अक्सर हो जाती है एलर्जी की समस्या तो रोज करें भ्रमर मुद्रा, मिलेंगे कई लाभ

कई लोगों को अलग-अलग चीजों से एलर्जी की समस्या होती है। किसी चीज से एलर्जी होने पर व्यक्ति जब उस चीज का प्रयोग करता है या उसके संपर्क में आता है, तो उसको कई तरह की समस्याएं होने लगती है।
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अक्सर हो जाती है एलर्जी की समस्या तो रोज करें भ्रमर मुद्रा, मिलेंगे कई लाभ

कई लोगों को अलग-अलग चीजों से एलर्जी की समस्या होती है। किसी चीज से एलर्जी होने पर व्यक्ति जब उस चीज का प्रयोग करता है या उसके संपर्क में आता है, तो उसको कई तरह की समस्याएं होने लगती है। अलग-अलग लोगों को अलग-अलग चीजों से एलर्जी हो सकती है और उनके अलग-अलग कारण हो सकते हैं। आमतौर पर लोग एलर्जी को गंभीरता से नहीं लेते हैं मगर अगर आपको एलर्जी बार-बार होती है, तो ये शरीर में किसी खास तत्व की कमी के कारण हो सकता है। जल्दी-जल्दी एलर्जी होने की समस्या को योगासन द्वारा आसानी से ठीक किया जा सकता है।

क्यों होती है एलर्जी

हमारे शरीर में एक एंटी बॉडीज तैयार होती रहती है जो रोगों से शरीर की रक्षा करती है। जिसकी त्वचा संवेदनशील होती है, उसके रक्त में एलर्जी संबंधी तत्व अधिक मात्रा में प्रवाहित होते हैं। त्वचा के एलर्जिक तत्व के संपंर्क में आते ही एलर्जी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे त्वचा का लाल होना, खुजली होना, चकत्ते दिखाई देना व दाने निकलना। इसके अलावा कई बार लोगों को धूल व अन्य चीजों से भी एलर्जी होती है। जब हम सांस लेते हैं या खाने के दौरान यह कण हमारे अंदर चले जाते हैं।

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क्या हैं एलर्जी के लक्षण

किसी भी एलर्जी के लक्षण अलग अलग होते हैं। एक तरफ जहां फूड एलर्जी में पेट की समस्या हो सकती है वहीं दूसरी तरफ त्वचा की एलर्जी के लक्षण अलग होते हैं आईए जानें एलर्जी के लक्षण क्या हैं।

  • आंखों से पानी आना या खुजली होना
  • छींकें आना
  • नाक बहना
  • रैशेज, रेड पैचेज के साथ रैशेज
  • थकान या बीमार महसूस करना
  • बुखार या कोल्ड होना
  • पूरी शरीर में खुजली होना
  • सांस फूलना
  • पेट की समस्या

एलर्जी का इलाज- भ्रमर मुद्रा

भ्रमर मुद्रा एक तरह की हस्त मुद्रा चिकित्सा है। इस चिकित्सा पद्धति में हाथों की अलग-अलग मुद्राओं द्वारा अलग-अलग रोगों का इलाज किया जाता है। भ्रमर मुद्रा एलर्जी और सांस संबंधी बीमारियों के लिए सबसे कारगर उपाय है। इसे करना भी आसान है। भ्रमर मुद्रा करने के लिए सबसे पहले किसी शांत और शीतल जगह का चुनाव करें और चटाई बिछाकर बैठ जाएं। अब इस तरह बनाएं ये मुद्रा-

  • सबसे पहले तर्जनी को मोड़कर अंगूठे के मूल यानी निचले हिस्से में लगाएं।
  • अब मध्यमा उंगली को अंगूठे के अगले हिस्से यानी नाखून से लगाएं।
  • इसके बाद अनामिका और कनिष्ठिका उंगली को सीधी रखें।
  • यही है भ्रमर मुद्रा।
  • इस मुद्रा का अभ्यास दिन में दिन में 3-4 बार 7-7 मिनट तक करें। इस मुद्रा को 16 मिनट से ज्यादा न करें।

एलर्जी होने पर इन बातों का जरूर रखें ध्यान

  • सबसे पहले तो जो कुछ सामान्य बहलाव आप कर सकते है वो हैं घर में मौजूद पालतू जानवरों से संभव दूरी बनाएं। खासतौर पर तब जबकि आपको उनके बालों से एलर्जी है। पालतू पशुओं को अपने लिविंग रूम से दूर ही रखें। पालतू पशुओं को नियमित रूप से नहलाएं और उनके बाल अधिक बड़े न होने दें।
  • इसके अलावा घर को साफ सुथरा रखने के साथ-साथ जरूरी कीटनाशकों को भी इस्तेमाल करें ताकि मच्छर पैदा न हों।
  • घर में वूलन का कारपेट इस्तेमाल नहीं करें और सॉफ्ट टॉय जैसे टैडी बीयर आदि को साफ रखें।
  • अगर आप वूल के प्रति एलर्जिक हैं तो वूलन के ब्लेंकेट के बजाय बाज़ार में मौजूद ‘एक्रिलिक’ रजाई और सिंथेटिक तकियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • घर में प्रोपर वेंटिलेशन की व्यवस्था रखें।

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