हड्डी और जोड़ों का दर्द बहुत तकलीफदेह होता है। घुटनों में दर्द के कारण कई बार चलने-फिरने में भी परेशानी हो सकती है। इस तरह के दर्द के कई कारण हो सकते हैं। आमतौर पर मांसपेशियों में खिंचाव, हड्डी की चोट या अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। इस तरह के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप अरंडी का तेल यानी कैस्टर ऑयल का प्रयोग कर सकते हैं। अरंडी का तेल हर तरह के दर्द से राहत दिलाने में कारगर है। आइए आपको बताते हैं कि दर्द में किस तरह प्रयोग करें अरंडी का तेल।
खिंचाव के कारण घुटनों में दर्द
अगर आपको मांसपेशियों में खिंचाव के कारण घुटनों या पैरों में दर्द की समस्या है, तो आप अंरडी के तेल का इस्तेमाल नहाने से पहले कर सकते हैं। इसके लिए नहाने से पहले अरंडी के तेल को गर्म करके दर्द वाली जगह पर लगाते हुए धीरे-धीरे मालिश करें। इससे चोट या खिंचाव के कारण नसों में आई हुई सूजन कम हो जाएगी और दर्द से राहत मिलेगी।
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घुटनों के पुराने दर्द में अरंडी का तेल
अगर आपके घुटनों में लंबे समय से दर्द रहता है, जिसे साधारणत: लोग बाई का दर्द कहते हैं, तो भी अरंडी के तेल से इस दर्द में राहत पाई जा सकती है। इसके लिए अरंडी के तेल का इस तरह प्रयोग करें
- एक साफ कपड़े को गर्म पानी में डालकर भिगों दें।
- इस पर कैस्टर ऑयल की कुछ बूंदें डालें और इसमें तेल इतना ना डालें कि कपड़े से टपकने लगें।
- अब इसे दर्द वालें स्थान पर घुटने पर रखें और सिलोफन की मदद से उस स्थान को कपड़े से पूरी तरह से कवर करके बांध लें, यदि आपके पास सिलोफन नहीं है, तो आप पुराने तौलिए का भी उपयोग कर सकती हैं।
- इसके बाद जिस जगह पर ज्यादा दर्द हो रहा है उस जगह पर गर्म पानी की बोतल से 6-7 घंटे तक सिकाई करते रहें।
- घुटनों के दर्द में कैस्टर ऑयल से बना पैक काफी लंबे समय तक दर्द से राहत प्रदान करने का काम करता है। इसका उपयोग करते रहने से आप इस दर्द से हमेशा हमेशा के लिए छुटकारा पा सकती हैं।
क्यों फायदेमंद है अरंडी का तेल
अरंडी के तेल यानी कैस्टर ऑयल का उपयोग करने से यह हमारे शरीर के अंदर प्राकृतिक रूप से लिम्फोसाइट बढ़ने लगते हैं। लिम्फोसाइट कोशिकाओं के बीच में पाया जाने वाला टी-सेल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। कैस्टर ऑयल की मालिश से 24 घंटों में ही टी-कोशिकाओं की संख्या असानी से बढ़ जाती है। टी-कोशिकाओं जो शरीर के रोगों से लड़ने में सहायक होती है। यह एक प्रकार की श्वेत रूधिर कणिका है जो वायरस, बैक्टीरिया, कवक को मारकर कैंसर की कोशिकाओं के बढ़ने से रोकती है। टी-कोशिकाओं शरीर में लगने वाली चोटों को भी दूर करने का काम करती है। इसके अलावा शरीर के पुराने दर्द को भी ठीक करने का काम करती हैं।
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अर्थराइटिस में भी फायदेमंद है ये तेल
अर्थराइटिस अगर शुरुआती स्टेज में है, तो अरंडी के तेल के नियमित उपयोग से इसके दर्द से भी राहत पाई जा सकती है। इसके लिए सबसे पहले अरंडी के तेल में थोड़ा सा अजवायन और कपूर मिलाकर गर्म कर लें। अब गुनगुना हो जाने पर इस तेल को जिस जगह पर दर्द की समस्या है, वहां पर लगाएं और हल्के हाथ से 15-20 मिनट तक मसाज करें ताकि तेल, त्वचा में समा जाए। ऐसा करने से आपको दर्द में राहत मिलेगी और जकड़न भी दूर होगी।
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