ऑफिस में बनना है सबका चहेता, तो आपमें भी होनी चाहिए अच्छे टीम लीडर की ये 7 खूबियां

आज के दौर में कुछ वर्षों के अनुभव के बाद ही ज्यादातर कंपनियां काबिल युवाओं को टीम के नेतृत्व का अवसर प्रदान कर देती हैं।
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ऑफिस में बनना है सबका चहेता, तो आपमें भी होनी चाहिए अच्छे टीम लीडर की ये 7 खूबियां


आज के दौर में कुछ वर्षों के अनुभव के बाद ही ज्यादातर कंपनियां काबिल युवाओं को टीम के नेतृत्व का अवसर प्रदान कर देती हैं। अगर आप भी अच्छे टीम लीडर बनना चाहते हैं तो यहां दिए गए टिप्स आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं।

अगर आपके पास किसी विशेष फील्ड में कुछ वर्षों तक कार्य करने का अच्छा अनुभव है तो आप जल्दी ही टीम लीडर बन सकते हैं। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि कोई भी कंपनी केवल कार्यकुशलता के आधार पर किसी कर्मचारी के हाथों में टीम का नेतृत्व नहीं सौंपती क्योंकि इसके लिए व्यक्ति में कुछ अन्य खूबियां भी होनी चाहिए, जो इस प्रकार हैं।

अच्छी कम्युनिकेशन स्किल

किसी टीम का नेतृत्व संभालने के लिए व्यक्ति को बातचीत की कला में निपुण होना चाहिए। अधीनस्थ सहयोगियों से काम लेने और उनके साथ सही तालमेल बिठाने के लिए उनसे संवाद जरूरी है। यह तभी संभव है, जब अपने काम को लेकर व्यक्ति के पास स्पष्ट नजरिया हो और हर बात को सरल ढंग से समझाने की क्षमता हो। सही ढंग से काम करवाने का गुण भी लीडर में होना चाहिए।

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मजबूत लीडरशिप

दूसरों से काम लेने के लिए टीम लीडर का टैलेंटेड और एनर्जेटिक होना जरूरी है। उसे अच्छे ढंग से काम करते देख कर ही अधीनस्थ कर्मचारी भी मेहनत करने के लिए प्रेरित होते हैं। योग्य व्यक्ति के मजबूत नेतृत्व में ही टीम अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ती है।    

जरूरी है विश्वास

अच्छा टीम लीडर अपने सहकर्मियों पर भरोसा रखता है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लीडर और कर्मचारियों के बीच आपसी विश्वास जरूरी है। किसी भी प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी अनिवार्य बातें अपने कर्मचारियों से अवश्य शेयर करें, ताकि वे बिना रुकावट आसानी से काम कर सकें।

लक्ष्य में एकरूपता

हर टीम में अलग-अलग सोच के लोग शामिल होते हैं। ऐसे में थोड़ा वैचारिक मतभेद होना स्वाभाविक है। टीम लीडर का फर्ज है कि वह उन्हें निजी स्वार्थ और गुटबंदी से ऊपर उठ कर अपने कार्य पर फोकस करना सिखाए।  

सहज है मतभेद

हर ऑफिस में काम के तरीके को लेकर वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। इसकी वजह से होने वाली बहस हमेशा नेगेटिव नहीं होती, बल्कि कई बार इससे बेहतर रास्ते भी निकल आते हैं। किसी प्रोजेक्ट की कार्यशैली को लेकर अगर कोई कलीग अलग राय जाहिर करे तो उसकी बातें ध्यान से सुनें और अगर उसके सुझाव सही हों तो उन पर अमल भी करें।

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पॉजिटिव सोच है जरूरी

ऑफिस में कामकाज के दौरान कुछ बाधाएं आना स्वाभाविक है। टीम का हर सदस्य परफेक्ट नहीं हो सकता। हर इंसान में खूबियों के साथ खामियां भी होती हैं। केवल पॉजिटिव सोच के बल पर ही अच्छा टीम लीडर मुश्किल स्थितियों में भी बेहतर रिजल्ट दे सकता है।

ईमानदारी की ताकत

अगर आप अपनी टीम का कुशल नेतृत्व करना चाहते हैं तो अधीनस्थों के प्रति ईमानदारी जरूरी है। निजी पसंद-नापसंद और दोस्ती को दरकिनार कर ईमानदारी से उनके कार्यों का मूल्यांकन करें। कार्यों का विभाजन करते समय उनकी क्षमता और रुचियों का ध्यान रखें, साथ ही समय-समय पर सहकर्मियों का मार्गदर्शन भी करते रहें।

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