व्यायाम के फायदों के बारे में शायद ही कोई अंजान हो, व्यायाम करने से न केवल आपकी मांसपेशियों को मजबूत करने और बॉडी को टोन करने, वजन कम करने में मदद मिलती है, बल्कि नियमित रूप से मल त्याग के लिए भी व्यायाम को फायदेमंद माना जाता है। हेल्थ और फिटनेस एक्सपर्टों का मानना है कि नियमित रूप से व्यायाम करने से पाचन प्रक्रिया तेज हो सकती है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। हालांकि, कुछ ऐसे व्यायाम भी हैं, जो इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम या आईबीएस के लक्षणों में सुधार के बजाय उन्हें और अधिक बिगाड़ सकते हैं। इसलिए आपको इन एक्सरसाइज से बचना चाहिए यदि आप इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के शिकार हैं। आइए हम आपको बताते हैं, ऐसे कौन से व्यायाम हैं, जो आपको नहीं करने चाहिए।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को कैसे प्रभावित करता है व्यायाम?
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से पीड़ित लोगों में व्यक्ति को दस्त, कब्ज और पेट दर्द जैसी समस्याओं का अनुभव होता है। इस असहज स्थिति से छुटकारा पाने के लिए, सक्रिय रहने के साथ अपने खानपान को सही व स्वस्थ करना बेहद आवश्यक है। हालांकि व्यायाम इइरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षणों से राहत पाने के लिए अच्छा है, बशर्ते आप उन्हें सही तरीके से कर रहे हों। लेकिन कुछ व्यायाम ऐसे भी हैं, जो आंत के नुकसान के जोखिम को बढ़ा सकती है और इसे रोगजनक हमले के लिए अधिक कमजोर बना सकती है। जिससे कि इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण और अधिक बिगड़ सकते हैं।
दौड़ना (Running)
दौड़ना आपकी सेहत और हृदय शक्ति को बढ़ाने के लिए काफी फायदेमंद व्यायाम है। यह आपके पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ शरीर को टोन करने और वजन घटाने की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए अच्छा है। लेकिन यदि आप इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के शिकार हैं, तो यह पेट में ऐंठन को भी जन्म दे सकता है, जिससे दस्त शुरू हो सकते हैं या हालत और अधिक बिगड़ सकती है। जॉगिंग का भी एक समान प्रभाव हो सकता है क्योंकि इसके लिए निरंतर उछाल की आवश्यकता होती है। इसलिए अगर आप इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के शिकार हैं, तो दौड़ने या उछल-कूद जैसी एक्सरसाइज को नजरअंदाज करें।
बॉल गेम्स (Ball Games)
कई लोग एक्सरसाइज के साथ कुछ गेम्स को फिट और स्वस्थ रहने के लिए विकल्प चुनते हैं। ऐसे में बॉल गेम्स एक फिट रहने का अच्छा विकल्प है, यह आपके दिल के साथ शरीर की स्ट्रेंथ बढ़ाने में मदद करता है और आपको कई स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने में मददगार है। लेकिन अगर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से पीड़ित लोगों ऐसे खेलों को चुनते हैं, तो यह उनके लिए एक अच्छा विकल्प नहीं है। बॉल गेम खेलते समय तेजी से शरीर का हिलना और उछलना पेट में दर्द व जलन पैदा कर सकता है, जिससे पेट की मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
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हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (High-Intensity Interval Training)
हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग ऐसा व्यायाम है जो कम समय में अधिकतम परिणाम देता है। यह काफी तेजी के साथ किया जाने वाला व्यायाम है, जो कि मांसपेशियों के निर्माण और फैट को जल्दी से बर्न करने में मदद करता है। लेकिन इस तरह के हाई इंटेसिटी एक्सरसाइज के कारण, यह कसरत पेट पर बहुत तनाव डाल सकती है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप कब्ज से जूझ रहे हैं और आप इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के रोगी हैं, तो फिर तो आपको इसे करने से पहले जरूर सोचना चाहिए।
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क्रॉसफिट और इंटेंस वेट ट्रेनिंग (Crossfit and Intense Weight Training)
क्रॉसफिट एक तेजी से होने वाला वर्कआउट है, जिसमें पावरफुल और अचानक मूवमेंट होती है। ऐसे में स्क्वाटिंग और डेडलिफ्टिंग पेट के आसपास बहुत दबाव डालती है। इसके अलावा, एक्सरसाइज का यह रूप यानि तेजी से और फूर्तीले व्यायाम इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षणों को बदत्तर बना सकते हैं।
ऐसे में आप कम तीव्रता वाले व्यायाम, पिलाते, मेडिटेशन आदि को कर सकते हैं, जो आपको फिट और स्वस्थ रहने में मदद करेंगे। अगर आपको स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज चाहते हैं, तो लो वेट उठाना पसंद करें।
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