
किसी भी महिला के लिए पहली बार मां बनने का अहसास बड़ा सुखद होता है। मां बनने के सुखद अहसास के साथ ही उसे गर्भावस्था से जुड़े जरूरी टेस्ट से भी गुजरना होता है। गर्भधारण के बाद गर्भवती महिला के शरीर के भीतर कई परिवर्तन होते हैं, जिन्हें समझना किसी भी महिला या अन्य व्यक्ति के लिए बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में गर्भावस्था को सुरक्षित और नॉर्मल बनाए रखने के लिए गर्भावस्था में टेस्ट करवाना जरूरी हो जाता है।
रक्त की जांच
गर्भावस्था की प्रारंभिक जांच में ही ब्लड ग्रुप व आरएच टाइप करा लिया जाता है। यदि गर्भ में पल रहा शिशु आरएच पॉजिटिव है, तो आरएच बीमारी या आरएच इम्यूनिजेशन का खतरा रहता है। यह खतरा प्रत्येक गर्भावस्था के साथ बढ़ता जाता है। गर्भावस्था के दौरान शिशु का थोड़ा खून मां के रक्त संचार में प्रवेश करता है। ऐसा प्रसव के दौरान अधिक होता है। आरएच निगेटिव मां का शरीर बच्चे के आरएच पॉजिटिव रक्त कणिकाओं के विरोध में एंटीबॉडीज बनाता है। यह प्लसेंटा को पार कर बच्चे की रक्त कणिकाओं को नष्ट कर देता है। इससे बच्चे में खून की कमी हो जाती है और बच्चे को एनिमिया हो सकता है।
कम्प्लीट ब्लड काउंट
सीबीसी की जांच से रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं, श्वेत रक्त कोशिकाओं और प्लेट्लेट्स की संख्या का पता चलता है। इससे कई समस्याओं जैसे संक्रमण, अनीमिया और रक्त संबंधी अन्य विकारों का निदान करने में मदद मिलती है। सीबीसी के आधार पर यह तय करने में मदद मिलती है कि आप कुदरती तरीके से मां नहीं बन सकतीं और ऐसे में आपको इन-विट्रो फर्टलाइजेशन यानी आईवीएफ की मदद लेनी चाहिये। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि आईवीएफ प्रक्रिया में अंडाणुओं को पुन: प्राप्त करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है और ऐसे में डॉक्टर के लिए यह जानना जरूरी है कि कहीं आप अनीमिया से पीडि़त तो नहीं हैं।
रूबेला
रूबेला एक वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से गर्भ (भ्रूण) को प्रभावित करता है। रूबेला एक संक्रामक रोग है और यह खांसने, छींकने या कई बार बातचीत से भी हवा के माध्यम से फैलता है। यदि कोई महिला गर्भधारण के शुरुआती तीन महीनों के दौरान इस वायरस से संक्रमित हो, तो उसे यह बीमारी हो जाती है। रुबेला वैक्सीन किसी गर्भवती महिला को नहीं दिया जा सकता है. रुबेला वैक्सीन लेने के कम से कम एक माह तक महिलाओं को गर्भधारण नहीं करना चाहिए।
गर्भधारण करने वाली महिलाओं को अपने होने वाले बच्चे को और खुद को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर के कहे अनुसार समय-समय पर नियमित जांच और सभी गर्भावस्था टेस्ट कराने बेहद जरूरी होते है।
ImageCourtesy@gettyimages
Read more article on Pregnancy in Hindi
Read Next
गर्भपात का खतरा बढ़ाने वाले कारक
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version