
वेदों और प्राचीन ग्रंथों में तुलसी के स्वास्थ्य लाभ के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है। इस कारण इसके पौधे की घर-घर में पूजा की जाती है। तुलसी का पौधा एक आयुर्वेदिक औषधीय जड़ी-बूटी है। यह गर्भवती महिला और शिशु के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। खासकर तो इसके सेवन से कोई भी साइड-इफेक्ट नहीं होता। इस कारण इसे आप बिना किसी की सलाह के भी ले सकते हैं। तुलसी, विटामिन, पोषक तत्वों, खनिजों और अन्य शक्तिशाली तत्वों का मिश्रण है। इसके सेवन से कई बीमारियां और संक्रमण को होने से बचाया जा सकता है। इसकी पत्तियां, शरीर में कीटाणुओं को मारने में सक्षम और शरीर को शक्तिशाली बनाने में सहायक होती हैं।
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दवा बनाने के लिए
तुलसी में औषधीय गुण होने के कारण इसका इस्तेमाल दवा बनाने में होता है। तुलसी में घाव को भरने का मतलब हीलिंग का गुण होता है। इसकी पत्तियां एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल होती हैं जिससे इसके सेवन से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। इसके रोजाना के सेवन से मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है। यह कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी लड़ने के लिए शरीर को ताकत प्रदान करता है। तुलसी में मौजूद तत्व, शरीर में एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ा देते हैं जिस कारण उम्र में बढ़ोत्तरी होती है।
गर्भवती मां और शिशु के लिए गुणकारी
गर्भावस्था के दौरान तुलसी का सेवन होने वाले शिशु के लिए काफी फायदेमंद होता है। अगर शिशु के गर्भाधान के दौरान आपको थोड़े कॉमपलेक्शन हुए हैं तो रोजाना तुलसी का सेवन करें। इसके रोजाना सेवन से गर्भावस्था के कॉम्पलेक्शन दूर होंगे। गर्भावस्था में तुलसी के सेवन से कई फायदे होते हैं जिनके बारे में नीचे लिखे प्वाइंटर में विस्तार से जानें-
- भ्रूण का विकास - तुलसी मां के गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बेहद फायदेमंद होती है। तुलसी में मौजूद विटामिन ए भ्रूण के विकास के लिए काफी उपयोगी है। यह शिशु के तंत्रिका तंत्र के समुचित विकास में मदद करता है।
- भ्रूण की हड्डियों का गठन - हड्डियों के गठन के लिए मैग्नीशियम काफी जरूरी होता है। तुलसी शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा को संतुलित करने में मददगार होता है जिससे बच्चे की हड्डियों का गठन बिलकुल सही रहता है।
- तनाव कम करता है - गर्भावस्था के दौरान महिलाएं तनाव में रहती है। तुलसी में मौजूद मैगनींज, तनाव को कम करता है और सेलुलर क्षति के जोखिम से बचाता है।
- रक्त का थक्का जमने में सहायक - तुलसी में विटामिन के होता है जो रक्त को जमने में सहायक होता है। गर्भवती महिला को रोजाना तुलसी के दो पत्तों का सेवन करना चाहिए। इससे गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी नहीं होगी और न ही उसकी हानि होगी। साथ ही ये शरीर में खून साफ करने का काम भी करता है।
- एनिमिया से बचाएं - रक्तहीनता के मरीजों को तुलसी के पत्तों का सेवन रोजाना करना चाहिए। इसमें ऐसे तत्व होते हैं तो हीमोग्लोबिन को बूस्ट कर देता है और लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता है। इससे ऊर्जा के स्तर में भी इज़ाफा होता है और गर्भावस्था के दौरान होने वाली थकान भी दूर हो जाती है।
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