Healthy Bowel Movement Tips In Hindi: संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए पाचन तंत्र को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। लेकिन गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण आजकल बड़ी संख्या में लोग पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। ज्यादा तला-भुना या मसालेदार खाना, खाली पेट चाय-कॉफी पीना या बहुत अधिक तनाव लेने के कारण हमारा पाचन-तंत्र और बॉवेल मूवमेंट कमजोर हो जाता है। खराब बॉवेल मूवमेंट की वजह से मल त्यागने में दिक्कत होने लगती है, जिसके कारण कब्ज की शिकायत हो सकती है। अगर आप हमेशा कठोर मल या हमेशा तरल मल का त्याग करते हैं, तो इसका मतलब आपका बॉवेल मूवमेंट सुचारु रूप से काम नहीं कर पा रहा है। इसके अलावा, यदि मल त्याग के दौरान आपको दर्द और ऐंठन महसूस होती है या आपको कम या ज्यादा बार मल त्याग करना पड़ता है, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। दरअसल, जब भोजन पच जाता है और पोषक तत्व शरीर में अवशोषित हो जाते हैं, तो बचे हुए खराब पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की आवश्यकता होती है। बॉवेल मूवमेंट इन वेस्ट प्रोडक्ट्स को प्रभावी ढंग से हटाने का काम करता है, जिससे कोलन में संक्रमण को रोका जा सकता है। जब बॉवेल मूवमेंट सुचारु ढंग से काम नहीं करता है, तो इसके परिणामस्वरूप कई प्रकार की पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जिसमें कब्ज, गैस, दस्त, पेट फूलना और इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम आदि शामिल हैं। बॉवेल मूवमेंट को ठीक कैसे रखें? इसके बारे में जानने के लिए हमने आयुर्वेदिक चिकित्स्क डॉ रितु चड्ढा से बात की। आइए, इस लेख में जानते हैं बॉवेल मूवमेंट को बेहतर बनाने के कुछ आयुर्वेदिक उपाय-
बॉवेल मूवमेंट को बेहतर बनाने के आयुर्वेदिक उपाय - Ayurvedic Remedies For Healthy Bowel Movement In Hindi
त्रिफला
आयुर्वेद में त्रिफला का इस्तेमाल एक शक्तिशाली औषधि के रूप में किया जाता है। त्रिफला 3 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों आंवला, हरीतकी और बिभीतकी को मिलाकर बनता है। यह पाचन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो मल त्याग की प्रक्रिया में सुधार करने में मदद करते हैं। इससे पेट आसानी से साफ हो जाता है और कब्ज से राहत मिल सकती है। त्रिफला चूर्ण का सेवन गुनगुने पानी के साथ किया जा सकता है।
अदरक
पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए अदरक काफी लाभकारी होता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण मौजूद होते हैं, जो पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद जिंजरोल पाचन तंत्र और बॉवेल मूवमेंट को दुरुस्त रखने में मदद करता है। यह पाचन को उत्तेजित करने और कब्ज को दूर करने में मदद करता है। अदरक का सेवन करने से गैस, मितली, ऐंठन और सूजन जैसी समस्याओं से भी राहत मिल सकती है। इसके लिए आप अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं।
हींग
भारतीय रसोई में हींग का इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है। यह न केवल भोजन के स्वाद और सुगंध को बढ़ाती है, बल्कि सेहत को भी कई लाभ पहुंचाती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और औषधीय गुण पाचन अग्नि को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके सेवन से पाचन-तंत्र दुरुस्त रहता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। यह गैस, कब्ज और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित हो सकती है। अगर आपको हमेशा कब्ज रहती है, तो आप हींग, अजवाइन और काले नमक से तैयार चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।
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इसबगोल
पाचन संबंधी समस्याओं के लिए इसबगोल की भूसी औषधि के समान है। इसमें फाइबर और लैक्सेटिव गुण मौजूद होते हैं, जो मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। यह मल को नर्म बनाती है और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद करती है। साथ ही, यह आंत में सूजन को कम करने और पाचन-तंत्र को स्वस्थ रखने में भी मदद करती है। आप इसबगोल की भूसी का सेवन पानी, दूध या दही के साथ कर सकते हैं।
घी
घी हेल्दी फैट्स से भरपूर होता है। यह एक नैचुरल लैक्सेटिव है, जो मल को नर्म बनाने का काम करता है। इसके नियमित सेवन से आपका बॉवेल मूवमेंट सही रहता है और आप पेट की समस्याओं से बचे रहते हैं। घी पेट में सूजन को कम करने के साथ ही पाचन-तंत्र को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। अगर आपको कब्ज की शिकायत रहती है, तो रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच देसी घी मिलाकर पिएं। इससे सुबह पेट आसानी से साफ हो जाएगा और कब्ज से राहत मिल सकती है।
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इन आयुर्वेदिक उपायों की मदद से बॉवेल मूवमेंट को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। हालांकि, अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी है, तो इनका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।