वर्कआउट को लेकर लोगों के जेहन में अकसर एक रुकावट होती है, विशेषकर महिलाओं के साथ। विशेषज्ञों का मानना है लोग
तीव्रता
बेशक। यह सबसे बड़ी वजह है जिसके कारण लोग फिट नहीं हो पाते। न ही सही प्रकार से वजन ही कम कर पाते हैं। यदि तीव्रता सही न हो तो लोगों को अपेक्षानुसार नतीजे नहीं मिल पाते। अच्छी बात यह है कि आप इससे पार पा सकते हैं।
तीव्रता की कमी कई रूपों में आती है, लेकिन असलियत यह है कि लोग वर्कआउट के दौरान थोड़ा बहुत असहज होना सामान्य समझते हैं। लेकिन वास्तवकिता यह है कि हम शायद कभी अपनी सीमाओं को बढ़ाने का प्रयास करते हों। हम सोचते हैं कि ऐसा करना ज्यादा मुश्किल होगा। हम सोचते हैं कि हमें पसीना आ रहा है और शायद यही मेरे लिए सही है।
लेकिन यह काफी नहीं है। खासतौर पर अगर आपने बड़े लक्ष्य तय किये हों, तो आपके लिए यह काम और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वास्तव में हमारा शरीर हमारी सोच से ज्यादा मजबूत होता हे, लेकिन हम अपनी ऊर्जा बचाकर रखने में विश्वास रखते हैं। और शायद इसी वजह से हम जरूरी वर्कआउट नहीं करते।
45 मिनट से एक घंटे के व्यायाम के साथ यही समस्या है। कड़े व्यायाम के स्तर इतने लंबे होते हैं कि हमारे लिए स्वयं को अपनी पूरी लिमिट तक खींचे रखना कई बार मुश्किल हो जाता है। तो हम अपने स्तर को कम कर लेते हैं ताकि हम अपनी ऊर्जा को लंबे समय तक संरक्षित कर सकें।
आखिर हम कैसे अपने व्यायाम की तीव्रता को अधिक बढ़ा सकते हैं :
वादा करें
जस्ट डू इट, यानी ठान लीजिये कि आपको क्या करना है और इसके बाद पूरी क्षमता से उसे करने में जुट जाएं। याद रखिये इसमें प्रयोग की जगह नहीं होती। अपना लक्ष्य करना कामयाबी की सबसे पहली सीढ़ी होती है। कड़ी मेहनत करने का केवल वादा ही काफी नहीं है, बल्कि आपको कड़ी मेहनत करनी भी होगी। आपको तय करना होगा कि हर दिन आपको कितनी मेहनत करनी है और आपको वाकई उतनी मेहनत करनी होगी।
योजना बनायें
कोई भी काम बिना योजना बनाये संभव नहीं है। कई बार जिम जाना पूरी तरह वक्त की बर्बादी हो सकता है। बिना किसी लक्ष्य के किसी भी उपकरण पर पसीना बहाना आपके लिए बेकार साबित हो सकता है। अपने वर्कआउट को समय के साथ-साथ बढ़ाते रहें और व्यायाम के लक्ष्य तय रखें। जब आप कोई लक्ष्य बनाकर काम करते हैं, तो आपको सफलता हासिल करने में आसानी होती है। अगर आपको ब्रेक से केवल 30 सेकेण्ड पहले यह मालूम हो कि आपका लक्ष्य क्या है, तो आप कड़ी मेहनत कर सकेंगे।
वक्त का आनंद लें
लंबे समय तक वर्कआउट करने का लक्ष्य बनाने के स्थान पर, बेहतर होगा कि आप उस लम्हे पर ध्यान दें। आगे के बारे में ज्यादा न सोचें। एक दो अंतराल में कड़ी मेहनत करें। पहले दो इंटरवल के बाद कड़ी मेहनत करें। एक निश्चित समय के लिए आप काफी कड़ी मेहनत कर सकते हैं। आप एक निश्चित समय के लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर कड़ी मेहनत कर सकते हैं।
मल्टी टास्क न करें
मल्टीटास्किंग होना कई बार अच्छा माना जाता है। लेकिन, हर बार ऐसा करना आपकी एकाग्रता और क्षमता पर असर डालता है। व्यायाम करते हुए आपको खासतोर पर ऐसा नहीं करना चाहिये। वर्कआउट के दौरान आपको अपना पूरा ध्यान केवल वर्कआउट पर ही लगाना चाहिये। इस दौरान न तो आपको फोन आदि पर बात करनी चाहिए और न ही बातों पर वक्त बर्बाद करना चाहिये। मशीन के टाइमर पर तीव्रता तेज करके आपको इंटरवल करने चाहिये। 60 सेकेण्ड की रिकवरी करें और 45 मिनट तक कड़ा व्यायाम करें।
वर्कआउट बदलते रहें
एक ही तरह का व्यायाम न करें। अलग-अलग प्रकार के छोटे, लेकिन अधिक तीव्रता वाले व्यायाम आपके लिए एक ही गति के छोटे व्यायामों की अपेक्षा अधिक कारगर साबित होते हैं।
बेशक आपको दोनों करने की जरूतर है, लेकिन आखिरकार आप नतीजा हासिल करना चाहते हैं और अगर आपको नहीं मिलता है, तो आपको इस बात का आकलन करना चाहिये कि क्या जो व्यायाम आप कर रहे हैं, वह काफी है। या आपको उसका तरीका बदलने की जरूरत है। व्यायाम जरूर लाभकारी होते हैं, लेकिन आपको उसकी कड़ाई और तीव्रता का खयाल रखना चाहिये।
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