माइग्रेन के लिए वैकल्पिक उपचार

माइग्रेन की समस्या होने पर लोग सिर दर्द से परेशान रहते हैं। ऐसे में लोगों की दवाओं पर निर्भरता काफी बढ़ जाती है जो कि स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। ऐसे में आपको कुछ वैकल्पिक उपचारों को भी आजमाना चाहिए।
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माइग्रेन के लिए वैकल्पिक उपचार


माइग्रेन एक प्रकार का मस्तिष्क विकार है, जिसमें सिरदर्द होता है। यह प्राय: शाम के समय प्रारंभ होता है। इसमें दर्द 2 से 72 घंटे तक हो सकता है।माइग्रेन के दर्द से बचने के लिए लोग दवा पर ज्यादा निर्भर रहते हैं जो कि ठीक नहीं है। क्या आपने कभी इसके वैकल्पिक उपचार के बारे में सोचा है। ये वैकल्पिक उपचार भी इसके दर्द को कम करने में मददगार साबित होते हैं।


treatment of migraineसभी जानते हैं कि माइग्रेन में होने वाला सिरदर्द कितना तकलीफदेह होता है। यह दर्द अचानक ही शुरू होता है और अपने आप ही ठीक भी हो जाता है। हाथों के स्पर्श से मिलने वाला आराम और प्यार किसी भी दवा से ज्यादा असर करता है। कुछ लोग तो इन उपचारों की मदद से ही इस दर्द को काबू में कर लेते हैं। आइए जानें माइग्रेन के वैकल्पिक उपचारों के बारे में-

 

  • सिर दर्द होने पर बिस्तर पर लेट कर दर्द वाले हिस्से को बेड के नीचे लटकाएं। सिर के जिस हिस्से में दर्द हो, उस तरफ वाली नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डालें, फिर जोर से सांस ऊपर की ओर खीचें। इससे सिर दर्द में राहत मिलेगी।
  • माइग्रेन के दर्द से बचने के लिए दालचीनी को पानी के साथ बारीक पीस ले और इस लेप माथे पर लेप लगाएं। जब यह लेप सूख जाए तो हटा लें। कुछ ही देर में आपको माइग्रेन के दर्द से राहत मिलेगी।
  • भूखे रहने पर भी यह दर्द बढ़ सकता है। इसलिए ज्‍यादा देर तक भूखे न रहें, थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहें। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन फायदेमंद रहता है। गाजर और खीरा भी फायदेमंद है। मैग्निशियम से भरपूर गज़ा माइग्रेन में फायदेमंद होता है।
  • दर्द होने पर मछली के तेल की सिर में मालिश करने से काफी आराम मिलता है। मालिश करने से सिकुड़ी हुई धमनियां फैल जाती हैं। मछली का सेवन भी माइग्रेन को कम करता है। इसमें पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड दर्द से राहत देता है।
  • चाइनीज नूडल्स जैसे कई व्यंजनों में अजीनोमोटो का इस्तेमाल होता है जिसे एमएसजी 'मोनो सैचुरेटेड ग्लूमेट' भी कहते हैं। कई बार इसके सेवन से माइग्रेन के मरीजों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
  • जब माइग्रेन दर्द आपको सताने लगे तो कपूर को घी में मिला कर सिर पर हल्के हाथों से मालिश करें। इससे दर्द में आराम मिलेगा।
  • डिब्बाबंद या प्रोसेस्ड डाइट भी माइग्रेन का ट्रिगर हो सकती है। रेडी टू ईट भोजन, कप नूडल्स, जंकफूड आदि में प्रिजर्वेटिव्स, सोडियम का इस्तेमाल अधिक होता है जो माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकता है।
  • अंगूर के रस का सेवन माइग्रेन के इलाज में सहायक होता है। इसके अलावा गाजर, चुकंदर, पालक, खीरे के रस का सेवन प्रभावी होता है।
  • इस दर्द में अगर सिर, गर्दन और कंधों की मालिश की जाए तो यह इस दर्द से राहत दिलाने बहुत मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए हल्की खुशबू वाले अरोमा तेल का प्रयोग किया जा सकता है।
  • एक तौलिये को गर्म पानी में डुबाकर, उस गर्म तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की मालिश करें। कुछ लोगों को ठंडे पानी से की गई इसी तरह की मालिश से भी आराम मिलता है। इसके लिए आप बर्फ के टुकड़ों का उपयोग भी कर सकते हैं।
  • रोगी को अपने भोजन में मेथी, बथुआ, अंजीर, आंवला, नींबू, अनार, अमरूद, सेब, संतरा तथा धनिया अधिक लेना चाहिए। इसके अलावा मसालेदार भोजन कम खाना चाहिए।  
  • प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा नाक से भाप देकर रोगी व्यक्ति के माइग्रेन रोग को ठीक किया जा सकता है। नाक से भाप लेने के लिए सबसे पहल एक छोटे से बर्तन में गर्म पानी लेना चाहिए। इसके बाद रोगी को उस बर्तन पर झुककर नाक से भाग लेना चाहिए। इस क्रिया को कुछ दिनों तक करने के फलस्वरूप माइग्रेन रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
  • इसके अलावा विटामिन बी से भरपूर चीजों का सेवन करें। विटामिन माइग्रेन रोगियों के लिए आवश्यक माना गया है। गाजर का रस और पालक का रस दोनों करीब 300 मिलीटर मात्रा में पीएं। यह इस रोग काफी गुणकारी है।

 

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