खाना खाने के बाद अक्सर होती है सीने में जलन तो बदलें अपना कुकिंग ऑयल, जानें एसिड रिफलक्स से बचाने वाले 5 तेल

अगर आप एसिड रिफ्लक्स की समस्या से परेशान है, तो इन कुकिंग ऑयल्स को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं। 
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खाना खाने के बाद अक्सर होती है सीने में जलन तो बदलें अपना कुकिंग ऑयल, जानें एसिड रिफलक्स से बचाने वाले 5 तेल


कई बार आपको खाना खाने के बाद सीने में जलन या गैस बनने जैसी समस्याएं होने लगती है। यह पाचन तंत्र से जुड़ी एक समस्या है, जिसका मुख्य केंद्र पेट होता है। जब आपके पेट से अधिक एसिड उत्सर्जित होने लगता है, तो पेट में एसिडिटी की परेशानी होती है और इसे ही एसिड रिफ्लक्स कहते है। इस दौरान एसिड भोजन नली से गले तक आ जाता है। जिसकी वजह से खट्टी डकार और डाइजेशन की समस्या हो सकती है। एसिड रिफ्लक्स कई कारणों से हो सकता है। जैसे खराब दिनचर्या, खानपान की दिक्कतें, शराब या सिगरेट का सेवन और ओवरईटिंग ऐसे ही कुछ कारण है। इससे बचने के लिए आपको अपने खानपान पर सबसे पहले ध्यान देने की जरूरत है ताकि इसे ज्लदी दूर  किया जा सके। इसके अलावा आप एसिड रिफ्लक्स की समस्या में अपने कुकिंग ऑयल को भी बदलने की जरूरत हो सकती है क्योंकि बहुत सारे कुकिंग ऑयल में फैट और ट्रांस फैट होता है, जिससे पेट में एसिड रिफ्लक्स की परेशानी सामने आती है इसलिए सेहत के लिए प्राकृतिक और स्वस्थ कुकिंग ऑयल चुनें। 

एसिड रिफ्लक्स में इन तेलों का करें इस्तेमाल (Cooking Oil For Acid Reflux)

1. नारियल का तेल

एसिड रिफ्लक्स के लिए सबसे अच्छा खाना पकाने का तेल नारियल का तेल है। यह एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को रोकने या पेट दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। नारियल तेल में विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। साथ ही इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और एंटीबैक्टीरियल गुण होते है, जो आपकी पेट की समस्याओं को ठीक करने और इम्यून सिस्टम बढ़ाने में मदद करते है। आप सुबह-शाम के खाने में इसकी एक चम्मच मात्रा का उपयोग कर सकते है। इससे खाना स्वादिष्ट भी एसिड रिप्लक्स की समस्या भी नहीं होती है। यह पचाने में बेहद हल्का होता है। 

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Image Credit- Freepik

2. जैतून का तेल

 जैतून के तेल कई समस्याओं में लाभकारी होता है। एसिड रिफ्लक्स में इसके सेवन से आपको नैचुरल फैट प्राप्त होता है, जिसके सेवन से पेट में कोई परेशानी नहीं होती है। साथ ही यह पेट में एसिड की मात्रा को कम कर देता है, जिससे यह जमा नहीं हो पाता है। इसके अलावा, जैतून के तेल में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो एसोफैगल स्फिंक्टर की रक्षा करने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें पाए जाने वाले मोनोअनसैचुरेटेड फैट की मदद से कोलेस्ट्रोल को कम करने में भी मदद मिलती है। इससे हृदय संबंधी समस्याएं नहीं होती है। एसिड रिफ्लक्स की समस्या में आप जैतून तेल को बिना किसी संकोच के अपने कुकिंग ऑयल के रूप में शामिल कर सकते हैं। 

3. अदरक का तेल

अपनी दिनचर्या बदलने के साथ तेल बदलने से भी आपके मन तरोताजा अनुभव करता है और कुछ अलग स्वाद का मजा भी आप ले पाते हैं। इसके लिए आप अदरक का तेल अपने खाना पकाने के लिए ले सकते हैं। अदरक का तेल खट्टी डकार, पेट में सूजन और जलन से भी राहत प्रदान करता है। इसमें एस्ट्रिंजेंट, टोनिंग, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते है, जो पेट में होने वाले बैक्टीरिया को कम करने में मदद करता है। 

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4. लैवेंडर तेल

लैवेंडर तेल स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह पेट की खराबी के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है। यह एसिड रिफ्ल्क्स में पेट से निकलने वाले एसिड को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल आप सलाद के ऊपर भी कर सकते हैं। इससे खाने का स्वाद और सुगंध बढ़ जाता है। 

5. पेपरमिंट ऑयल

आमतौर पर लोग मूड फ्रेश करने के लिए पेपरमिंट का सेवन करते है। इससे पेट खराब और मतली को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा पाचन तंत्र को सक्रिय बनाने में मदद मिलती है। पेपरमिंट तेल से खाना बनाने पर एसिड रिफ्लक्स की समस्या में आराम मिलता है और खट्टी डकार की दिक्कतें भी नहीं आती है। 

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इन बातों का रखें ध्यान

1. स्वस्थ वजन  बनाए रखने के लिए हेल्दी फूड्स खाएं और बाहर का खाना न खाएं। इससे समस्या बढ़ सकती है। 

2. खाना खाने के बाद तुरंत न सोएं। इससे एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। 

3. टाइट और फिटिंग कपड़े न पहनें। इससे पेट पर दबाव बनता है। 

4. खाना अच्छे से चबाकर और धीर-धीरे खाएं। 

5. खाने में फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें और हल्का खाना खाने की कोशिश करें। 

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