ऐस्टिगमैटिज्म जिसे हिन्दी में दृष्टिवैषम्य कहा जाता है, आंखों की एक सामान्य समस्या है जिसमें दृष्टि धुंधली हो जाती है। इसमें किसी भी दूरी तक देखने पर धंधला दिखाई पड़ता है। इसे चश्मे, कॉन्टेक्ट लेंस या सर्जरी आदि से ठीक किया जाता है। ऐस्टिगमैटिज्म आंख के भीतर (कॉर्निया) या लेंस के सामने की सतह दूसरी सतह से एक ही दिशा में थोड़ा अलग वक्रता पर हो जाने पर होता है। आंखों की कुछ एक्सरसाइज ऐस्टिगमैटिज्म में लाभदायक होती हैं। चलिये जानें कौंन सी हैं ये एक्सरसाइज -
पामिंग एक्सरसाइज
पामिंग एक्सरसाइज करने से दृष्टी बेहतर बनती है। इसे करने करना बेहद आसान होता है, बस कुर्सी पर बैठ जाएं, हथेलियों को रगड़कर गर्म करें, और फइर दोनों आंखों पर रखें। आईबॉल पर ज्यादा दबाव न देते हुए धीरे से गहरी सांस लें और किसी अच्छी घटना के बारे में कल्पना करें। इसके बाद हथेलियों को आंखों से हटाएं और धीरे-धीरे आंखें खोलें। ऐसा दिन में कम से कम 3 से 4 मिनट के लिये करें।
पेंसिल के साथ एक्सरसाइज
अपने हाथ की दूरी पर एक पेंसिल को पकडें। अपनी हाथ को नाक की तरफ धीरे से बढ़ाएं। पेंसिल की नोक पर अपनी निगाह टिकाएं रखें जब तक कि आप उसकी नोक को कम दूरी के कारण देखने में असक्षम न हो जाएं। इस प्रासेस को इस बार करें (पेंसिल के अलावा आप किसी भी चीज को ले सकते हैं जिस पर आपका ध्यान केंद्रित हो सकें और उसे आप अपनी हाथों से आसानी से मूव करा लें)।
देखने वाली एक्सरसाइज
किसी दूर रखी वस्तु पर 10 से 15 सेकण्ड के लिए निगाह ठहराएं (जो लगभग 150 फीट ऊंची या 50 मीटर दूरी पर हो)। उसके बाद, अपनी आखों को धीरे से दूसरी जगह ले जाएं और नजदीकी वाली वस्तु को देखें (जो लगभग 30 फीट से कम और 10 मीटर की दूरी पर हो), इस दौरान आपका सिर न घुमाएं। उसके बाद दोबरा पहले वाली वस्तु पर जाएं और 10 से 15 सेकण्ड तक देखें और वापस कम दूरी वाली वस्तु पर आ जाएं। इस प्रक्रिया को 5 बार दोहराएं लेकिन याद रहे कि यह करते समय आपका सिर नहीं घुमाना चाहिये।
इसके अलावा आप ऐस्टिगमैटिज्म को ठीक करने के लिये पदमासन, सिद्धासन या सुखासन में बैठकर भी ये एक्सरसाइज कर सकते हैं। इन क्रियाओं के अभ्यास के बाद सर्वांगासन, शीर्षासन और हलासन का अभ्यास करना चाहिए। इनसे आंखों में खून का बेहतर संचार होता है, जिससे आंखों के कई रोग दूर होते हैं।
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