दूध, दही और पनीर हैं प्रेगनेंसी सुपर फूड

गर्भावस्था के दौरान दूध, दही और पनीर का सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। गर्भावस्था के दौरान दही खाने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। निम्नलिखित फायदों के लिए आपको गर्भावस्था में दही खाना आवश्यक होता है। गर्भावस्था के दौरान इन सुपरफूड से होने वाले फायदों के बारे में जानें।
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दूध, दही और पनीर हैं प्रेगनेंसी सुपर फूड

बच्चे का स्वास्थ्य इस पर ही निर्भर करता है कि प्रेग्नेंसी में उसकी मां का खानपान कैसा था। यदि गर्भावस्था में गर्भवती को पौष्टिक व संतुलित आहार नहीं मिलता तो उसका गर्भवस्थ शिशु भी पर्याप्त रूप से विकसित नहीं हो पाएगा। सामान्य स्त्री को प्राय: 1900 कैलोरी की आवश्यकता होती है, जबकि गर्भावस्था में 3200 कैलोरी की आवश्यकता होती है। गर्भवती का आहार ऐसा होना चाहिए जिसमें पौष्टिकता के सभी तत्व मौजूद हो।

Calcium in Hindi

दूध दे कैल्शियम

गर्भावस्था में महिलाओं को कैल्शियम की बहुत आवश्यकता होती है। गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी होने पर गर्भवती महिला की हडिडयां कमजोर हो जाती हैं। दांत भी कमजोर होकर टूटने लगते हैं। गर्भावस्था में महिला दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ दही, पनीर, मक्खन, खीर आदि से कैल्शियम प्राप्त कर सकती है।दूध में कैल्शियम के अलावा प्रोटीन, पोटेशियम, फास्फोरस, विटामिन ए, डी, बी12 प्रमुख रूप से पाया जाता है। दूध और दूध से बने उत्पाद हड्डियों को मजबूत बनाने, दांतों व मांसपेशियों के निर्माण में मदद करते हैं। इसके अलावा पालक, बथुआ, मेथी, आंवला, गाजर, चौलाई और सोयाबीन में भी कैल्यिशम भरपूर मात्रा में होता है।गर्भवती महिला को दूध का सेवन करना जरूरी है दिन में कम से कम 250 ग्राम दूध तीन बार पीएं। धीरे-धीरे दूध पीने की मात्रा को बढ़ाएं।

Yogurt in Hindi

 

दही रखे वजन को नियंत्रित


दही में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा तो होती ही है, साथ ही दूध से अधिक कैल्शियम भी होता है। दही का सेवन गर्भकाल में होने वाले कई कॉमन इंफैक्शन को दूर रखने में मदद करता है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था में या वैसे ही दूध पीने से कुछ एलर्जी होती है।वे महिलाएं दही खाकर कैल्शियम और प्रोटीन का पूरा लाभ उठा सकती हैं।गर्भावस्था के दौरान मसालेदार खाने की इच्छा होती है। इससे एसिडिटी और हार्ट बर्न का डर बढ़ जाता है। अत: मसालेदार खाद्य पदार्थों के साथ दही खाना अच्छा उपाय है। गर्भावस्था में वजऩ बढ़ाना अच्छा माना जाता है। हालाँकि आवश्यकता से अधिक वजऩ बढऩा अच्छा नहीं होता। दही आपके शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन के स्तर को बढऩे से रोकता है जो हार्मोन्स में असंतुलन और वजऩ बढऩे के लिए जि़म्मेदार होता है। डॉक्टर भी गर्भावस्था में दही खाने की सलाह देते हैं ताकि वजऩ आवश्यकता से अधिक न बढे।

पनीर में ट्राईप्टोफन एमिनो एसिड पाया जाता है, जो तनाव कम करने और नींद को बढ़ाने में मददगार साबित होता है।नीर का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है। रोग प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है तो बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता बढ़ जाती है।

Image Courtesy@gettyimages

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