हार्ट अटैक आने पर फर्स्ट ऐड (First Aid) देकर बचा सकते हैं मरीज की जान, डॉक्टर से जानें सावधानियां

Heart Attack First Aid in Hindi: हार्ट अटैक आने पर मरीज को पहले 15 मिनट के भीतर प्राथमिक उपचार देने से जान बच सकती है, जानें कैसे दें फर्स्ट ऐड। 

Written by: Prins Bahadur Singh Updated at: 2022-09-28 14:01

Heart Attack First Aid in Hindi: हार्ट से जुड़ी बीमारियां अब सिर्फ बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि कम उम्र के लोगों में भी तेजी से बढ़ रही हैं। असंतुलित खानपान, भागदौड़ भरी जीवनशैली और स्मोकिंग आदि के कारण कम उम्र के युवाओं में भी हार्ट अटैक, फेलियर और कार्डियक अरेस्ट की समस्या देखने को मिलती है। हार्ट अटैक का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं और इस स्थिति में मरीज की सही सहायता नहीं कर पाते हैं। हार्ट अटैक आने पर अगर मरीज को सही प्राथमिक उपचार (Heart Attack First Aid) दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। सही समय पर प्राथमिक इलाज मिलने से मरीज के हार्ट को डैमेज होने से बचाया जा सकता है और मरीज की जान जाने का खतरा भी कम होता है। दुनियाभर में दिल से जुड़ी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 28 सितंबर को World Heart Day यानी विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर आइए मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पटपड़गंज के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. परनीश अरोड़ा से जानते हैं कि हार्ट अटैक आने पर मरीज को फर्स्ट ऐड कैसे दें और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखें।

हार्ट अटैक आने पर प्राथमिक उपचार- Heart Attack First Aid in Hindi

डॉ. परनीश बताते हैं कि अगर मरीज को अस्पताल में या अस्पताल के आसपास हार्ट अटैक आता है, तो उसे तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट मिल जाता है और इससे उसकी जान बचाई जा सकती है। लेकिन अगर किसी मरीज को ऐसी जगह पर हार्ट अटैक आता है जहां से हॉस्पिटल तक पहुंचने में समय लगेगा, तो मरीज की जान बचाने के लिए उसे सबसे पहले प्राथमिक उपचार जरूर देना चाहिए। एक आंकड़े के मुताबिक हार्ट अटैक आने के बाद 50 प्रतिशत मरीज हॉस्पिटल पहुंच पाने से पहले जान गवां देते हैं। इन मरीजों को हार्ट अटैक आने के बाद फर्स्ट ऐड नहीं मिल पाता है। 

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हार्ट अटैक आने पर मरीजों को फर्स्ट ऐड कैसे दें?

  • हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले मरीज ठंडी जगह पर लिटाएं और हॉस्पिटल इमरजेंसी या एम्बुलेंस को कॉल करें। 
  • अगर मरीज के कपड़े टाइट हैं या कालर बंद है, तो उसे ढीला न करें या उसे खोलने की कोशिश न करें। 
  • अगर मरीज बेहोश हो गया है तो उसके हार्ट को फंक्शन करने के लिए सीपीआर दें। 
  • (मरीज को सीपीआर कैसे देते हैं? जानने के लिए यहां क्लिक करें)
  • मरीज की धड़कन चेक करने के बाद उसे एस्पिरिन की टैबलेट चबाने के लिए दें।
  • इसके अलावा जितनी जल्दी हो सके मरीज को हॉस्पिटल पहुंचाएं।

हार्ट अटैक आने के लक्षण- Heart Attack Symptoms in Hindi

हार्ट तक जबी सही मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है, तो हार्ट के टिश्यूज पर गहरा असर पड़ता है, इसकी वजह से मरीज को हार्ट अटैक आता है। हार्ट अटैक आने से पहले मरीज को कई तरह की परेशानियां होती हैं। इसकी वजह से सीने में गंभीर दर्द, सांस लेने में तकलीफ और घबराहट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हार्ट अटैक आने से पहले दिखने वाले लक्षणों को पहचानकर सही कदम उठाने से मरीज की स्थिति कंट्रोल में की जा सकती है। हार्ट अटैक आने पर दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं-

  • चेस्ट में भारीपन
  • सीने या चेस्ट में तेज दर्द
  • सांस लेने में परेशानी
  • अचानक पसीना आना
  • घबराहट और बेचैनी
  • मतली या उल्टी की समस्या
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हार्ट अटैक आने पर पहले 15 मिनट के भीतर मरीज को प्राथमिक चिकित्सा देने से उसकी जान बचाई जा सकती है। हार्ट अटैक के मरीज को प्राथमिक उपचार देते समय जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। मरीज को जितनी जल्दी हो सके अस्पताल जरूर पहुंचाना चाहिए।

(Image Courtesy: Freepik.com)

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