एक नए अध्ययन के अनुसार कवक, जीवाणु और शैवाल द्वारा निर्मित कृत्रिम मिठास पार्किंसंस रोग के इलाज में मददगार साबित हो सकती है।
शुगर फ्री च्युंइगम और कैंडी जिसमें मंनिथोल शामिल है, को एफडीए ने सर्जरी के दौरान अतिरिक्त तरल पदार्थ बाहर निकालने में मददगार माना है। ये तत्व रक्त अथवा मस्तिष्क में मौजूद बाधाओं को खोलने में सहायता करते हैं, जिससे अन्य दवाओं का असर जल्दी होता है।
तेल अवीव विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ मालिक्यूलर माइक्रोबॉयोलॉजी और बॉयटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर एहुद गजीट और डेनियल सीगल, जो सगोल स्कूल ऑफ न्यूरोसाइंस में भी कार्यरत हैं, ने अपने सहयोगियों के साथ की गयी रिसर्च में मेनिनटॉल के गुणों के बारे में पता लगाया।
अध्ययन में यह बात भी निकलकर आयी कि कृत्रिम मिठास वास्तव में बीमारी के इलाज के लिए अद्भुत चिकित्सा है। यहां तक कि अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के लिए भी। प्रयोगशाला में पाया गया कि मनिनटॉल को सबसे प्रभावी एजेंट पाया गया जो टेस्ट ट्यूब में प्रोटीन का एकत्रीकरण रोकने में मदद करता है। डा. सीगल ने कहा कि इस पदार्थ का लाभ यह है कि इसे पहले से ही नैदानिक उपायों के किस्म में उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है।