
बाबा रामदेव की कोरोनिल के एडवांस वर्जन को लेकर शुरू हुए विवाद पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ट्वीट कर अपनी बात कही और फिर पतंजलि ने भी सफाई पेश की।
पिछले साल बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद द्वारा लांच की गयी कोरोना की दावा 'कोरोनिल' पहले से ही विवादों में थी और अब इस दवा का एडवांस वर्जन लांच किया गया है। पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित "कोरोनिल किट" के एडवांस वर्जन को इस बार भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा मंजूरी भी दी गयी है। दवा के एडवांस वर्जन की लांचिंग पर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। दवा की लांचिंग के वक्त बाबा रामदेव की तरफ से दावा किया गया था कि इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी मिल चुकी है लेकिन इसे WHO ने सिरे से नकार दिया है। पतंजलि के दावे के बाद कोरोनिल किट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक ट्वीट कर कहा है कि हमने कोरोना के इलाज के लिए किसी भी प्रकार की पारंपरिक दवा को मंजूरी नही दी है। गौरतलब हो कि दवा को लांच करते हुए बाबा रामदेव ने कहा था कि कोरोनिल का एडवांस वर्जन CoPP-WHO GMP सर्टिफाइड है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनिल को लेकर किया ट्वीट
कोरोनिल के एडवांस वर्जन को लांच किये जाने के बाद बाबा रामदेव के दावे पर बहस शुरू हो गयी थी। बाबा रामदेव के दावे के बाद WHO ने ट्वीट कर अपनी सफाई दी है। WHO साउथ-ईस्ट एशिया ने बाबा रामदेव के कोरोनिल को लेकर ट्वीट में कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन ने COVID-19 के इलाज के लिए किसी भी प्रकार की पारंपरिक दवा को मंजूरी नही दी है"।
.@WHO has not reviewed or certified the effectiveness of any traditional medicine for the treatment #COVID19.
— WHO South-East Asia (@WHOSEARO) February 19, 2021
पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से दावा किया गया था कि 'कोरोनिल किट जिसमें तीन आयुर्वेदिक दवाएं शामिल हैं को CoPP के प्रमाण पत्र के साथ विस्वा स्वास्थ्य संगठन द्वारा GMP प्रमाण पत्र दिया गया है।' पतंजलि के यह भी दावा किया था कि इसके तहत अब इस दवा को 158 देशों में कोरोना के इलाज के लिए निर्यात भी किया जा सकेगा। पतंजलि के इस नई कोरोना किट की लांचिंग के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे और उन्होंने इसे COVID-19 के इलाज के लिए पहली "एविडेंस बेस्ड मेडिसिन" के रूप में लांच किया था।
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विवादों के बाद आचार्य बालकृष्ण की सफाई
WHO द्वारा कोरोनिल किट को लेकर पतंजलि के दावों को ख़ारिज किये जाने लके बाद बाबा रामदेव के सहयोगी और पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने भी ट्वीट कर अपनी सफाई पेश की है। इस विवाद के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, "हम कोरोनिल किट पर लोगों के भ्रम को दूर करना चाहते हैं, कोरोनिल के लिए हमें भारत सरकार के डीसीजीआई द्वारा CoPP-WHO GMP का प्रमाण पत्र दिया गया है।" उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन किसी भी प्रकार की दवा मंजूर या नामंजूर नही करता है, WHO दुनियाभर में लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए काम करता है।
क्या है पतंजलि की कोरोनिल किट?
पतंजलि आयुर्वेद द्वारा बनाई गई कोरोना की दवा का नाम कोरोनिल है। बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद द्वारा इसे पिछले साल 23 जून को लांच किया गया था। लांचिंग के बाद से ही पतंजलि आयुर्वेद की यह दवा विवादों में घिर गयी थी। उस समय भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने भी इस दवा को मंजूरी नही दी थी जिसके बाद इसे इम्म्युनिटी बूस्टर के तौर पर पेश किया गया था। बाबा रामदेव के मुताबिक पतंजलि आयुर्वेद को अब कोरोनिल के एडवांस वर्जन को कोरोना की दवा के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गयी है। बाबा रामदेव के मुताबिक यह दवा कोरोना के रोकथाम और इलाज में प्रभावशाली तो है ही लेकिन यह उसके बाद होने वाले प्रभावों पर भी कारगर है।
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बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल कोरोना से प्रभावित हर मरीज के लिए कारगर दवा है। इससे पहले भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इसे इम्म्युनिटी बूस्टर की कैटेगरी में शामिल किया था और पतंजलि आयुर्वेद द्वारा जारी किये जा रहे उन विज्ञापनों जिनमें कोरोनिल को कोरोना का इलाज करने वाली दवा कहा जा रहा था पर भी रोक लगा दी थी। आपको बता दें कि इस दवा को गिलोय घनवटी, तुलसी घनवटी और अश्वगंधा के साथ-साथ कई अन्य वानस्पतिक तेल को मिलाकर बनाया गया है।
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