Are Menopause Symptoms Similar To Pregnancy In Hindi: मेनोपॉज एक नेचुरल प्रक्रिया होती है, जिसमें महिला को पूरी तरह पीरियड्स बंद हो जाते हैं। वहीं, प्रेग्नेंसी गर्भधारण करने को कहते हैं। हालांकि, दोनों पूरी तरह अलग-अलग स्थितियां हैं। मेनोपॉज के बाद जहां महिलाओं द्वारा कंसीव करने की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाती है, मेंस्ट्रुअल साइकिल बंद हो जाते हैं। जबकि, प्रेग्नेंसी का मतलब है कि महिला अभी भी फर्टाइल है। हालांकि, महिला किसी भी उम्र में कंसीव कर सकती है। सामान्य तौर पर जब तक महिला को पीरियड्स होते हैं यानी मेनोपॉज नहीं हो जाता है, तब तक कंसीव करने की संभावना बनी रहती है। इसके बावजूद यह सवाल उठता है कि क्या दोनों स्थितियों के लक्षण एक जैसे हो सकते हैं? इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
क्या मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी के लक्षण एक जैसे होते हैं?- Are Menopause Symptoms Similar To Pregnancy In Hindi
मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी अलग-अलग अवस्था होने के बावजूद दोनों के लक्षण एक जैसे हो सकते हैं। जैसे मेनोपॉज और गर्भवती महिलाओं दोनों का मूड स्विंग, हॉट फ्लैशेज, सोने में मुश्किल होना, थकान और कमजोरी महसूस करना। इसके अलावा, मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी दोनों ही सिचुएशन में महिला को पीरियड्स नहीं होते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी में ऐसा अस्थाई रूप में होता है, वहीं मेनोपॉज में स्थाई रूप से होता है। बहरहाल, कुल मिलाकर आप कह सकते हैं कि मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी के कुछ लक्षण एक जैसे हो सकते हैं। हां, जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ते जाते हैं, चीजें बदल जाती हैं और लक्षण भी स्पष्ट हो जाते हैं।
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मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी के कॉमन लक्षण
मेंस्ट्रुएशन में बदलाव
मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी दोनों ही स्थिति में महिला के हार्मोन में बदलाव होते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि पीरियड्स में उतार-चढ़ाव होने लगते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो प्रेग्नेंसी के दौरान पीरियड्स नहीं होत हैं, वहीं मेनोपॉज होने से महिलाओं के मेंस्ट्रुअल साइकिल में अनियमितता देखने को मिलती है।
मूड स्विंग
मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी दोनों ही स्थिति में मूड स्विंग होना सामान्य है। इसका एक कारण शरीर में रहे बदलाव हैं। प्रेग्नेंसी की शुरुआत में महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस, उल्टी, जी-मिचलाना जैसी परेशानियां होती हैं। इसी वजह से महिला को मूड स्विंग से गुजरना पड़ता है। वहीं, मेनोपॉज में एस्ट्रोजन के स्तर में काफी ज्यादा गिरावट आती है, जिससे शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। मेनोपॉज के बाद यही मूड स्विंग का कारण बनता है।
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थकान होना
मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी में महिला को थकान और कमजोरी भी महसूस होती है। चूंकि, प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में काफी ज्यादा बदलाव होते हैं, भ्रूण तेजी से विकास करता है। ऐसे में महिला को थकान और कमजोरी हो जाती है। वहीं, मेनोपॉज में शरीर जरा-सा काम करते हुए थकान से भर जाता है।
वजन बढ़ना
मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी, दोनों ही स्थिति में महिला का वजन बढ़ता है। प्रेग्नेंसी में भ्रूण का विकास होता है, इसी वजह से महिला का वजन बढ़ता है। जबकि, मेनोपॉज के बाद महिलाओं का मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है, जिससे उनका फैट बर्न नहीं होता है। ऐसे में उनका वेट गेन हो जाता है। आमतौर पर मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए वजन कम करना मुश्किल हो जाता है।
हॉट फ्लैशेज और नाइट स्वेट
मेनोपॉज में हॉट फ्लैशेज और नाइट स्वेट बहुत ही कॉमन लक्षण है। लेकिन, प्रेग्नेंसी के दौरान भी महिलाओं को इस तरह की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि प्रेग्नेंसी में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिस वजह से महिला को सामान्य लोगों की तुलना में अधिक गर्मी लगती है।
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