आनंद महिंद्रा की कंपनी अब केले के पत्तों पर खिलाएगी खाना, जानें केले के पत्ते पर खाना खाने के स्वास्थ्य लाभ

रिटायर जर्नलिस्ट पद्म रामनाथ के सुझाव पर आनंद महिंद्रा ने अपनी कंपनी के कैंटीन में खाने की प्लेट की जगह केले के पत्ते का इस्तेमाल करना शुरू किया है।
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आनंद महिंद्रा की कंपनी अब केले के पत्तों पर खिलाएगी खाना, जानें केले के पत्ते पर खाना खाने के स्वास्थ्य लाभ


कोरोनावायरस और लॉकडाउन से जब पूरा दे आर्थिक नुकसानों से लड़ रहा है, तो आनंद महिंद्रा ने एक और प्रेरणादायक उदाहरण दिया है। उद्योगपति आनंद महिंद्रा अब कोरोनावयरस के कारण संघर्षरत किसानों और व्यवसायियों की मदद के लिए आगे आए हैं। दरअसल लॉकडाउन हम सभी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है लेकिन किसानों और छोटे व्यापारियों को इससे बहुत नुकसान हुआ है। तालाबंदी के दौरान हजारों किसान संघर्षरत हैं और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन उनकी मदद करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनके हालिया कदमों से केले के किसानों को अपनी उपज बेचने में मदद करने में मदद मिली है। किसानों तक इस मदद को पहुंचाने के लिए आनंद महिंद्रा ने सभी कारखानों में प्लेटों को अब केले के पत्तों के साथ बदल दिया गया है। यानी कि अब से आनंद महिंद्रा की कंपनी की कैंटीन में प्लेटों के बजाय केले के पत्तों का उपयोग किया जाएगा।वहीं केले की इन पत्तों का खाने में इस्तेमाल करने से सिर्फ किसानों को ही नहीं फायदा होगी बल्कि केले के पत्तों पर बैठकर खाने के भी कई लाभ हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

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भारत में केले के पत्तों पर भोजन परोसने की परंपरा

भारत में केले के पत्तों पर भोजन परोसने की परंपरा है। इन पत्तियों को पवित्र और शुद्ध माना जाता है और देवताओं को प्रसाद चढ़ाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। दक्षिण भारत में, विशेष अवसरों और त्योहारों पर इन पत्तियों पर मेहमानों को भोजन परोसने की यह अद्भुत परंपरा है। इन पत्तियों का खाना खाने के लिए इस्तेमाल न व्यंजनों में स्वाद जोड़ता है, बल्कि इन पत्तियों को साफ करना भी आसान बनाता है। वहीं केले का पत्ता गंदगी और धूल को चिपकने से रोकता है। 

केले के पत्तों की खासियत

केले के ये पत्ते पॉलीफेनोल नामक एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो ग्रीन टी और कुछ पत्तेदार सब्जियों में भी पाए जाते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर और कई जीवन शैली की बीमारियों को रोकने के में भी प्रभावी तौर से काम करते हैं। अधिकांश पौधों की पत्तियों से बड़ा होने के कारण, केले के पत्ते को विभिन्न आकारों में काटा जा सकता है और इसे किसी भी आकार के प्लाटर पर रखा जा सकता है। वहीं इस पर खाने के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं।

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केले के पत्तों पर खाना खाने के फायदे

एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर

केले के पत्तों में पॉलीफेनोल्स होता है, जो हरी चाय और कुछ पत्तेदार सब्जियों में भी पाया जाता है। केले के पत्ते एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो उम्र बढ़ने, जीवन शैली की बीमारी और कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।

कैमिकल फ्री

एक केले के पत्ते में भोजन करने से आपको अपने वॉशिंग पाउडर या जेल के रासायनिक अवशेषों से बचाता है, जो बाकी अन्य तरीकों से बर्तनों में हो सकती है। इसके अलावा, यह आपको खतरनाक रसायनों से बचाता है जो थर्मोकोल या प्लास्टिक प्लेटों पर पाए जा सकते हैं।

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हाइजेनिक

इन पत्तियों में बाहरी रूप से मोमी होती है और इसलिए इन्हें साफ करना आसान होता है क्योंकि धूल इनसे चिपकती नहीं है। बस उन्हें धो लें और उनका इस्तेमाल खाना खाने में करें। उन्हें आपके द्वारा रेस्तरां में पसंद किया जाना चाहिए क्योंकि वे निश्चित रूप से उन बर्तनों की तुलना में साफ होते हैं, जिनमें आपको भोजन परोसा जाता है।

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बायो डिग्रेडेबल हैं ये पत्ते 

केले के पत्ते बाकी पौधों की पत्तियों से बड़ा होने के कारण, केले के पत्ते को विभिन्न आकारों में काटा जा सकता है और इसे किसी भी आकार के प्लैटर पर रखा जा सकता है। वहीं केले के पत्ते पर परोसा गया भोजन स्वादिष्ट हो जाता है क्योंकि जैसे ही गर्म भोजन पत्ती पर रखा जाता है, मोम का लेप भोजन को एक स्वादिष्ट स्वाद देने के लिए घुल जाता है।जबकि प्लास्टिक और थर्माकोल की प्लेटों को कैमिकल्स का इस्तेमाल होता है। इस तरह के पत्ते नॉन-बायो डिग्रेडेबल हैं और टूटने में कई साल लगते हैं। लेकिन केले के पत्ते इको-फ्रेंडली होते हैं और इन्हें खाद में बदला जा सकता है।अपने बर्तनों को साफ करने में पानी बर्बाद करने के बजाय, केले के पत्तों पर खाना खाना न केवल सुविधाजनक है, बल्कि व्यंजनों को परोसने में समय और ऊर्जा भी बचाता है। वहीं साफ-सफाई का भी इसके साथ ज्यादा कोई झंझट नहीं होता है।

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