ब्लड कैंसर (Blood Cancer), जब शरीर की कोशिकाएं जरूरत से ज्यादा उत्परिवर्तन होती हैं तब यह समस्या पैदा होती है। यह कैंसर खून के जरिए शरीर में फैलना शुरू करता है और ये कोशिकाएं भी कम होने की बजाय बढ़ती चली जाती हैं। ऐसे में शुरुआत में इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी होता है। आज का हमारा लेख ब्लड कैंसर पर ही है। ब्लड कैंसर कई प्रकार के होते हैं जिन को स्पष्ट रूप से समझना जरूरी है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि ब्लड कैंसर के लक्षण, कारण और उपचार क्या है। साथ ही इसके प्रकार और जांच के बारे में भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
ब्लड कैंसर के प्रकार types of blood cancer
ब्लड कैंसर मुख्य तौर पर तीन प्रकार का होता है। ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मायलोमा।
ल्यूकेमिया में सफेद रक्त कोशिकाएं ज्यादा उत्पादित होती है, जिसके कारण यह कैंसर बढ़ने लगता है। जबकि लिंफोमा में इस कैंसर का प्रभाव लिंफ सिस्टम पर ज्यादा पड़ता है और यह बी कोशिकाएं और टी कोशिकाएं उत्पन्न करती हैं। मायलोमा होने पर बोन मैरो की प्लाज्मा कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। साथ ही सफेद रक्त कोशिकाएं जो संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबॉडी बनाती हैं उन्हें नुकसान पहुंचाता है, जिसके कारण हड्डियों में कमजोरी, हड्डियों में दर्द, खून में कैल्शियम की अधिकता, एनीमिया, किडनी फेलियर आदि समस्या हो सकती हैं।
इशे भी पढ़ें- क्या है लिंफोमा कैंसर के 13 लक्षण? जानें इसके प्रकार, अवस्था और इलाज
ब्लड कैंसर के लक्षण (Symptoms of Blood Cancer)
ब्लड कैंसर के कई प्रकार होते हैं, लेकिन सभी प्रकार के ब्लड कैंसर में असामान्य ब्लड सेल्स की उपस्थिति की तुलना में सामान्य ब्लड सेल्स की कमी के कारण अधिक लक्षण नजर आते हैँ। ब्लड कैंसर के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं-
- नाक, मसूड़ों और मलाशय से लगातार खून निकलना।
- महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लड फ्लो होना।
- बुखार लगातार बने रहना।
- हड्डियों में दर्द होना।
- गले, कमर या फिर हाथ में किसी तरह की कोई गांठ या सूजन होना।
- रात में सोते समय काफी ज्यादा पसीना आना।
- पेट के लेफ्ट साइड में दर्द और सूजन का अनुभव होना।
- बिना कारण भूख न लगना।
- तेजी से वजन घटना।
इसे भी पढ़ें- कैंसर से जुड़ी इन 10 अफवाहों को आप भी मानते हैं सही? डॉक्टर से जानें सच्चाई
ब्लड कैंसर के कारण (Causes of Blood cancer)
विकिरण और केमिकल्स
एक्सपर्ट के अनुसार, अभी तक ब्लड कैंसर के स्पष्ट कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन कुछ ऐसी चीजे हैं, जिससे ब्लड कैंसर का खतरा बढ़ता है। जैसे- विकिरण और कुछ विशेष केमिकल्स जैसे- बेंजीन के संपर्क में आने से ब्लड कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
धूम्रपान
ब्लड कैंसर के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन कुछ ऐसी चीजे हैं जो ब्लड कैंसर को ट्रिगर कर सकती हैं। जैसे- धूम्रपान, शराब इत्यादि का अधिक सेवन करने वालों को ब्लड कैंसर का खतरा ज्यादा हो सकता है।
अनुवांशिक
अगर आपके परिवार में किसी को ब्लड कैंसर है, जो इससे परिवार के अन्य व्यक्तियों को ब्लड कैंसर होने का खतरा हो सकता है।
इसे भी पढ़ें- घर में हो कोई कैंसर का मरीज, तो उसकी देखभाल कैसे करें? एक्सपर्ट से जानें जरूरी टिप्स
ब्लड कैंसर की जांच
1 - कंपलीट ब्लड काउंट टेस्ट - इस टेस्ट में डॉक्टर रक्त कोशिकाओं की मात्रा के बारे में जानकारी लेते हैं। वह यह पता लगाते हैं कि रक्त कोशिकाओं की संख्या जरूरत से ज्यादा है या कम।
2 - बायोप्सी - रक्त कोशिका जब कम या ज्यादा नजर आती है तो डॉक्टर बोन मैरो की बायोप्सी की सलाह देते हैं।
3 - ब्लड प्रोटीन टेस्ट - इसमें रक्त कोशिकाओं में इम्यूनोग्लोबुलीन मौजूद होते हैं जो इम्यून सेल प्रोटीन कहलाते हैं और यह संक्रमण से लड़ने में भी मददगार होते हैं। जबकि मायलोमा कैंसर में कोशिकाएं असामान्य रूप से उत्पादित होनी शुरू हो जाती हैं। ऐसे में ब्लड प्रोटीन टेस्ट की सलाह से इस समस्या का पता लगाते हैं।
ब्लड कैंसर का उपचार
- ब्लड कैंसर के लिए स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन यानी बोन मैरो से स्टेम सेल्स पेरीफेरल ब्लड को इकट्ठा करते हैं और स्वस्थ रक्त बनाने वाली कोशिकाओं के साथ इन्फ्यूज करते हैं।
- कीमोथेरेपी से कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद मिलती है।
- रेडिएशन थेरेपी के जरिए कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से पहले रेडिएशन थेरेपी करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है।
इसे भी पढ़ें- शरीर में कैंसर के 7 लक्षण, जिन्हें सामान्य समझकर लोग कर देते हैं नजरदांज
नोट - बता दें कि ब्लड कैंसर का सटीक कारण अभी मालूम नहीं है। ऐसे में इसका रोकथाम का भी कोई सटीक इलाज नहीं है। जीवन शैली में थोड़ा सा बदलाव करके और डॉक्टर द्वारा दिए गए सुझावों को अपनाकर समस्या को दूर किया जा सकता है। इससे अलग सुबह शाम व्यायाम, 30 मिनट वॉक, संतुलित डाइट, भरपूर मात्रा में पानी आदि समस्याओं से बचाव किया जा सकता है।
Read More Articles on cancer in hindi