भावनात्मक संवेदनशीलता व्यक्ति के जीवन का सबसे अहम पहलू है, लेकिन यदि इसका बैलेंस सही तरीके से किया जाये। यदि आप बहुत अधिक संवदेनशील हैं तो आपको हमेशा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि अक्सर लोग आपकी भावना का इस्तेमाल गलत तरीके से करेंगे।
अधिक संवदेनशील व्यक्ति को कोई छोटी सी बात भी आहत कर सकती है। ऐसे लोग अपनी भावनाओं को भी दबा कर रखते हैं। ऐसे लोग समाज के साथ खुद को समायोजित नहीं कर पाते हैं। संवेदनशील व्यक्ति पर किसी भी बात का असर बहुत जल्दी होता है और वो बात उन्हें बहुत जल्दी चुभ भी जाती है।
संवेदनशील लोगों को कोई भी बात लंबे समय तक याद रहती है। ज्यादा संवेदनशील लोग जिद्दी भी हो सकते हैं। इस लेख में जानिए कि संवेदनशीलता के साथ कैसे सामान्य जीवन में तारतम्यता बैठाई जाये।
खुद को परखिये
आप बहुत अधिक संवेदशील हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप कमजोर हैं। यह आपका बहुत अच्छा गुण है जिसके कारण आप किसी के भी अजीज बन सकते हैं। क्योंकि आप जो भी काम करते हैं उसमें प्यार होता है न कि द्वेष, और प्यार से किया गया काम परोपकार होता है। आप जब किसी की सहायता करते हैं तो उसमें न तो डर होता है और न ही क्रोध। यह आपका गुण ही है जो आपको समाज के अन्य लोगों से अलग करता है।
विश्वास रखें
खुद पर भरोसा रखें, आपकी क्षमतायें असीमित हैं। ऐसे लोगों को नजरअंदाज कर दीजिए जिनका योगदान आपके विकास में नहीं है, बल्कि ऐसे लोगों का साथ दीजिए जो आपका हित चाहते हैं। उन लोगों के बारे में सोचनां बद कीजिए जो आपके प्रति कठोर और द्वेषपूर्ण रवैया अपनाते हैं। इन लोगों को नजरअंदाज कर आगे बढ़ते जाइए। इस जहां में ऐसा कोई काम नहीं है जिसे आप नहीं कर सकते, आप अपने मजबूत इरादों से असंभव को संभव बना सकते हैं।
दूसरों से तुलना
आप जो भी हैं, सबसे अलग हैं। आपके विचार और कार्य करने का तरीका भी लोगों से एकदम हटकर है। ऐसे में खुद की तुलना अन्य लोगों से करना कहा तक उचित है। आपके व्यक्तित्व, गुण और अवगुण भी अन्य लोगों से मेल नहीं खाते। इसलिए अपनी तुलना औरों से बिलकुल न करें। आप जो भी हैं और आपकी जो भी जीवनशैली है उसे निरंतर बनाये रखें।
सबका अपना एक लक्ष्य है
इस दुनिया में कोई भी उद्देश्य रहित नहीं है, सबका अपना एक लक्ष्य है। लेकिन आप उन सबमें अलग हैं, क्योंकि आप अन्य लोगों की तुलना में प्यार और अपनेपन को अधिक महत्व देते हैं। आप उन लोगों की तरह तो बिलकुल नहीं जो दूसरों को दुख और कष्ट देते हैं, बल्कि आप उन लोगों के कष्टों औ दुखों के निवारण के लिए हैं। आपके जीवन का भी एक लक्ष्य है, कारण है, उद्देश्य है। इसलिए यदि आपके जीवन को प्रभावित करने वाला कोई मुद्दा आपके सामने आये तो उससे बचने की कोशिश कीजिए।
व्याकुलता छोडि़ये
आप ऐसे समाज में रहते हैं जहां पर आपके लिए सबकुछ उपलब्ध है। अब समय है इन सुविधाओं के उपभोग करने की, अपनी आशंकाओं और व्याकुलता को समाप्त करने की। इसलिए भय और क्रोध को त्यागिये, इन सबको त्यागर सर उठाकर जीने की जरूरत है।
संवेदनशीलता किसी भी हाल में नकारात्मक नहीं है। बल्कि यह एक गुण है, जो आपको दूसरों से अलग बनाती है।
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