहों का अपना एक अलग कार्य है, जैसे- सोचना, सूचनाएं भेजना, सीखना और याद रखना। इन तंत्रिकाओं को काम करने के लिए कुछ जरूरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन की जरुरत पड़ती है। समय के साथ ये ब्रेन सेल्स कमजोर होती जाती हैं और खराब होती जाती हैं। जब मस्तिष्क का कोई हिस्सा इन्हीं कारणों से ठीक से काम नहीं कर पाता है, तो इसे ही अल्जाइमर रोग कहते हैं।

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अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण

अल्जाइमर होने पर सबसे पहले व्यक्ति की याददाश्त प्रभावित होती है। आमतौर पर अल्जाइमर की शुरुआत में आपको निम्न लक्षण दिख सकते हैं।

  • थोड़ी देर पहले सुनी या देखी गई चीज/बात को भूल जाना।
  • अपना सामान कहीं रखकर भूल जाना।
  • घर का रास्ता भूल जाना।
  • पहले मिले हुए किसी इंसान की शक्ल, नाम, फोन नंबर और यहां तक कि रिश्ता भी भूल जाना।
  • रोग बढ़ने पर व्यक्ति अपने रोजमर्रा की जरूरतें जैसे- ऑफिस टिफिन ले जाना, खाना खाना, पेशाब जाना आदि भी भूलने लगता है।

समय से पहले पता चल सकता है अल्जाइमर

चूंकि अल्जाइमर से पहले मस्तिष्क में बहुत धीरे-धीरे परिवर्तन आता है। इसलिए अगर छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो लक्षणों के दिखने से बहुत पहले ही अल्जाइमर का पता लगाया जा सकता है। 'जॉन हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी' के 'डिपार्टमेंट ऑफ मैथमेटिक्स एंड स्टैटिस्टिक्स' के चेयर पर्सन लॉरेंट यूनेस इस शोध को लिखने वाले प्रमुख लेखक हैं। ये शोध 'फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस' नामक जर्नल में छपा है।

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रिसर्च से कई उम्मीदें

लॉरेंट कहते हैं कि इस रिसर्च से अल्जाइमर की रोकथाम में काफी मदद मिलेगी। रिसर्च में पाया गया है कि मस्तिष्क में एक विशेष प्रोटीन पाया जाता है, जिसे टाऊ प्रोटीन कहते हैं। मस्तिष्क में इसकी मात्रा की जांच करके अल्जाइमर को काफी समय पहले ही पहचाना जा सकता है। डॉ. लॉरेंट के अनुसार अल्जाइमर से लगभग 34 साल पहले से मस्तिष्क में इस प्रोटीन की मात्रा बढ़ने लगती है।

ब्रेन इमेजिंग से पता चल जाएगा अल्जाइमर

हालांकि हर किसी के लिए इतने समय पहले टाऊ प्रोटीन का टेस्ट करवाना संभव नहीं है। मगर फिर भी ब्रेन इमेजिंग टेस्ट और स्पाइनल फ्लुइड एनालिसिस के द्वारा अल्जाइमर को 10 साल पहले ही पहचाना जा सकता है। इससे मरीज की सही देखभाल और जरूरी ट्रीटमेंट के द्वारा मस्तिष्क कोशिकाओं को खराब होने से रोका जा सकता है।

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