फिट रहने के लिए वैसे तो आपने कई फंडों को अपना या होगा लेकिन क्या आप जानते है स्वस्थ रहने के लिए पूरी प्लैनिंग से वर्कआउट करना जरूरी है। ऐसा करके आप अपनी प्रतिरोधी क्षमता को भी बढ़ा पाएंगे। यदि आप सोच रहे हैं कि सिर्फ कार्डियो या सिर्फ स्पोर्ट्स में अपनाकर आप एकदम फिट रहेंगे तो आप गलत सोच रहे हैं। आइए जानें फिट रहने के तीन आधारों के बारे में।
- फिट रहने के लिए व्यायाम करना, तनावमुक्त रहना, अच्छा खान-पान तो जरूरी है, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है अपने मस्तिष्क को समझना और उससे भी अधिक जरूरी है प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना और शरीर को मजबूत करना। लेकिन इन सबके लिए एक परफेक्ट प्लान होना चाहिए।
- मस्तिष्क को समझने के लिए यानी मानसिक रूप से अपने आपको मजबूत बनाने के लिए आपको बाहर जाकर व्यायाम और एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे आप बाहर के लोगों से तो मेलजोल बढ़ाएंगे ही साथ ही आप अपनी व्याकुलता, तनाव और अवसाद को भी कम कर पाएंगे और तरोताजा महसूस करते हुए फ्रेश महसूस करेंगे।
- मानसिक रूप से मजबूत बनने और अपना आत्मविश्वासस बढ़ाने के लिए जरूरी है कि आप दूसरों पर निर्भर न हो बल्कि अपने काम स्वंय करना सीखें। इससे आप स्वतंत्र होकर आराम से अपना काम कर पाएंगे।
- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए डिटॉक्स से शुरूआत करें। इसके लिए आपको खाने-पीने में हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ानी होगी। तैलीय भोजन को छोड़ खाने में सलाद की मात्रा बढ़ानी होगी। इसके अलावा मीठे खाद्य पदार्थ, शराब, सिगरेट आदि से दूर रहना होगा।
- प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए टहलने की आदत डालना भी बहुत जरूरी है। टहलने के साथ ही रोज एक्सरसाइज और योग करना भी शुरू करें। लेकिन शरीर पर एक साथ बहुत ज्यादा दवाब न डालें।
- शरीर को मजबूत बनाने के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी है और इससे शरीर तो फिट रहता ही है, साथ ही तनाव दूर होता है। शरीर को मजबूत बनाने के लिए बार-बार वजन उठाएं। शुरुआत में कम वजन को बार -बार उठाने की कोशिश करें। आपको कितने वजन के साथ अभ्यास करना चाहिए, इसके लिए आप फिटनेस एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकते हैं।
- शरीर को मजबूत बनाने के लिए आप एक ऐसी मेज लें, जिसकी ऊंचाई आपके घुटनों के बराबर हो। इस मेज को दीवार के सहारे रख आप मेज पर चढ़े उतरें।
- कुछ खास मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए हॉपिंग की मदद भी ली जा सकती है। इससे आपका स्टैमिना भी बढ़ता है। इससे पैरों की सभी मांसपेशियों जैसे घुटने, पिंडली और कूल्हे की मांसपेशियों का वर्कआउट होता है।
गौरतलब है कि पूरी तरह स्वस्थता के लिए केवल शारीरिक मजबूती हासिल करना काफी नहीं होगा। मजबूत प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ भावनात्मक स्वास्थ्य होना भी जरूरी है।
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