शिशु के बार-बार कान ख‍ींचने या छूने की वजह हो सकती हैं ये 5 समस्‍याएं, संकेत समझकर इलाज कराना है जरूरी

कई बार हम श‍िशुओं को कान खींचते हुए या छूते हुए देखते हैं पर क्‍या आपको पता है ये क‍िसी समस्‍या के संकेत हो सकते हैं, चल‍िए जानते हैं इसके कारण
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शिशु के बार-बार कान ख‍ींचने या छूने की वजह हो सकती हैं ये 5 समस्‍याएं, संकेत समझकर इलाज कराना है जरूरी

श‍िशु की उम्र बढ़ने के साथ आपको नई-नई चीजों का अनुभव होता है। बच्‍चे हर द‍िन नई हरकत से आपको खुश करते होंगे पर उनकी हरकतों पर गौर करने की भी जरूरत है, जो बच्‍चे बोलना नहीं जानते वो संकेत के जर‍िए अपनी परेशानी बताने की कोश‍िश करते हैं। ऐसा ही एक संकेत है कान खींचना या छूना। अगर आपका बच्‍चा बार-बार कान छूता या खींचता है तो उसे कोई बीमारी या कान से जुड़ी कोई समस्‍या हो सकती है। कान में खुजली होना, इंफेक्‍शन होना, वैक्‍स जमने आद‍ि कारणों के कारण बच्‍चा कानों को छूता या खींचता है। अगर आप समय रहते इस पर ध्‍यान नहीं देंगे तो बच्‍चे के कान से जुड़ी समस्‍या बढ़ भी सकती है। इस लेख में हम श‍िशु के कान छूने या खींचने के पीछे छुपे कारण और इलाज पर चर्चा करेंगे। इस व‍िषय पर ज्‍यादा जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के डफर‍िन अस्‍पताल के वर‍िष्‍ठ बाल रोग व‍िशेषज्ञ डॉ सलमान खान से बात की। 

baby ear

(image source:meredithcorp)

शिशु के बार-बार कान ख‍ींचने या छूने का कारण (Causes of baby pulling ear)

अगर आपका बच्‍चा कान छू रहा है या खींच रहा है तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं- 

1. बच्‍चे के कान के आसपास रैशेज की समस्‍या (Rashes near baby's ear)

अगर आपका बच्‍चा कान की तरफ अपनी उंगल‍ियों को लेकर जाता है तो हो सकता है उसके कान के आसपास की त्‍वचा में रैशेज की समस्‍या हो। कई बच्‍चों की स्‍क‍िन भी बड़ों की तरह ड्राय होती है तो रैशेज की समस्‍या हो सकती है। इसके अलावा कई कारण हैं ज‍िनके चलते बच्‍चे को रैशेज की समस्‍या हो सकती है जैसे अगर बच्‍चे को आप धूप या गर्मी में ज्‍यादा देर ले जाएं तो उसकी तबीयत ब‍िगड़ सकती है या स्‍क‍िन व कान के आसपास रैशेज हो सकते हैं। बच्‍चे को ज्‍यादा देर के ल‍िए ऐसी वाले कमरे में रखने से भी स्‍क‍िन पर रैशेज की समस्‍या हो सकती है। तापमान बदलने के कारण भी रैशेज की समस्‍या होती है। 

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2. श‍िशु को ज्‍यादा पसीना आना (Baby is sweating more then normal)

कुछ बच्‍चों की स्‍क‍िन ऑयली होती है या उन्‍हें अध‍िक पसीना आता है, इस कारण भी बच्‍चा परेशान होकर कान को खींच सकता है या उसकी उंगली कानों तक जा सकती हैं। आपको इस बात का ध्‍यान रखना है क‍ि गर्मी हो या सर्दी आपको हर मौसम में श‍िशु के लि‍ए कॉटन के ही इनरव‍ियर खरीदने चाह‍िए, इससे बच्‍चे को पसीना ज्‍यादा नहीं आता और अगर आता भी है तो कॉटन फैब्र‍िक पसीने को एब्‍सॉर्ब कर लेता है। कॉटन के अलावा आप बच्‍चे को ल‍िनेन कपड़े से बने कपड़े भी पहना सकते हैं। बच्‍चे को रोजाना नहला नहीं सकते तो स्‍पंज करें, इससे बच्‍चे की स्‍क‍िन साफ रहेगी और इंफेक्‍शन नहीं होगा। आपको बच्‍चे को कॉटन के कपड़े पहनाने चाह‍िए ज‍िससे स्‍कि‍न के क‍िसी भी ह‍िस्‍से में रैशेज की समस्‍या नहीं होगी। 

3. श‍िशु के कान में इंफेक्‍शन है (Infection in baby's ear)

ear check 

 (image source:todaysparent)

अगर आपका बच्‍चा बार-बार कान खींच रहा है तो इसका कारण कानों में इंफेक्‍शन भी हो सकता है। कान में इंफेक्‍शन होने के कारण बच्‍चे को उलझन होती है और वो कान में बार-बार उंगली लगाता है। कान में इंफेक्‍शन होने पर बच्‍चा रोएगा क्‍योंक‍ि उसे दर्द का अहसास हो सकता है। जो बच्‍चे तीन महीने से लेकर तीन साल तक के होते हैं उन में कान का इंफेक्‍शन एक कॉमन समस्‍या होती है। अगर आप बच्‍चे को कान को हाथ लगाते हुए या खुजली करते हुए देखते हैं तो आपको फौरन उसका इलाज करवाना चाह‍िए। अगर बच्‍चे के कान में इंफेक्‍शन होगा तो आपको अन्‍य लक्षण भी देखने को म‍िलेंगे जैसे नाक बहना, उल्‍टी, बुखार, सोने में बच्‍चे को परेशानी होना, रोते रहना आद‍ि।

4. बच्‍चा ज्‍यादा थक गया है (Baby is tired)

आपकी तरह बच्‍चों में थकान के लक्षण नजर आते हैं ज‍िनमें से एक है कान को छूना। कुछ डॉक्‍टर मानते हैं क‍ि ज‍ब बच्‍चा बार-बार कान छूए तो इसका मतलब ये भी हो सकता है क‍ि बच्‍चा थक गया है। अगर आप बच्‍चे को सही समय पर सुलाएंगे नहीं को पूरे द‍िन बच्‍चे को आलस आएगा और वो बार-बार सोएगा। आपको बच्‍चे का बेड टाइम रूटीन बना देना चाह‍िए और उसे उसी समय पर सुलाना चाह‍िए जिससे बच्‍चा फ्रेश रहे, ज‍िन बच्‍चों की उम्र छह माह से कम होती है वो एक दिन में 10 से 12 घंटे सोते हैं, इतनी नींद बच्‍चों के ल‍िए पर्याप्‍त होती है।

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5. श‍िशु को एक्‍ज‍िमा की बीमारी हो सकती है (Eczema in baby)

red ear

(image source:whattoexpect.com)

एक्‍ज‍िमा की बीमारी के लक्षण श‍िशु में नजर आ सकते हैं, ज‍िनमें से एक है कान को बार-बार छूना या खींचने जैसे लक्षण। अगर बच्‍चे के कान के आसपास की त्‍वचा ड्राय है, रेडनेस की समस्‍या नजर आ रही है, सूजन द‍िख रही है, छोटे बंप्‍स हैं, पस जमा हो रहा है जो ये सभी लक्षण एक्‍ज‍िमा के कारण हो सकते हैं। श‍िशु में ये लक्षण नजर आने पर आपको तुरंत डॉक्‍टर के पास जाकर इलाज करवाना चाह‍िए। वैसे तो बच्‍चों में ये समस्‍या कॉमन होती है पर ध्‍यान न देने पर एक्‍ज‍िमा की बीमारी बढ़ सकती है। बच्‍चों में एटोप‍िक डर्माटाइट‍िस के लक्षण ज्‍यादा नजर आते हैं। इस बीमारी से श‍िशु को बचाने के लि‍ए उसकी स्‍क‍िन को साफ रखें, कान के आसपास के ह‍िस्‍से में बाहर से कॉटन स्‍वैब की मदद से सफाई करते रहें और अंदरूनी सफाई के ल‍िए बाल रोग व‍िशेषज्ञ के पास जाएं। 

इस समस्‍या का इलाज क्‍या है? (Treatment of baby pulling ear)

cleaning ear

(image source:boldsky)  

बच्‍चे के कान खींचने या छूने की आदत के पीछे कोई न कोई कारण है इसका पता तो आपको चल ही गया है अब आपको बच्‍चे में ये लक्षण नजर आते ही आपको सबसे पहले ईएनटी स्‍पेशल‍िस्‍ट के पास जाकर बच्‍चे के कान का चेकअप करवाना चाह‍िए। कान के चेकअप से पता चलेगा क‍ि बच्‍चे को आख‍िर कान से जुड़ी कौनसी समस्‍या है। अगर बच्‍चे के कान में बैक्‍टीर‍ियल या फंगल एलर्जी है तो डॉक्‍टर श‍िशु के लि‍ए एंटीबायोट‍िक दवा दे सकते हैं। वैक्‍स जमा होने के कारण भी बच्‍चे के कान में खुजली या उलझन महसूस हो सकती है इसल‍िए डॉक्‍टर श‍िशु के कानों को चेक करके कान अंदर से क्‍लीन कर सकते हैं।

श‍िशु के मामले में आपको हर समय सतर्क रहने की जरूरत है, क‍िसी भी तरह के अलग लक्षण नजर आने पर आपको तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करना चाह‍िए।

(main image source:easybabylife.com)

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