
कैंसर के सबसे बड़े कारणों में पर्यावरण भी शामिल है। अब तक माना जाता था कि कैंसर खराब भाग्य या स्मोकिंग के कारण होता है। लेकिन अब जल्द ही ये सारे कारणों में पर्यावरण भी शामिल होने वाला है। इससे पहले के सालों में शोधकर्ता हमेशा बहस करते थे कि दो-तिहाई कैंसर के पीछे इंसान का स्वास्थ्य है या स्मोकिंग। लेकिन अब इन कारणों में एक कारण और जुड़ गया है।

जर्नल नेचर में छपी नई शोध के अनुसार, चार सन्निकर्ष शामिल हैं जिसमें, कैंसर का 10-30% खतरा शरीर के नेचुरली क्रियाओं द्वारा होता है। कैंसर शरीर के कोशिकाओं की वजह से ही होता है। कैंसर में शरीर की कोई कोशिका या स्टेम सेल्स में अचानक से बढ़ोतरी होने लगती है। ऐसा शरीर के किसी भी भाग के साथ हो सकता है। इसका कारण इनट्रेंसिक और एक्सट्रेंसिक फैक्टर दोनों हो सकते हैं।
इनट्रेंसिक फैक्टर- इसमें शरीर के सेल्स विभाजित होने लगते हैं। ऐसे में म्यूटेशन का जोखिम हर वक्त होता है।
एक्सट्रेंसिक फैक्टर- इसमें स्मोकिंग, यूवी रेडिएशन और अन्य कारण शामिल हैं जिनको पहचाना नहीं जा सकता।
यह चर्चा इनट्रेंसिक और एक्सट्रेंसिक फैक्टर के इन्पोर्टेंस से संबंधित है। जनवरी में जर्नल साइंस में छपी एक रिपोर्ट ने इस बारे में समझाने की कोशिश की थी कि अन्य बाहरी कारणों की तुलना में क्यों एक कोशिका में बढ़ोतरी, कैंसर के लिए अधिक जिम्मेदार हैं। शरीर में सेल्स विभाजित होते जाते हैं जो हमारे कंट्रोल से बाहर होते हैं।
लेकिन नई स्टडी ने बाहर के कारणों को इसके लिए अधिक जिम्मेदार माना है। हाल ही में आई स्टडी के अनुसार, न्यूयॉर्क के स्टॉनी ब्रुक कैंसर सेंटर के डॉक्टरों की टीम ने इस समस्या के दूसरे वजह भी सुझाए हैं, जिसमें कंप्युटर मॉडलिंग, पॉप्युलेश डाटा और जेनेटिक वजह भी शामिल हैं। उन्होंने कहा है कि, कैंसर के खतरों का 70-90% एक्सट्रेंसिक फैक्टर जिम्मेदार है। स्टॉनी ब्रुक के डायरेक्टर डॉ. यूसुफ हैनन का कहना है कि कैंसर के कारकों में एक बहुत बड़ा एक्स रोल एक्सटर्नल फैक्टर्स का भी है। जो स्मोक नहीं करते हैं और उनको कैंसर है तो ये उनका बेडलक है।
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