वैज्ञानिकों ने एक ऐसी फेस मशीन तैयार की है जो आपका चेहरा देखकर पहचान लेगी कि आप खुश हैं या उदास। यह अपने आप में पहली ऐसी मशीन है जो आपकी फेस रीडिंग करेगी। अभी तक ऐसी कोई भी तकनीक नहीं थी जो आपके चेहरे के भावों का विश्लेषण कर सकें।
मशीन आपके बारे में बताने से पहले आपकी अनुमति लेगी। इसके बाद बायोमेट्रिक ट्रैकिंग के लिए विशेष वेबकैम से चेहरे के भावों को रिकार्ड करती है। मशीन को तैयार करने वाली कंपनी रियलआइज के प्रबंध निदेशक मिखेल जैट्मा ने बताया कि हमने कंप्यूटरों को लोगों के चेहरे पर आने वाली भावनाओं को पढ़ने में सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षित किया है।
जैट्मा ने उम्मीद जताई कि यह तकनीक भविष्य में विज्ञापनों को उपयुक्त, कम खीझ और दबाव वाला बनाने में भी सहायक होगी। इसका इस्तेमाल अभी तक बड़े बजट के विज्ञापनों को लांच करने से पहले लोगों के रुझान को जानने के लिए किया जाता है। बीबीसी ने तकनीक को विकसित करने वाली रियलआइज के साथ मिलकर अपने रेडियो-4 के श्रोताओं पर प्रोग्राम ‘यू एंड योर्स’ की रिलीज से पहले अनौपचारिक प्रयोग किए।
रियलआइज के एमडी ने इस प्रयोग में रेडियो-4 के 150 श्रोताओं की भावनाओं का पता लगाया, जिसमें रेडियो प्रोग्राम की बेहतरीन धुनों को सुनने के दौरान हंसने और मुंह बनाने की उनकी छोटी-छोटी भावनाओं को दर्ज किया गया। प्रोग्राम सुनने वालों को द आर्चर्स और सेलिंग बाय की लोकप्रिय धुनों के साथ-साथ गॉड सेव द क्वीन की धुन भी सुनाई गई।
उन्होंने बताया कि कंप्यूटर प्रोग्राम देखने में सक्षम लोगों की भौंहें, मुंह और आंखें कैसे गति करती है? वैश्विक स्तर पर छह भावनाएं होती हैं, जो सबके लिए समान होती हैं। इनके ऊपर भौगोलिक क्षेत्र और उम्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। लोगों के चेहरे के भावों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक द आर्चर्स और सेलिंग बाय के लिए प्रारंभ में खुशी की दर ज्यादा थी, जब लोगों ने धुनों को पहचानना शुरु किया। इस प्रयोग में खुशी के अतिरिक्त उलझन, गुस्से, आश्चर्य और अरुचि की भावनाओं का भी मूल्यांकन किया गया।
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