नियमित योग करने के बहुत सारे फायदे हैं, योग करने से दिमाग से नकारात्मक विचार जाते हैं और सकारात्मकता आती है साथ ही यह बीमारियों को दूर कर आपको निरोग रखता है। योग का फायदा तभी मिलता है जब आप इसे सही तरीके से करते हैं। अर्ध उष्ट्रासन ऐसा आसन है जो रीढ़ की हड्डी, कमरदर्द के लिए बहुत ही प्रभावी है, इसके नियमित अभ्यास से कमर लचीला होता है। जिनको बहुत अधिक प्यास लगती है उनके लिए भी यह बहुत प्रभावी आसन है। वजन बढ़ाने के लिए भी इसे करें, बच्चे भी इसे कर सकते हैं। इसे करने की विधि के बारे में हम आपको बताते हैं।
कैसे करें यह आसन
इसके लिए दंडासन की स्थिति में बैठ जायें, धीरे से दोनों पैरों को घुटने से मोड़कर वज्रासन की स्थिति में जायें। दोनों पैरों के बीच थोड़ा अंतराल हो। सांस भरते हुए दोनों बाजुओं को कंधे की सीध में 180 डिग्री पर लाएं। अब सांस छोड़ते हुए दाएं हाथ से दाहिने पैर की एड़ी पकड़ें और बाएं हाथ को कंधों के सामने लेकर आएं। आपके हाथ सीधे होने चाहिए। अब बायें हथेली की ओर देखें और सांस रोककर रखें, अगर आपको सांस रोकने में असुविधा हो तो सामान्य तरीके से सांस ले भी सकते हैं।
ज्यादा पीछे नहीं झुकें, कमर को आगे की ओर धकेलें। इस अवस्था में 10 सेकेंड तक रुकें। कमर के निचले भाग में खिंचाव महसूस करें। अब पहले जैसी अवस्था में वापस आ जायें। यानी सांस भरते हुए बाजुओं को कंधे की सीध में ले आयें। इसी तरह बायें हाथ से बायें पैर की एड़ी पकड़ें और अर्ध उष्ट्रासन का दोबारा अभ्यास करें।
इस आसन के लाभ
अर्ध उष्ट्रासन के नियमित अभ्यास से पेट के सभी अंगों और खासतौर पर आंतों में खिंचाव आता है, जिससे कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है। इसके अलावा इससे रीढ़ के हर जोड़ में खिंचाव आता है और लचक बढ़ती है। जिनके कंधे झुके हुए हैं, छाती धंसी हुई और पीठ उभरी हुई है, उनके लिए अर्ध उष्ट्रासन विशेष रूप से लाभदायक है।
इस आसन में सावधानी
अर्ध उष्ट्रासन कमर को लचीला बनाकर कमरदर्द से जुड़ी हर शिकायत को दूर करता है। लेकिन इस आसन का अभ्यास उन लोगों को बिलकुल नहीं करना चाहिए जिनके घुटनों या कमर में किसी तरह का दर्द हो। क्योंकि कमर और घुटनों पर अधिक दबाव पड़ता है जिसने उनका दर्द बढ़ सकता है।
अर्ध उष्ट्रासन के अभ्यास की शुरूआत आपको किसी योग गुरू या योग के विशेषज्ञ की देखरेख में ही करनी चाहिए।
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