What Blood Tests Are Done For Irregular Periods: हेल्दी पीरियड्स आना आपके बेहतर स्वास्थ्य के संकेत भी होता है। वहीं पीरियड्स अनियमित होना या ब्लड फ्लो ज्यादा या कम होना भी किसी समस्या का कारण हो सकता है। पीरियड्स साइकिल में सभी महिलाओं की परेशानियां अलग-अलग हो सकती हैं। लेकिन अगर ऐसे में आपको कुछ असामान्य बदलाव आते हैं, तो यह किसी गंभीर समस्या के पनपने का संकेत भी हो सकता है। तो ऐसे में जरूरी है जांच के जरिए समस्या का पता लगाया जाए। इस बारे में अधिक जानने के लिए हमने बात कि न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स लैब (नोएडा) के प्रमुख डॉ.विज्ञान मिश्रा से।
पहले समझिए क्यों जरूरी है इर्रेगुलर पीरियड्स में टेस्च कराना- Why Blood test is needed for Periods Related Problems
कई बार पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं का बाहरी रूप से पता नहीं चल पाता है। ऐसे में हम छोटी-छोटी समस्याओं को आम समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में किसी गंभीर समस्या का रूप भी ले सकता है।
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पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं में कराएं ये टेस्ट- Blood Test For Periods Related Problems
कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी)- Complete Blood Count
इस टेस्ट के जरिए ब्लड में मौजूद कोम्पोनेंट्स जैसे कि रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स का पता लगाया जै सकता है। इसकी मदद से एनीमिया जैसी बीमारियों का पता लगाने में मदद मिल सकती है, जो हैवी पीरियड्स की समस्या से जुड़ा होता है।
थायराइड फंक्शन टेस्ट- Thyroid Function Test
थायराइड फंक्शन टेस्ट की मदद से शरीर में पनप रही बीमारियों का पता लगााया जा सकता है। इससे पता लगाया जा सकता है, कि थायराइड डिसऑर्डर आपकी पीरियड्स साइकिल को प्रभावित कर रहा है या नहीं। अंडएक्टिव और ओवरएक्टिव थायराइड के कारण इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या हो सकती है।
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हार्मोन लेवल- Hormone Level
हार्मोन लेवल ब्लड टेस्ट के जरिए शरीर में एस्ट्राडियोल, प्रोजेस्टेरोन, एलएच (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन), और एफएसएच (फॉलिकल-स्टिमुलेटिंग हार्मोन) जैसे हार्मोन के स्तर को मापा जा सकता है। हेल्दी पीरियड्स साइकिल के लिए ये सभी हार्मोन जरूरी है, ऐसे में किसी भी हार्मोन के असंतुलित होने से पीरियड्स साइकिल इर्रेगुलर हो सकती है।
प्रोलैक्टिन लेवल- Prolactin Level
शरीर में प्रोलैक्टिन लेवल ज्यादा होने से पीरियड्स साइकिल बाधित हो सकती है। इस ब्लड टेस्ट के जरिए हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया जैसी स्थितियों का निदान करने में मदद मिल सकती है।
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टेस्टोस्टेरोन लेवल- Testosterone Level
शरीर में टेस्टोस्टेरोन लेवल ज्यादा होने से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी समस्या हो सकती है, जो अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकता है। ऐसे मामलों में टेस्टोस्टेरोन लेवल का पता लगाना जरूरी हो जाता है।
ग्लूकोज और इंसुलिन लेवल- Glucose And Insulin Levels
इंसुलिन और ग्लूकोज लेवल ज्यादा होना इंसुलिन प्रतिरोध का संकेत देता है, यह समस्या पीसीओएस से जुड़ी हो सकती है और पीरियड्स अनियमित होने का कारण बन सकती है।
इन ब्लड टेस्ट की मदद से पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है। जिससे सही समय पर इलाज लिया जा सकता है। साथ ही हेल्दी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतों को भी जरूर अपनाएं। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना न भूलें।