50 की उम्र बुढ़ापे की शुरुआत माना जाता है। अगर सावधानी न बरती जाए तो 50 की उम्र के बाद शरीर कमजोर होने लगता है, जिसके कारण बीमारियां घर करने लगती हैं। उम्र बढ़ने के साथ हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, ऑस्टियोआर्थराइटिस, मांसपेशियों, कमर व हड्डियों में दर्द की समस्या होने लगती है। इस प्रकार की समस्या उन लोगों के साथ ज्यादा होती है, जो अपने स्वास्थ्य के प्रति उदासीन रवैया अपनाते हैं। जबकि, वे लोग लंबे समय तक सक्रिय जीवनशैली जीते हैं, जो नियमित और संयमित रूप से रहते हैं। यानी वे लोग जो अपनी फिटनेस का ध्यान रखते हैं वे 50 की उम्र के बाद भी स्वस्थ जीवन जीते हैं।
तो अगर आप 50 की उम्र में हैं या 50 की उम्र पार कर चुके हैं तो आप कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जिनके शिकार हो सकते हैं। यदि आप इससे बचना चाहते हैं तो पूरा लेख जरूर पढ़ें।
1. उच्च रक्तचाप - High Blood Pressure
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ रही होती है, आपकी रक्त वाहिकाओं का लचीलापन कम होने लगता है। इससे आपके शरीर में रक्त पहुंचाने वाली प्रणाली पर दबाव पड़ता है। शोध के मुताबिक, 60 से अधिक आयु वाले अधिकांश लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या देखने को मिलती है। उच्च रक्तचाप के कुछ कारण जिनपर लगाम लगाकर आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। जैसे- आप अपना वजन नियंत्रित रखें, रोजाना एक्सरसाइज करें, धूम्रपान बिल्कुल भी न करें, किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव और अवसाद से दूर रहें और इससे निपटने के उपाय खोजें।
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2. टाइप 2 डायबिटीज - Type 2 Diabetes
1980 के बाद से डायबिटीज रोगियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ी है। खासकर मिडिल एज या फिर ज्यादा बूढ़े लोगों ये समस्या देखी गई है। सीडीसी के मुताबिक, 45 साल की उम्र के बाद ही डायबिटीज होने का खतरा बढ़ने लग जाता है, और यह गंभीर हो सकता है। इससे हृदय रोग, किडनी रोग, अंधापन, और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। डायबिटीज से बचाव के लिए जरूरी है कि आप अपने ब्लड शुगर की जांच नियमित रूप से कराएं। रोजाना एक्सरसाइज करें, तनाव से दूर रहें और हेल्दी डाइट लें।
3. हृदय रोग- Heart Disease
जब धमनियों में प्लाक का निर्माण होने लगता है तो यह हृदय रोग का कारण बनता है। यह बचपन से शुरू होकर और आपकी उम्र के अनुसार खराब हो जाता है। इसीलिए 40 से 59 वर्ष की आयु के लोगों में हृदय रोग होने की संभावना 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों की तुलना में पांच गुना अधिक होती है। हृदय रोग से बचने के लिए मोटापा कम करने की आवश्यकता है। अगर डायबिटीज पेशेंट हैं तो ब्लड शुगर को कंट्रोल करें।
4. मोटापा- Obesity
अगर आप अधिक वजन वाले हैं या मोटापा से ग्रसित हैं तो आपको अपनी बीएमआई की जांच करानी चाहिए। मोटापा कम से कम 20 पुरानी बीमारियों से जुड़ा हुआ है, जिनमें हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, कैंसर, उच्च रक्तचाप और गठिया शामिल हैं। इन समस्याओं की उच्चतम दर 40 से 59 वर्ष के वयस्कों में ज्यादा है, जिनमें से 41% लोग मोटे हैं।
5. ऑस्टियोआर्थराइटिस - Osteoarthritis
उम्र बढ़ने के साथ ज्वाइंट पेन की समस्या बढ़ने लगती है। हालांकि, ऑस्टियोआर्थराइटिस का जीवनशैली और आनुवंशिकता से कोई लेना देना नहीं है। इसके लिए पुरानी चोटें, शारीरिक गतिविधि की कमी, मधुमेह और मोटापा जिम्मेदार है। इसके लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, किसी भी प्रकार की चोट का उपचार सही ढंग से कराएं।
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6. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)
यह फेफड़ों में सूजन का कारण बनता है। यह एक धीमी गति से चलने वाली बीमारी है जिसके बारे में आपको लंबे समय तक पता नहीं चल पाता है। इसके लक्षण आमतौर पर 40 या 50 की उम्र में दिखाई देते हैं। इस बीमारी में आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है। सीओपीडी में खांसी, घरघराहट और बलगम बनने की समस्या होती है। व्यायाम, एक स्वस्थ आहार, और धूम्रपान और प्रदूषण से बचना मदद कर सकता है।
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7. भूलने की बीमारी - Alzheimer’s
अल्जाइमर, मनोभ्रंश (डिमेंशिया) का एक रूप है, जो आमतौर पर 65 या उसके बाद होता है। इस बीमारी की वजह आनुवंशिक भी हो सकती है। इसके अलावा तनावपूर्ण जीवनशैली वाले लोग भूलने की बीमारी के शिकार हो सकते हैं। नियमित रूप से एक्सरसाइज और सही डाइट आपके तनाव को कम कर सकते हैं। ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखते हुए इस बीमारी को होने से रोक सकते हैं।
अगर आप 50 की उम्र के बाद खुद को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको अपनी शारीरिक गतिविधि को बढ़ाने की आवश्यकता है। नियमित एक्सरसाइज जरूर करें, हेल्दी डाइट को फॉलो करें। अपनी तनाव पूर्ण जीवनशैली को सुधारने का प्रयास करें, खुशहाल जीवन जीएं।
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