Activities To Boost Mental Health Of Children In Hindi: हाल के सालां में हमने देखा है कि बड़े ही नहीं, बल्कि बच्चे भी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से गुजर रहे हैं। इसकी वजहें कई सारी हैं, जैसे पियर प्रेशर का बढ़ना, अच्छे नंबरों को लेकर कंपीटीशन होना, दूसरों से बेहतर परफॉर्म करना आदि। एक जमाना था, जब बच्चे खेल-कूद कर अपनी इस तरह की परेशानियों को भूल जाते थे। ऐसी एक्टिविटी बच्चों की मेंटल हेल्थ को सुधारने और एकेडेमिक पढ़ाई बेहतर करने के काम आती थी। लेकिन, अब इंटरनेट, सोशल मीडिया और गैजेट्स आदि ने बच्चों को घर के अंदर समेट कर रख दिया है। बच्चे आउटडोर गेम्स खेलने के बजाय घर के अंदर बैठकर वीडियो गेम्स खेलना और सोशल मीडिया में अपना समय बिताना ज्यादा पसंद करते हैं। जबकि, इससे उनकी मेंटल हेल्थ में सुधार होने के बजाय, नेगेटिविटी बढ़ रही है। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों की लाइफस्टाइल में कुछ विशेष किस्म की एक्टिविटी को शामिल करें। इससे उनकी मेंटल हेल्थ में सुधार होगा और वे फिजिकली भी फिट रहेंगे। इस बारे में हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।
बच्चों को एक्सरसाइज करने को कहें- Ask Children To Do Exercise Regulary In Hindi
मेंटल हेल्थ में सुधार करने के लिए बच्चों को रेगुलर एक्सरसाइज करने का कहें। तमाम विशेषज्ञ भी इस बात पर समर्थन देते हैं कि एक्सरसाइज मेंटल हेल्थ में सुधार का बेहतरीन तरीका है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें, तो एक्सरसाइज करने से हमार मूड बेहतर होता है, हमें मोटिवेटेड रखता है और फिजिकल हेल्थ में भी सुधार करता है। यही नहीं, यह हमारी सेल्फ एस्टीम को भी बढ़ावा देता है।’ इस तरह देखा जाए, तो बच्चों की लाइफ में एक्सरसाइज को शामिल कर, उन्हें मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें: अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए रोज करें ये 5 एक्सरसाइज, तन-मन रहेगा स्वस्थ
बच्चों को आउटडोर एक्टिविटी में एनरोल करवाएं- Enroll Children In Outdoor Activities In Hindi
बच्चों के लिए जितना जरूरी रोजाना एक्सरसाइज करवाना है, उतनी ही जरूरी उनके लिए आउटडोर एक्टिविटीज हैं। यह बात हर कोई जानता है कि आज के समय में ज्यादातर बच्चे अपना समय मोबाइल देखने या उसमें खेलने में बिता देते हैं। इसका बच्चों की मेंटल हेल्थ और बिहेवियर पर नेगेटिव असर पड़ता है। इसमें सुधार के बच्चों को आउटडोर एक्टिविटी खेलने के लिए मोटिवेट किया जा सकता है। हालांकि, आजकल बच्चे बाहर खेलने-कूदने नहीं जाते हैं। इसलिए, उन्हें किसी एक्टिविटी या स्पोर्ट्स में एनरोल करवाना अच्छा आइडिया हो सकता है।
इसे भी पढ़ें: खेल-कूद में एक्टिव रहने वाले बच्चों की मेंटल हेल्थ होती है ज्यादा बेहतर, स्टडी में हुआ खुलासा
बच्चों को सोशल होने को कहें- Tell Children To Be Social In Hindi
लोगों से बातचीत करना, इवेंट्स में जाना, फंक्शन में हिस्सा लेना भी बच्चों के लिए बहुत जरूरी होता है। हमने देखा है कि 90 के दशक तक पेरेंट्स बच्चों से बिना पूछने उन्हें सभी समारोह या आसपास हो रहे फंक्शन में ले जाते थे। इस तरह उनके दोस्तों की संख्या बढ़ती थी और वे बिना कोशिश किए ही सोशल स्किल यानी दूसरों से बातचीत का तरीका सीख जाते थे। वहीं, आज के बच्चे मी-टाइम कहकर या प्राइवेसी का नाम देकर कहीं भी जाना पसंद नहीं करते हैं। खासकर पेरेंट्स के दोस्तों के सामने जाना उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं है। पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चों को सोशल होने की कला सिखाएं।
इसे भी पढ़ें: बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए पेरेंट्स ध्यान रखें ये बातें
बच्चों को समय पर सोने की आदत डालें- Make Children Habit Of Sleeping On Time In Hindi
समय पर सोना और पर्याप्त मात्रा में गहरी नींद लेना सबकी मेंटल हेल्थ में सुधार के लिए जरूरी है। टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पीटल में प्रकाशित एक लेख की मानें, तो बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लेना उनकी मेंटल हेल्थ बेहतर रखने के लिए आवश्यक मानी जाती है। असल में, अगर बच्चे पर्याप्त नहीं नहीं लेते हैं, तो इससे उनकी मेंटल हेल्थ का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है। इससे उनके मूड पर बुरा असर पड़ता है, वे चिड़चिड़े रहते हैं और अक्सर समस्याओं से खुद को घिरा हुआ पाते हैं। ऐसे बच्चे न अच्छे दोस्त बना पाते हैं और न ही उनकी हेल्थ बेहतर रहती है। पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों को रोजाना समय पर सोने की आदत को मोटिवेट करें।
बच्चों का खानपान सही रखें- Keep Children's Diet Right In Hindi
डाइट का न सिर्फ हमारी फिजिकल हेल्थ, बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी अच्छा असर पड़ता है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो जब बच्चे पौष्टिक आहार लेते हैं, तो इससे वे स्वस्थ रहते हैं, इम्यूनिटी बूस्ट होती है और मूड पर भी इसका अच्छा असर पड़ता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित लेख के अनुसार, "हेल्दी डाइट की मदद से महज 8 साल के बच्चों में भी डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। यहां तक कि अच्छी डाइट की मदद से बच्चों की इमेजिनेशन पॉवर बेहतर होती है, दूसरों से बातचीत के सलीके सुधरते हैं और भी कई फायदे मिलते हैं।" कुल मिलाकर आप कह सकते हैं कि हेल्दी डाइट की मदद से बच्चों की मेंटल हेल्थ में सुधार किया जा सकता है।
image credit: freepik