वर्तमान समय में बिगड़ी लाइफस्टाइल और खानपान के कारण लोगों में लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इनमें डायबिटीज, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां सबसे प्रमुख हैं, जिन्हें 'लाइफस्टाइल डिसऑर्डर्स' के रूप में जाना जाता है। इन बीमारियों के पीछे प्रमुख कारण अनहेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव और इनएक्टिव लाइफस्टाइल हैं। मोटापा, शरीर में फैट के जमा होने के कारण होता है और यह हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण दिल की धमनियां संकरी हो जाती हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों का समय पर इलाज करना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह धीरे-धीरे शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित कर सकती हैं। आयुर्वेद और प्राकृतिक उपायों की मदद से इन समस्याओं को कंट्रोल करना संभव है, जिसमें काली मिर्च जैसे मसाले भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याओं जैसे डायबिटीज, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल में काली मिर्च के फायदे और सेवन का सही तरीका बता रहे हैं।
लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों में काली मिर्च
डॉक्टर श्रेय का कहना है कि आयुर्वेद में काली मिर्च का सेवन लाभकारी बताया गया है लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर आप ज्यादा मात्रा में काली मिर्च का सेवन करते हैं तो यह भी धातुक्षय कर सकती है। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक लगातार ज्यादा मात्रा में काली मिर्च का सेवन करता है तो यह शरीर के टिश्यू को डैमेज कर सकती है। काली मिर्च को दाल और सब्जी में थोड़ी मात्रा में डालकर लिया जा सकता है लेकिन इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से परहेज करें।
1. डायबिटीज में काली मिर्च के फायदे
डायबिटीज आज के समय में सबसे आम बीमारियों में से एक बन चुकी है। इसका मुख्य कारण शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग न होना है। काली मिर्च में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। डॉक्टर श्रेय ने बताया कि डायबिटीज की समस्या में काली मिर्च का सेवन कुछ हद तक लाभदायक हो सकता है। यह जड़ी-बूटियों को शरीर के डीपर टिश्यू यानी ऊतकों तक पहुंचाने का काम करती है।
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2. मोटापे में काली मिर्च के फायदे
मोटापा एक गंभीर समस्या है, जो कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है। वजन बढ़ने से हार्ट डिजीज, डायबिटीज और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन तत्व वजन घटाने में मदद करता है। पिपेरिन शरीर में जमा फैट को बर्न करने में सहायक हो सकता है। मोटापे की समस्या को कम करने में काली मिर्च का सेवन लाभकारी हो सकता है लेकिन ध्यान रखें कि इसका सेवन कम मात्रा में ही करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्यादा काली मिर्च के सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है।
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3. कोलेस्ट्रॉल में काली मिर्च के फायदे
हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल हार्ट डिजीज का कारण बन सकता है। शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का जमाव धमनियों को संकुचित कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद में काली मिर्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने में बहुत प्रभावी मानी जाती है। इसमें मौजूद तत्व शरीर में मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल की समस्या कम हो सकती है।
निष्कर्ष
डायबिटीज, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों के लिए काली मिर्च एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, कम मात्रा में काली मिर्च का सेवन शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और मेटाबॉलिज्म बूस्टिंग गुण शरीर के लिए लाभकारी हो सकते हैं। अगर आप भी इन बीमारियों से जूझ रहे हैं, तो काली मिर्च को कम मात्रा में अपनी डाइट में शामिल करें और इसके फायदों का लाभ उठाएं।
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