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डायबिटीज रोगियों को दूध वाली चाय पीनी चाहिए या काली चाय? डॉक्टर से जानें क्या है सही

विशेषतौर पर डायबिटीज के रोगियों के लिए दूध वाली चाय सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदायक साबित होती है। अक्सर लोग सलाह देते हैं कि डायबिटीज के रोगियों को ब्लैक टी यानी की जिस चाय में दूध का इस्तेमाल नहीं किया हो।
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डायबिटीज रोगियों को दूध वाली चाय पीनी चाहिए या काली चाय? डॉक्टर से जानें क्या है सही


खून के अलावा भारतीयों की रगों में कोई और चीज बहती है तो उसका नाम है चाय। घर के किचन से लेकर नुक्कड़ की टपरी पर चाय की खुशबू ही लोगों को दीवाना बना जाती है। भारत में ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत सुबह की तरोताजा खबरों और चाय के कप के साथ होती है। सुबह आंख खुलते ही चाय पीना आज भी भारतीयों की पहली पसंद है। आमतौर पर भारतीय घरों में चाय की पत्ती, पानी, चीनी औक दूध वाली चाय पी जाती हैं। दूध वाली चाय बेशक से जुबान को लुभाती हो, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से यह हानिकारक साबित होती है। विशेषतौर पर डायबिटीज के रोगियों के लिए दूध वाली चाय सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदायक साबित होती है। अक्सर लोग सलाह देते हैं कि डायबिटीज के रोगियों को ब्लैक टी यानी की जिस चाय में दूध का इस्तेमाल नहीं किया हो। उसका सेवन करना चाहिए। डायबिटीज के रोगियों को ब्लैक टी या दूध वाली नॉर्मल चाय कौन सी पीनी चाहिए। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने दिल्ली के भाग्य आयुर्वेदा की न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन पूजा सिंह से बात की।

ब्लैक टी या दूध वाली चाय क्या है ज्यादा बेहतर?

डाइटिशियन पूजा सिंह के अनुसार, डायबिटीज या सामान्य लोगों के लिए भी दूध वाली चाय के मुकाबले ब्लैक टी ज्यादा फायदेमंद होता है। ब्लैक टी का ग्लेमाइंड इंडेक्स काफी कम होता है। इसको पीने से ब्लड शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता है। इसलिए यह डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है। डायबिटीज के अलावा थायराइड, वजन घटाने रहे लोगों के लिए भी ब्लैक टी ज्यादा फायदेमंद साबित होती है।

diabetes and tea

डायबिटीज रोगियों के लिए ब्लैक टी क्यों है फायदेमंद

काली चाय में नींबू मिलाकर पीने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही ये आपकी स्किन के लिए भी हेल्दी होता है। वहीं, यह वजन कम करने में भी कारगर साबित होती है। पॉलीफेनोल और रोगाणुरोधी गुण आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ हेल्थ साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि काली चाय पुरानी बीमारी की शुरुआत को रोकने में मदद कर सकती है।

काली चाय कैसे बनाएं?

काली चाय बनाना काफी आसान है। सबसे पहले पानी को उबाल लें। अब इस पानी को चाय की पत्तियों पर डालें। चाय को अच्छे से पकने दीजिए स्वाद को पानी में घुलने दें। अब चाय को  छलनी की मदद से छान सकते हैं। फिर इसे गर्म-गर्म पिएं।

 

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