बच्चे की सेहत पर असर डाल सकते हैं जन्म के ये 3 महीने

वो महीना जिसमें महिला गर्भधारण या प्रसव करती है, उसका बच्चों की सेहत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
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बच्चे की सेहत पर असर डाल सकते हैं जन्म के ये 3 महीने


बच्चे के जन्म से ठीक पहले और बाद का वक्त उसके विकास और भविष्य के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। रिसर्च ये साबित कर चुकी है कि एक माँ के तनाव के स्तर से लेकर धूम्रपान, कीटनाशकों और पालतू जानवरों की रूसी तक सब कुछ ऐसा है जो बच्चे के बीमारी के जोखिम को बड़ा सकता है। इनका असर बच्चे की पूरी ज़िंदगी तक बना रह सकता है। लेकिन एक और चीज़ है जिसके बारे में आपने नहीं सोचा होगा कि उसका बच्चे की सेहत पर असर पड़ सकता है : वो महीना जिसमें बच्चे का जन्म होता है- या कुछ मामलों में, जिस महीने में गर्भ धारण किया जाता है। हाल में हुई काफी सारी स्टडीज ने एक बच्चे के जन्म के लिए दिलचस्प सहसंबंध और संभावित निहितार्थ को खोज निकाला है। यहां कुछ हैरान करने वाली खोज के बारे में जिक्र किया जा रहा है।

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मई से जुड़ी धारणाएं और समय से पहले जन्म


प्रिंस्टन यूनीवर्सिटी के सेंटर ऑफ हेल्थ एंड वेलबीइंग के पीएडी, अर्थशास्त्री हैन्स शॉन्ट और उनके सह-लेखक जैनेट कुरी की 2013 में की गई एक स्टडी के अनुसार, मई के महीने में गर्भधारण करने वाली महिलाओं की समय से पहले डिलीवरी का अन्य महिला से 10 प्रतिशत ज्यादा जोखिम होता है। रिसर्चरों ने ये अंदाज़ा लगाया कि जनवरी और फरवरी में इन्फ्लूएंजा की उच्च दर इसमें भूमिका निभा सकती है, क्योंकि ये ज्ञात हो चुका है कि फ्लू की पकड़ में आने से माँ को प्रीमैच्योर दर्द उठ सकता है।

लेकिन इससे मई का महीना गर्भाधान के लिए खराब नहीं हो जाता है। शॉन्ट कहते हैं, "कुछ सालों में, फ्लू का मौसम पहले आने लगेगा। इसका मतलब वो महिलाएं जो शुरूआती महीनों में गर्भाधान करेंगे उनका जोखिम अधिक बढ़ जाएगा।" इसके बावजूद गर्भवती महिला को फ्लू शॉट देने से वह और उसका बच्चा अभी या भविष्य में होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों से सुरक्षा पा सकता है।


पतझड़ के मौसम में जन्म और शारीरिक फिटनेस


स्पोर्ट्स मेडीसन के इंटरनेशनल जर्नल में 2014 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार नवंबर महीने में पैदा हुआ बच्चा अपनी ही उम्र के अप्रैल महीने में पैदा हुए बच्चे से कम से कम 10 प्रतिशत तेज़ भाग सकता है. 12 प्रतिशत ऊंची छलांग लगा सकता है और 15 प्रतिशत अधिक शक्तिशाली होता है। पतझड़ के महीने में पैदा होने वाले बच्चे साल के अन्य महीनों में पैदा हुए बच्चों से अधिक प्राकृतिक रूप से फिट होते हैं।

इसका संभावित कारण लेखक ये बताते हैं कि वे महिलाएं जो गर्मियों में गर्भधारण करती हैं, उन्हें सूर्य का पर्याप्त प्रकाश मिलता है। इसलिए वो अधिक विटामिन डी पैदा करती हैं, जो कि भ्रूण के विकास के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व है।

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वसन्त ऋतु के बच्चे और मल्टिपल स्क्लेरोसिस


गर्भ में विकास के दौरान विटामिन डी का निम्न स्तर भी बच्चे के लिए मल्टिपल स्क्लेरोसिस होने का जोखिम बढ़ा सकता है। ये खतरा बाद के जीवन के लिए होता है। क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन की एक स्टडी ने पाया कि मई महीने में पैदा हुए बच्चे के अंदर नवंबर के महीने में पैदा हुए बच्चे से 20 प्रतिशत कम विटामिन डी पाया जाता है। इससे शरीर का अपना इम्यून सिस्टम भी कमज़ोर हो जाता है।

पुरानी रिसर्च भी बताती हैं कि मई के महीने में पैदा हुए बच्चों में मल्टिपल स्क्लेरोसिस का खतरा सबसे अधिक होता है और नवंबर के महीने में पैदा हुए बच्चों में सबसे कम। रिसर्चर बताते हैं कि इसका कारण "सनशाइन विटामिन" हो सकता है।

इन सब के बावजूद, अगर आप मई महीने में गर्भाधान करती हैं तो डरे नहीं, या अगर आप नवंबर महीने में गर्भाधान करती हैं तो अपने बच्चे को ऑलम्पिक्स का खिलाड़ी बनाने के सपने न देखने लगें। बच्चे की सेहत पर समय का पड़ने वाला कोई भी प्रभाव इतना महत्वपूर्ण भी नहीं है कि आप गर्भावस्था के दौरान अच्छे खानपान, धूम्रपान और शराब से बचकर और नियमित रूप से व्यायाम करके उससे पार न पा सकें। शॉन्ट कहते हैं, "अगर आपकी कोई निजी वरीयता नहीं है, तो गर्भधारण या बच्चे को जन्म देने का कोई सबसे अच्छा या बुरा महीना नहीं होता।"

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Image Source : Getty Images

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