
गर्मी में होने वाली तमाम परेशानियों में बबूल फायदेमंद है। बीमारियों से बचने के लिए बबूल का उपयोग कैसे करना है इसके बारे में आयुर्वेदाचार्य ने बताया।
बबूल का पेड़ एक औषधिय पेड़ है। यह शरीर की गर्मी, सूजन, माहवारी के दोष, बालों के रोग आदि के उपचार में शामिल किया जाता है। आयुर्वेद में बबूल के पेड़ के कई उपयोग बताए गए हैं। बीमारियों को खत्म करने के लिए बबूल के पेड़ की छाल, पत्ते, लकड़ी और फली का कई तरह का इस्तेमाल बताया गया है। बबूल को रेगिस्तानी पेड़ कहा जाता है। क्योंकि यह कम पानी वाली जगहों पर उगता है। रेगिस्तान में इसकी बतौर खेती की जाती है। इसलिए यह वहां रोजगार का जरिया है। बबूल का पेड़ पानी के कटाव को भी रोकता है। यह पेड़ भारत में कई राज्यों में देखने को मिल जाता है। इसे देशी भाषा में कीकर भी कहा जाता है। बबूल के पेड़ से कौन सी बीमारियां ठीक होती हैं, इसका उपयोग कैसे करना चाहिए? आदि सवालों का जवाब आयुर्वेदाचार्य राहुल चतुर्वेदी ने दिया। इस लेख के माध्यम से जानते हैं बबूल के बारे में संपूर्ण जानकारी।
बबूल की पहचान
बबूल अकैसिया प्रजाति का पेड़ है। डॉ. राहुल चतुर्वेदी ने बताया कि बहुत से लोगों को बबूल की पहचान नहीं होती, इसलिए वे इसका उपयोग नहीं कर पाते। उन्होंने इसकी पहचान बताते हुए बताया कि बबूल के पेड़ के अंदर से सुईनुमा सफेद कांटे निकलते हैं। कई बार यह कांटे लाल रंग के भी होते हैं। पेड़ जब नया होता है तब इसके पत्ते हरे होते हैं और जब यह पुराना हो जाता है तब इसके पत्ते काले हो जाते हैं। कई बबूल के पेड़ में डार्क हरे रंग के पत्ते दिखाई देते हैं। बबूल के पत्तों का आकार बहुत छोटा होता है। यह पेड़ बहुत मोटे नहीं होते पर इनकी लंबाई बढ़ती रहती है। इसके फूल पीलें रंग के होते हैं।
बबूल के पेड़ में मौजूद पोषक तत्त्व
- विटामिन
- खनिज
- प्रोटीन
- आयरन
- जस्ता
- वसा
बबूल के फायदे (Benefits of babool)
अब तक आपने बबूल की दातून सुनी होगी। लेकिन बबूल दांतों के अलावा त्वचा के लिए, पेट के लिए व बालों के लिए आदि में मददगार साबित होता है। बबूल की जड़, छाल, पत्ते, टहनियां सभी का उपयोग शरीर के रोगों को खत्म करने के लिए किया जाता है। डॉ. राहुल चतुर्वेदी ने निम्न बबूल के पेड़ के निम्न फायदे बताए हैं-
हाथों-पैरों के पसीने को भगाए
डॉ. चतुर्वेदी का कहना है कि यह पेड़ बारहमासा है। इसका उपयोग हर मौसम में किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बहुत से लोगों को हाथों व पैरों में पसीना आने की समस्या रहती है। गर्मी के मौसम में यह परेशानी और बढ़ जाती है। लेकिन बबूल के पत्ते पीसकर पीने से इस परेशानी से फायदा मिलता है। शरीर से निकलने वाले पसीने में लाभ मिलता है। इसके अलावा गर्मी के कारण जिन लोगों को सिर में तपिश होने लगती है वे भी बबूल के पत्तों का सेवन कर सकते हैं।
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दस्त की समस्या से दिलाए निजात
बहुत से लोगों को गर्मी के मौसम में पेट की गर्मी के कारण दस्त जैसी परेशानियां होने लगती हैं। इस परेशानी के निपटारे के लिए बबूल बहुत फायदेमंद है। इसके लिए 100 ग्राम बबूल के हरे पत्ते पीस लें और उसमें 10 से 20 ग्राम मिश्री मिला लें और एक गिलास पानी में डालकर इसे पी जाएं। इस मिश्रण का सेवन मरीज को रोज सुबह खाली पेट करना है। इसका सेवन रात को न करें।
माहवारी की समस्या को दूर करे
जिन स्त्रियों को माहवारी के समय ज्यादा ब्लीडिंग होती है। उनके लिए बबूल फायदेमंद है। दरअसल माहवारी में हमेशा जितना ब्लड आता है अगर किसी को उससे ज्यादा आ रहा है तो उन स्त्रियों को बबूल का सेवन करना चाहिए। ऐसी स्त्रियों को बबूल के पत्ते खाने चाहिए। इन पत्तों को 6 से 7 दिन तक पीसकर पिएं। इससे परेशानी में आराम मिलता है। केवल माहवारी ही नहीं बल्कि बबूल के पत्ते स्त्रियों के कई रोगों में मददगार हैं। जिन स्त्रियों को ल्यूकोरिया यानि सफेद पानी की दिक्कत है वे भी इसके पत्तों का रस पी सकती हैं। इससे ल्यूकोरिया की समस्या खत्म होगी।
दांतों के लिए फायदेमंद
बबूल की पतली टहने से बना दातून दांतों के लिए फायदेमंद होता है। बबूल दांतों के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। जिन लोगों को पायरिया की दिक्कत हो जाती है वे लोग बबूल के पत्तों को रोज चबा सकते हैं। इसका रस मुंह में घुमाएँ। इससे पायरिया की दिक्कत खत्म होती है। तो वहीं जिन लोगों के दांतो कमजोर हो गए हैं। दांत हिलने लगे हैं, वे लोग भी बबूल के पेड़ की छाल को पानी में उबालकर उस पानी से रोज कुल्ला करें। इससे दांत मजबूत होते हैं। बबूल का रस कसैला होता है। यह दांतों में गोंद को पैदा करता है। इनैमिल को मजबूत करता है।
पेट रखे साफ
बदलती जीनशैली के कराण गैस, अपच, एसिडिटी, अफरा जैसी छोटों से लेकर बड़ों तक को यह परेशानियां हो रही हैं। इन सभी समस्याओं का समाधान एक बबूल का पेड़ है। अगर आपका भी पेट साफ नहीं रहता है। मल त्याग ठीक से नहीं होता है तो आपको आज से ही बबूल का सेवन करना शुरु कर देना चाहिए। इसके लिए बबूल के पत्ते सुखाकर बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें। इसका सेवन करने से पेट साफ रहता है।
महिलाओं में अंडों का विकास
बबूल का पेड़ स्त्रियों के लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है। इसके सेवन से स्त्रियों के कई रोग ठीक होते हैं। डॉ. राहुल चतुर्वेदी ने बताया कि जिन स्त्रियों में अंडों का विकास ठीक नहीं होता है। उन्हें 100 ग्राम सूखे हुए बबूल के पत्ते और 100 ग्राम मिश्री सुबह खाली पेट एक चम्मच खानी चाहिए। इससे परेशानी में लाभ मिलता है।
आंखों के लिए फायदेमंद बबूल
बढ़ते स्क्रीन एक्पोजर की वजह से आंखों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिन लोगों को आंखों की दिक्कतें हैं वे लोग बबूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। आंखों के लिए 100 ग्राम बबूल के पत्ते और 100 ग्राम मिश्री का चूर्ण बना लें। फिर उसे कपड़े से दो बार छान लें। इसके बाद इसका सेवन रोज सुबह खाली पेट करें। रोज एक चम्मच खाली पेट खाएं। इस चूर्ण को पानी के साथ खाएं। इस तरह इसका रोज सेवन करने से आंखों की समस्या दूर होती हैं।
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भूख बढाए
जिन लोगों को भूख नहीं लगती है, वे लोग भी बबूल का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए डॉ. राहुल चतुर्वेदी ने बताया कि 100 ग्राम बबूल के पत्ते, 100 ग्राम मिश्री और 100 ग्राम त्रिफला पीसकर चूर्ण बना लें। इसे सुबह शाम खाना खाने से एक घंटा पहले खाएं। इसे एक चम्मच रोज ले सकते हैं। इसे खाने भूख न लगने की समस्या दूर होगी।
बालों की समस्या को करे दूर
बबूल बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसका शैंपू बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है। बबूल के पत्तों का शैंपू बनाकर उसमें रीठा कंसंट्रेट मिलाएं। इसको बालों पर एक घंटा लगा रहने दें। फिर पानी से बाल धो लें। बालों का झड़ना, पतले होना, लंबे न हो आदि समस्याओं में निजात मिलती है।
रीठा कंसंट्रेट बनाने की विधि
एक किलो रीठा फोड़ लें और एक किलो बबूल के पत्ते चार किलो पानी में उबाल लें। उबालने के बाद जब एक किलो रह जाए तब यह रीठे का कंसंट्रेट हो जाता है। यह बालों में एक घंटा लगाकर रखें। इससे बालों के कई रोग खत्म हो जाते हैं। इसे बालों में हफ्ते में दो बार लगाएं।
बबूल शरीर के कई रोगों को खत्म करता है। जब तक आपको कोई परेशानी हो रही है तभी तक इसका सेवन करें। गर्मी के मौसम में कई रोगों में यह बबूल का पेड़ फायदेमंद है। बबूल के पेड़ के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि इस पेड़ को ज्यादा सेवा की जरूरत नहीं पड़ती। यह केवल शरीर के रोगों को ही नहीं बल्कि व्यापार का भी अच्छा स्रोत है।
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