पेट के छाले और घावों को दूर करती है ये आयुर्वेदिक चीज, जानिये इसके अन्य लाभ

गर्मियों में अक्सर गलत खान-पान से या पेट में गर्मी की वजह से पेट में छाले निकल आते हैं। ये छाले बहुत दर्द देते हैं और इनकी वजह से खाना पीना भी मुहाल हो जाता है। अगर इन छालों का सही समय पर उपचार न किया जाए, तो ये अंदर अंदर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का भी रूप ले सकते हैं।
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पेट के छाले और घावों को दूर करती है ये आयुर्वेदिक चीज, जानिये इसके अन्य लाभ


गर्मियों में अक्सर गलत खान-पान से या पेट में गर्मी की वजह से पेट में छाले निकल आते हैं। ये छाले बहुत दर्द देते हैं और इनकी वजह से खाना पीना भी मुहाल हो जाता है। अगर इन छालों का सही समय पर उपचार न किया जाए, तो ये अंदर अंदर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का भी रूप ले सकते हैं। पेट में छालों के कारण खाने-पीने में बहुत तकलीफ होती है और पेट में अक्सर दर्द बना रहता है। पेट के इन छालों के कारण पेट के अंदर घाव हो जाते हैं। कुछ आसान घरेलू नुस्खों की मदद से इन छालों से राहत पाई जा सकती है।

क्या है ये औषधि

मुलेठी एक उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है। ये एक तरह के पेड़ की लकड़ी होती है जिसका स्वाद मीठा होता है। गले में खराश हो या खांसी, मुलेठी चूसने से इसमें राहत मिलती है। इसके अलावा भी मुलेठी में कई ऐसे गुण हैं, जो शायद आप पहले नहीं जानते होंगे। जानिए मुलेठी आपको किस प्रकार लाभ पहुंचा सकती है। मुलेठी बहुत गुणकारी औषधि है। मुलेठी के प्रयोग करने से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर के लिए फायदेमंद है। इसका पौधा 1 से 6 फुट तक होता है। यह स्‍वाद में मीठी होती है इसलिए इसे यष्टिमधु भी कहा जाता है। असली मुलेठी अंदर से पीली, रेशेदार एवं हल्की गंधवाली होती है। सूखने पर इसका स्‍वाद अम्‍लीय हो जाता है।

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कैसी होती है उपयोगी

मुलेठी की जड़ को उखाड़ने के बाद दो वर्ष तक उसमें औषधीय गुण विद्यमान रहते हैं। इसका औषधि के रूप में प्रयोग बहुत पहले से होता आया है। मुलेठी पेट के रोग, सांस संबंधी रोग, स्तन रोग, योनिगत रोगों को दूर करती है। ताजी मुलेठी में पचास प्रतिशत जल होता है, जो सुखाने पर मात्र दस प्रतिशत ही शेष रह जाता है। ग्लिसराइजिक एसिड के होने के कारण इसका स्वाद साधारण शक्कर से पचास गुना अधिक मीठा होता है। आइए हम आपको मुलेठी के गुणों के बारे में बताते हैं।

पेट के छालों के लिए

पेट के छाले बहुत दर्दनाक होते हैं इसलिए इनका इलाज तुरंत करना जरूरी है। इलाज में देरी की वजह से ये क्रोंस डिजीज, अल्सरेटिव कोलायटिस आदि गंभीर बीमारियों का रूप ले सकते हैं। मुलेठी की जड़ पेट के घावों को समाप्‍त करती है, इससे पेट के घाव जल्‍दी भर जाते हैं। पेट के घाव होने पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण इस्‍तेमाल करना चाहिए। मुलेठी पेट के अल्‍सर के लिए फायदेमंद है। इससे न केवल गैस्ट्रिक अल्सर वरन छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी पूरी तरह से फायदा करती है। जब मुलेठी का चूर्ण ड्यूओडनल अल्सर के अपच, हाइपर एसिडिटी आदि पर लाभदायक प्रभाव डालता है। साथ ही अल्सर के घावों को भी तेजी से भरता है।

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मुलेठी के अन्य प्रयोग

  • मुलेठी को काली-मिर्च के साथ खाने से कफ ढीला होता है। सूखी खांसी आने पर मुलेठी खाने से फायदा होता है। इससे खांसी तथा गले की सूजन ठीक होती है।
  • अगर मुंह सूख रहा हो तो मुलेठी बहुत फायदा करती है।
  • इसमें पानी की मात्रा 50 प्रतिशत तक होती है। मुंह सूखने पर बार-बार इसे चूसें। इससे प्‍यास शांत होगी।
  • गले में खराश के लिए भी मुलेठी का प्रयोग किया जाता है। मुलेठी अच्‍छे स्‍वर के लिए भी प्रयोग की जाती है।
  • मुलेठी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। मुलेठी का एक ग्राम चूर्ण नियमित सेवन करने से स्त्रियां, अपनी, योनि, सेक्‍स की भावना, सुंदरता को लंबे समय तक बनाये रख सकती हैं।
  • खून की उल्टियां होने पर दूध के साथ मुलेठी का चूर्ण लेने से फायदा होता है। खूनी उल्‍टी होने पर मधु के साथ भी इसे लिया जा सकता है।
  • हिचकी होने पर मुलेठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर नाक में टपकाने तथा पांच ग्राम चूर्ण को पानी के साथ खिला देने से लाभ होता है।
  • मुलेठी आंतों की टीबी के लिए भी फायदेमंद है।

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