
Piyush Pandey Death: 'अबकी बार मोदी सरकार' और 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' जैसे यादगार विज्ञापन देने वाले पीयूष पांडे का निधन हो गया है 70 वर्ष की उम्र में कोमा से जूझ रहे पीयूष ने शुक्रवार को दुनिया को अलविदा कहा। पीयूष ने भारतीय विज्ञापन को अपनी सरल भाषा दी है। 'ठंडा मतलब कोका-कोला', 'फेविकोल का जोड़' जैसे क्रिएटिव एड के पीछे भी पीयूष ही थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम ने लिखा, 'पीयूष पांडे क्रिएटिविटी के लिए जाने जाते थे। विज्ञापन की दुनिया में उन्होंने शानदार योगदान दिया। मैं उनके साथ हुई बातचीत को सालों तक संजोकर रखूंगा। उनके दुनिया से जाने से बहुत दुखी हूं। उनके परिजन के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।
पद्मश्री से सम्मानित हो चुके हैं पीयूष- Padma Shri Piyush Pandey

भारतीय विज्ञापन जगत मे उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। पीयूष को पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। पीयूष ने ‘हमारा बजाज’, ‘फेविकॉल का जोड़’, ‘कैडबरी का कुछ खास है’, ‘दो बूंद जिंदगी की’ पोलियो अभियान और ‘अबकी बार मोदी सरकार’ जैसे आइकॉनिक विज्ञापनों से भारतीय विज्ञापन को नई पहचान दी है। पीयूष ने हच के पग वाले विज्ञापन जैसी रचनाएं तैयार की थीं।
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Shri Piyush Pandey Ji was admired for his creativity. He made a monumental contribution to the world of advertising and communications. I will fondly cherish our interactions over the years. Saddened by his passing away. My thoughts are with his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 24, 2025
एड गुरु पीयूष पांडे की मौत कैसे हुई?
प्रसिद्ध विज्ञापन गुरु पीयूष पांडे का निधन 23 अक्टूबर 2025 को हुआ। उनकी उम्र 70 वर्ष थी। वे लंबे समय से संक्रमण से जूझ रहे थे, जो गंभीर रूप ले चुका था। अंततः उन्होंने मुंबई में शुक्रवार सुबह अंतिम सांस ली। उनकी रचनात्मकता और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें भारतीय विज्ञापन का शिखर पुरुष बना दिया। उनकी अंतिम यात्रा मुंबई के शिवाजी पार्क में शनिवार सुबह 11 बजे होगी। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई प्रमुख हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।
कौन थे पीयूष पांडे?- Who Is Piyush Pandey
पीयूष पांडे का जन्म 1955 में जयपुर में हुआ था। उनके भाई प्रसून पांडे फिल्म निर्देशक हैं, जबकि बहन ईला अरुण गायिका और अभिनेत्री रह चुकी हैं। उनके पिता राजस्थान राज्य सहकारी बैंक में कार्यरत थे। पीयूष ने 1982 में विज्ञापन जगत में कदम रखा और ओगिल्वी इंडिया में क्लाइंट सर्विसिंग एक्जीक्यूटिव के रूप में शामिल हुए।
पीयूष को उनके सराहनीय काम के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
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Oct 24, 2025 13:28 IST
Modified By : Yashaswi MathurOct 24, 2025 13:28 IST
Modified By : Yashaswi MathurOct 24, 2025 13:28 IST
Published By : Yashaswi Mathur