सोनपाठा एक पेड़ है। ये पेड़ देश के ज्यादातर हिस्से में आसानी से मिल जाता है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। सोनपाठा की तासीर गरम होती है। जिन लोगों को खांसी या बलगम की समस्या हो वो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। बुखार उतारने में भी सोनपाठा फायदेमंद माना जाता है। डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए सोनपाठा फायदेमंद होता है, अगर आपको डायरिया है तो सोनपाठा का सेवन करें। जोड़ों में दर्द की शिकायत दूर करने के लिए सोनपाठा का इस्तेमाल किया जाता है। बीमारियों के साथ-साथ सोनपाठा स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है, सोनपाठा की मदद से आप एक्ने की समस्या से निजात पा सकते हैं। इस लेख में हम सोनपाठा के फायदे और उससे जुड़े लाभ पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के विकास नगर में स्थित प्रांजल आयुर्वेदिक क्लीनिक के डॉ मनीष सिंह से बात की।
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1. एक्ने की समस्या दूर करे सोनपाठा (Sonpatha cures acne)
एक्ने की समस्या दूर करने के लिए आप सोनपाठा के पत्तों के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं। पत्तों के रस को एक्ने पर लगाएं और आधे घंटे बाद चेहरा धो लें या सोनपाठा की छाल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अगर त्वचा जल गई है तो भी आप सोनपाठा का इस्तेमाल कर सकते हैं। सोनपाठा के चूरण को आप एलोवेरा या हल्दी के साथ मिलाकर जल चुकी त्वचा में लगाएंगे तो जलन से राहत मिलेगा और त्वचा भी ठीक हो जाएगी। सूजन उतारने में भी सोनपाठा फायदेमंद माना जाता है। आप सोनपाठा के बीज को पीसकर सूजन वाली जगह पर लगाएंगे तो सूजन उतर जाएगी।
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2. बुखार उतारने में मदद करता है सोनपाठा (Sonpatha cures fever)
बुखार के उपाय में भी आप सोनपाठा का इस्तेमाल कर सकते हैं। सोनपाठा की छाल को आप रात भर के लिए पानी में भिगोकर रख दें, सुबह उस पानी का सेवन कर लें, इससे बुखार उतरने में मदद मिलती है। सोनपाठा की छाल का चूरण बनाकर गुनगुने पानी के साथ लेने से पीलिया रोग भी ठीक हो सकता है।
3. जोड़ों में दर्द की समस्या दूर करता है सोनपाठा (Sonpatha cures joint pain)
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सोनपाठा के इस्तेमाल से आप गठिया रोग में जोड़ों के दर्द से भी निजात पा सकते हैं। गठिया रोग का दर्द दूर करने के लिए आप सोनपाठा की जड़ का लेप बना लें और उसे सरसों के तेल या नीलगिरी के तेल में मिलाकर जोड़ों पर मालिश करें तो दर्द दूर हो जाएगा। इसके अलावा आप सोनपाठा के पत्तों को दर्द वाली जगह पर बांधेंगे तो जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगा।
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4. खांसी की समस्या हो तो इस्तेमाल करें सोनपाठा (Sonpatha cures cough)
खांसी के लक्षण नजर आ रहे हैं तो आप सोनपाठा का इस्तेमाल कर सकते हैं इससे खांसी की समस्या दूर होगी। सोनपाठा की तासीर गरम होती है जिससे आपको आराम मिलेगा। आप सोनपाठा की छाल का चूरण बना लें और उसे शहद के साथ चाटें, इससे आपको खांसी में आराम मिलेगा। आप सोनपाठा के रस को गरम दूध के साथ मिलाकर ले सकते हैं, इससे बलगम की समस्या भी दूर होगी। सोनपाठा का चूरण भी दूध के साथ लेंगे तो आराम मिलेगा।
5. डायरिया होने पर इस्तेमाल करें सोनपाठा (Sonpatha cures diarrhoea)
अगर आपको लगातार दस्त हो रहे हैं तो आप सोनपाठा का इस्तेमाल कर सकते हैं, ये पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद माना जाता है। दस्त का उपाय करने के लिए आप सोनपाठा के पेड़ की छाल को पीसकर उसका रस निकाल लें अब उस रस को आप शहद के साथ मिलाकर पीएं तो दस्त की समस्या बंद हो जाएगा। आप दिन में दो बार यानी सुबह और शाम इसका सेवन कर सकते हैं।
अगर आप किसी गंभीर बीमारी के शिकार हैं या जड़ी-बूटियों से इंफेक्शन हो जाता है तो आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के बिना इसका इस्तेमाल न करें।
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