पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद आज दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर निधन हो गया। उनके निधन के बारे में एम्स की तरफ से बयान जारी कर बताया गया कि माननीय सांसद अरुण जेटली अब हमारे बीच नहीं रहे। एम्स के ऑफिशियल बयान के अनुसार 24 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर श्री जेटली ने अंतिम सांस ली और जिंदगी को विदा कह गए।
पिछले दिनों सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी होने के बाद उन्हें 9 अगस्त से नई दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां वरिष्ठ चिकित्सक उनका इलाज कर रहे थे। हालत गंभीर होने पर उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर भी रखा गया, जिससे उनकी हालत में कुछ सुधार देखा गया था। आज सुबह ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे थे।
Delhi: Former Union Minister and Senior BJP leader Arun Jaitley passes away at AIIMS. pic.twitter.com/pmr4xiyqYV
— ANI (@ANI) August 24, 2019
प्रधानमंत्री गृहमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
जेटली के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए अरुण जेटली के निधक को दुःखद बताया।
Arun Jaitley Ji was a political giant, towering intellectual and legal luminary. He was an articulate leader who made a lasting contribution to India. His passing away is very saddening. Spoke to his wife Sangeeta Ji as well as son Rohan, and expressed condolences. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 24, 2019
इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि उन्होंने अपने परिवार का एक अभिन्न सदस्य खो दिया है।
अरुण जेटली जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ, जेटली जी का जाना मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है।
— Amit Shah (@AmitShah) August 24, 2019
उनके रूप में मैंने न सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षो तक प्राप्त होता रहा।
लंबे समय से चल रहा था कैंसर का इलाज
अरुण जेटली किडनी की बीमारी से ग्रसित थे। पिछले साल मई में उनका किडनी ट्रांस्प्लांट भी किया गया था। ऐसी स्थिति में पिछले काफी समय से वो लगातार डायलिसिस पर थे। इसके अलावा उन्हें बाएं पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया था, जिसके इलाज के लिए जेटली इसी साल अमेरिका गए थे। 9 अगस्त को अचाकन उन्हे बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ के चलते एम्स में भर्ती कराया गया। अरुण जेटली एम्स के कार्डियो न्यूरो सेंटर में भर्ती थे। अंतिम दिनों में उन्हें Extracorporeal Membrane Oxygenation (ECMO) और Intra-Aortic Balloon Pump के सपोर्ट पर रखा गया था।
क्यों पड़ती है इन इस तरह के सपोर्ट की जरूरत?
आमतौर पर Extracorporeal Membrane Oxygenation (ECMO) की जरूरत तब पड़ती है, जब व्यक्ति के फेफड़े काम करना बंद कर दें। इस स्थिति में सपोर्ट सिस्टम में एक पंप के द्वारा आर्टिफिशियल फेफड़े से बंलड पंप किया जाता है, जिससे कि दिल तक पर्याप्त मात्रा में खून पहुंच सके।
Intra-Aortic Balloon Pump की जरूरत तब पड़ती है, जब दिल पर्याप्त मात्रा में खून को पंप नहीं कर पाता है। इस सिस्टम में एक पतले पाइप का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे कैथेटर (Catheter) कहते हैं। इसके साथ एक लंबा बैलून जुड़ा होता है। ये दोनों ही सपोर्ट सिस्टम व्यक्ति के पूरे शरीर में खून ऑक्सीजनयुक्त खून को पहुंचाने के लिए दिए जाते हैं, ताकि मरीज के अंग काम करते रहें और उसकी मौत न हो।
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